इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) ने विकासशील और अल्प-विकसित देशों में सौर ऊर्जा अपनाने को बढ़ावा देने के उद्देश्य से सौर परियोजनाओं के लिए वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) को मौजूदा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर परियोजना लागत का 35 प्रतिशत करने का निर्णय लिया है।यह फैसला इंटरनेशनल सोलर एलायंस की छठी बैठक के दौरान लिया गया। बैठक में 20 देशों के मंत्रियों,116 सदस्य और हस्ताक्षरकर्ता देशों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया, जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने की, जो आईएसए के प्रेसिडेंट भी हैं। सिंह ने बताया कि वैश्विक आबादी का 80 प्रतिशत, या लगभग 6 बिलियन लोग, जीवाश्म ईंधन आयात पर अत्यधिक निर्भर हैं।
उन्होंने सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए आईएसए के समर्पण पर जोर दिया और 2030 तक वैश्विक बिजली की 65 प्रतिशत मांग को पूरा करने और 2050 तक बिजली क्षेत्र के 90 प्रतिशत को डीकार्बोनाइज करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता का हवाला दिया। इस दिशा में आईएसए अपने वायबिलिटी गैप फंडिंग (वीजीएफ) तंत्र के माध्यम से प्रति देश प्रति परियोजना 150,000 डॉलर या परियोजना लागत का 10 प्रतिशत (जो भी कम हो) का अनुदान प्रदान करता है। असेंबली ने देशों और उनकी संबंधित परियोजनाओं की क्षमता और जरूरतों के आधार पर सीमा को परियोजना लागत के 35 प्रतिशत तक बढ़ाने का निर्णय लिया।
सौर ऊर्जा विकास को बढ़ावा देने वाले भारत के नियामक ढांचे की ओर ध्यान आकर्षित करते हुए, सिंह ने अन्य देशों के लिए भारत के प्रयासों पर प्रभाव डालने की आकांक्षाएं साझा कीं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, भारत की मौजूदा सौर क्षमता 67.078 गीगावॉट है, जो देश की कुल क्षमता का 16.1 प्रतिशत है, 2030 तक इसे 292 गीगावॉट तक बढ़ाने की महत्वाकांक्षा है। वर्ष 2015 में इंटरनेशनल सोलर एलायंस (आईएसए) के निर्माण और इसके विस्तार के माध्यम से भारत खुद को नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में एक पथप्रदर्शक के रूप में स्थापित करने की कोशिश कर रहा है और वैश्विक दक्षिण की आवाज बनने की भी कोशिश कर रहा है।
ग्रीन फाइनेंसिंग के महत्व पर जोर देते हुए सिंह ने विकसित देशों से सीओपी21 के दौरान की गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करने, नवीकरणीय ऊर्जा के प्रसार को सुनिश्चित करने की अपेक्षा व्यक्त की।
इंटरनेशनल सोलर एलायंस के डायरेक्टर जेनरल डॉ. अजय माथुर ने कहा कि जीएसएफ विभिन्न अंतरराष्ट्रीय दानदाताओं से क्राउडसोर्सिंग निवेश की दिशा में काम कर रहा है। हमें खुशी है कि भारत सरकार, सीआईएफएफ और ब्लूमबर्ग फिलैंथ्रोपीज से सहयोग मिल रहा है। इससे अफ्रीका में विकेंद्रीकृत सोलर एप्लीकेशन में निवेश करने के लिए निवेशकों का विश्वास बढ़ेगा और उनके निवेश पर रिटर्न मिलने में निश्चितता बढ़ेगी। इससे वैश्विक निवेश पैटर्न में बड़ा बदलाव देखने को मिल सकता है।
