देश में सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम के लिए पहली स्वदेशी वैक्सीन ‘क्वैड्रीवैलेंट’ ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचवीपी) लॉन्च की गई है। ये वैक्सीन सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) की ओर से बनाई गई है। भारतीय फॉर्मा रेगुलेटर डीसीजीआई ने पिछले महीने एसआईआई को सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन बनाने की इजाजत दी थी।
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला ने गुरुवार को यह कहा सर्वाइकल कैंसर की वैक्सीन अगले कुछ महीनों में उपलब्ध हो जाएगी। इस वैक्सीन को पहले देश में दिया जाएगा और बाद में दुनिया को उपलब्ध कराई जाएगी। सर्वाइकल कैंसर वैक्सीन की कीमत भारत में 200-400 रुपये के बीच होगी। हालांकि, अभी अंतिम कीमत तय नहीं की गई है। उन्होने कहा अगले दो सालों में 20 करोड़ डोज बनाने की तैयारी की जा रही है। सर्वाइकल कैंसर के लिए 'मेड इन इंडिया' वैक्सीन को लेकर विशेषज्ञों में काफी उत्साह है।
सर्वाइकल कैंसर एक प्रकार का कैंसर है, जो गर्भाशय ग्रीवा की कोशिकाओं में होता है। ह्यूमन पैपिलोमा वायरस (एचवीपी) जो कि एक यौन संचारित संक्रमण है। ये वायरस सर्वाइकल कैंसर पैदा करने में सबसे ज्यादा जिम्मेदार है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार, देश में हर साल 1.67 लाख हजार से ज्यादा मामले सर्वाइकल कैंसर के आते हैं। इसमें से 60 हजार से ज्यादा महिलाओं की मौतें हो जाती हैं। भारत में 2019 में 42 लाख महिलाओं की जान सर्वाइकल कैंसर के कारण हुई है।
भारत में 15-44 वर्ष की महिलाओं में ये बीमारी आम है। 30 वर्ष से ऊपर की महिलाओं में ये बीमारी हो सकती है। किसी महिला में सर्वाइकल कैंसर विकसित होने में 15-20 वर्ष का वक्त लगता है। लेकिन कमजोर इम्युन सिस्टम वाली महिलाओं में यह 5-10 वर्ष में ही हो सकता है। एचपीवी में लंबे समय तक होने वाले इंफेक्शन ही सर्वाइकल कैंसर का कारण बनता है। केंद्र सरकार के राष्ट्रीय वैक्सीनेशन अभियान में इस वैक्सीन को शामिल करना, महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर की समस्या को कम करने की दिशा में ठोस कदम साबित हो सकता है।