भारत में सार्वजनिक बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन (BEV) चार्जिंग स्टेशनों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो फरवरी 2022 में 1,800 से बढ़कर इस साल मार्च में 16,347 हो गई है, जो लगभग नौ गुना वृद्धि को दर्शाती है।
भारत में ईवी चार्जिंग का बाजार तेजी से बढ़ रहा है, जैसा कि ग्लोबल एडवाइजरी फर्म फॉर्विस मजार्स(Forvis Mazars )की रिपोर्ट में कहा गया है। रिपोर्ट में बताया गया कि यह मजबूत इन्फ्रास्ट्रक्चर विस्तार बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह ईवी की बढ़ती मांग के साथ मेल खाता है। यह मांग बढ़ती पर्यावरण जागरूकता, ईंधन की बढ़ती कीमतों, और सरकार द्वारा दिए जा रहे समर्थनकारी प्रोत्साहनों से प्रेरित है, जिससे एक अधिक स्थायी परिवहन भविष्य की नींव रखी जा रही है।
फॉर्विस मजार्स इंडिया के ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स सेक्टर के पार्टनर, रोहित चतुर्वेदी ने कहा वर्ष 2030 तक, भारत के पैसेंजर वाहन बाजार में लगभग एक-तिहाई हिस्सेदारी इलेक्ट्रिक वाहनों की होने का अनुमान है, जो महत्वपूर्ण इन्फ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता को दर्शाता है।
भारत में पिछले वित्तीय वर्ष में ईवी की बिक्री तीन गुना हो गई, खासकर दोपहिया और तिपहिया वाहन क्षेत्रों में।रिपोर्ट में कहा गया है कि ईवी को अपनाने और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बढ़ाने के कई कारण हैं, जैसे कम लागत, उपयोग में आसानी, टिकाऊ विकल्प, बढ़ते सप्लायर नेटवर्क, उत्पादों का कस्टमाइजेशन, और सरकार द्वारा दिए जा रहे FAME-II जैसे प्रोत्साहन।
वर्ष 2030 तक भारत में लगभग 50 मिलियन ईवी सड़कों पर होने का अनुमान है, और बाजार का आकार $48.6 बिलियन तक पहुँचने की उम्मीद है। 1-40 के अनुपात को पूरा करने के लिए, भारत को हर साल 4,00,000 से ज्यादा चार्जर स्थापित करने होंगे, जिससे 2030 तक कुल 13.2 लाख चार्जर हो जाएंगे।
सरकार की फास्टर अडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ हाइब्रिड एंड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) योजना ईवी अपनाने और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की वृद्धि के लिए प्रोत्साहन प्रदान करती है। भारी उद्योग मंत्रालय ने हाल ही में सूचित किया कि उसने विभिन्न राज्यों में 2,877 ईवी चार्जिंग स्टेशनों और 16 हाईवे और नौ एक्सप्रेसवे पर 1,576 स्टेशनों को मंजूरी दी है।
चतुर्वेदी के अनुसार, बढ़ती मांग को पूरा करने और रेंज की चिंता को कम करने के लिए भारत को सार्वजनिक चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने की जरूरत है।रिपोर्ट में उल्लेख किया गया है कि 2030 तक भारत के पैसेंजर वाहन बाजार का लगभग एक-तिहाई हिस्सा इलेक्ट्रिक होने का अनुमान है, इसलिए सार्वजनिक चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना अत्यंत महत्वपूर्ण है।