आईएसए ने इस बात पर प्रकाश डाला कि जीएसएफ को अफ्रीका में परियोजनाओं के लिए निवेशकों में भरोसे का भाव पैदा करने और 10 अरब डॉलर के निवेश के लिए सक्षम बनाने के लिए डिजाइन किया गया है, जो 2030 तक 35-40 मिलियन अफ्रीकी घरों में स्वच्छ ऊर्जा की पहुंच सुनिश्चित करेगा। इससे क्षेत्र के करीब 200 मिलियन लोगों को फायदा होगा।
इंटरनेशनल सोलर एलायंस ने घोषणा की कि ग्लोबल सोलर फैसिलिटी (जीएसएफ), सौर ऊर्जा परियोजनाओं में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए आईएसए द्वारा गठित एक फंड, 35 मिलियन डॉलर का पूंजी योगदान प्राप्त करने के लिए तैयार है।
जीएसएफ को अफ्रीका के भौगोलिक क्षेत्रों में सौर निवेश को बढ़ाने के लिए डिजाइन किया गया है। इस प्रक्रिया में वाणिज्यिक पूंजी के लिए भी रास्ते खोले गए हैं। पिछले साल आईएसए असेंबली ने ग्लोबल सोलर फैसिलिटी (वैश्विक सौर सुविधा) को मंजूरी दी थी, जिसके ऑफ-ग्रिड सौर परियोजनाओं, रूफटॉप सौर परियोजनाओं और उत्पादक उपयोग वाली सौर परियोजनाओं में निजी पूंजी के प्रवाह को आकर्षित करने की उम्मीद है। भुगतान गारंटी, बीमा और निवेश फंडों से सशक्त इस वित्तपोषण पहल का उद्देश्य परियोजना के जोखिम को कम करना, नियामकीय अंतर को दूर करने के लिए तकनीकी सहायता, मुद्रा जोखिम को कम करना और सौर ऊर्जा क्षेत्र में वित्तीय अनिश्चितताओं को दूर करना है।
आईएसए से मिल रहे 10 मिलियन डॉलर (83 करोड़ रुपये) के अलावा भारत सरकार जीएसएफ में पूंजी योगदान के तौर पर 25 मिलियन डॉलर(207.5 करोड़ रुपये) के निवेश पर विचार कर रही है। ब्लूमबर्ग फिलैंथ्रोपीज और सीआईएफएफ ने भी जीएसएफ को सहयोग करने की प्रतिबद्धता जताई है।
असेंबली की को-प्रेसिडेंट, फ्रांस की विकास, फ्रेंकोफोनी और अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी राज्य मंत्री क्रिसोला जचारोपोलू ने कहा फ्रांस के लिए आईएसए स्वच्छ ऊर्जा के विकास को बढ़ावा देने और इस प्रकार जलवायु संबंधी व्यवधानों का मुकाबला करने के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है। यह हमारे गठबंधन के लिए निरंतर और बढ़ते समर्थन के साथ इस महान परियोजना में अपनी पूरी भूमिका निभा रहा है। फ्रांसीसी विकास एजेंसी (एएफडी) के माध्यम से हमने 2016 से 1.5 बिलियन यूरो से अधिक की सौर परियोजनाओं का वित्तपोषण किया है। पिछले वर्ष हमने अपने भागीदारों को जलवायु वित्त में 7.5 बिलियन यूरो से अधिक प्रदान किए।
निष्कर्ष
वैश्विक सौर सुविधा का लक्ष्य सौर ऊर्जा की तरफ बदलाव को बढ़ाने के लिए निवेश का लाभ उठाना है। जीएसएफ का लक्ष्य 100 मिलियन डॉलर जुटाना है। अफ्रीका में सौर ऊर्जा क्षमता के उपयोग की अपार संभावनाएं हैं फिर भी निवेश में जोखिम के कारण यह क्षेत्र अपनी क्षमता का पूरा लाभ नहीं उठा पा रहा है। जीएसएफ का लक्ष्य इस चुनौती का समाधान करना और निवेश को सुरक्षित बनाना है। निजी क्षेत्र के निवेश के कारण भारत विकास का अच्छा उदाहरण है। कोई जोखिम नहीं है और विवाद निपटारे की व्यवस्था के साथ-साथ मजबूत कानूनी और सुरक्षा ढांचा और भुगतान की सुरक्षा होने से भारत निवेश को आकर्षित करने में सक्षम हुआ है।