भारतीय इलेक्ट्रिक वाहन उद्योग में आज हम एक परिवर्तनकारी युग के शिखर पर खड़े हैं। अब तक की हमारी यह यात्रा ज्ञानवर्द्धक और चुनौतीपूर्ण, दोनों रही है। पीछे मुड़कर देखें तो पाते हैं कि वर्ष 2023 एक महत्वपूर्ण वर्ष था, इस मायने में भी कि उसने नए वर्ष 2024 को रोमांचक और गतिशील बनाने के लिए एक मजबूत आधार तैयार कर दिया। जैसे-जैसे हमारे आस-पास के देश या कहें कि हमारे आस-पास का माहौल विकसित होता है, अतीत पर चिंतन करना, वर्तमान की चुनौतियों को स्वीकार करना और भविष्य के लिए एक स्वच्छ और हरित मोटर वाहन तैयार करने का मार्ग अनिवार्य हो जाता है।
EV उद्योग के दिग्गज और स्टार्ट-अप
सहयोग या कहें साझेदारी और प्रौद्योगिकी का आदान-प्रदान आज अभिन्न हो गया है, जो प्रगति की आधारशिला भी है। यही कारण है कि साझेदारी और सहयोग न केवल फायदेमंद हैं, बल्कि सामूहिक सफलता प्राप्त करने के लिए अनिवार्य भी हैं। EV उद्योग के दिग्गजों और अभिनव स्टार्ट-अप के बीच प्रभावशाली सहयोग ने इस क्षेत्र को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस तरह के गठबंधन स्टार्ट-अप की चपलता और नए विचारों के साथ स्थापित खिलाड़ियों के अनुभव और संसाधनों को एक साथ लाते हैं, नवाचार को बढ़ावा देते हैं और उद्योग को नई ऊंचाइयों की ओर ले जाते हैं।
भारत का दिल न केवल अपने हलचल वाले महानगरीय शहरों में है, बल्कि टियर 2,3 और 4 शहरों के जीवंत टेपेस्ट्री (आकर्षक सभ्यता-संस्कृति, कला और कौशल) में भी है, जहां की 70 प्रतिशत आबादी आपको घर बुलाती है। स्वैप बैटरी प्रौद्योगिकी के लाभ स्पष्ट हैं, लेकिन इन क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की कमी आज भी एक चुनौती है। अधिकांश आबादी के लिए ईवी को अधिक सुलभ और लागत प्रभावी बनाने के लिए इस अंतर को पाटना आवश्यक है। आंकड़े बताते हैं कि भारत में 90 प्रतिशत दोपहिया और 60 प्रतिशत तिपहिया वाहन पहले से ही इलेक्ट्रिक हैं। हालांकि, बाधा चार-पहिया वाहनों के क्षेत्र में है, जिसने वर्ष 2023 में कुल ईवी बिक्री में केवल 8 प्रतिशत का योगदान दिया।
विस्तारित ईवी उपस्थिति का वादा
इलेक्ट्रिक ट्रकों के लिए सब्सिडी पर स्पष्टता की आवश्यकता, जटिलता को और बढ़ाती है। यह वर्ष टियर 2,3 और 4 शहरों में विस्तारित ईवी उपस्थिति का वादा करता है, जो व्यापक रूप से इसे अपनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। दोपहिया और तिपहिया वाहनों से आगे बढ़कर इस साल चार पहिया वाहनों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। इस वर्ष घरेलू उत्पादन क्षमताओं को बढ़ावा और आत्मनिर्भर पारिस्थितिकी तंत्र बनाने पर ध्यान केंद्रित करने का रणनीतिक प्रयास किया जाएगा, जो सतत विकास को बढ़ावा देता है।
भारतीय EV उद्योग वर्ष 2023 में चुनौतियों से जूझ रहा था, विशेष रूप से बैटरी में आग की चिंताओं को संबोधित करते हुए AI 156-I और AI 156-II मानकों की शुरुआत। हालांकि, इन मानकों ने बैटरी सुरक्षा को लेकर वैश्विक प्रगति में योगदान दिया, लेकिन अनजाने में इनसे देरी और भ्रम भी पैदा हुआ। FAME 1 के कार्यान्वयन ने जटिलताएं और बढ़ा दीं, जिससे अनिश्चितताएं उत्पन्न हुईं, जिससे विकास अवरुद्ध हुआ। इन चुनौतियों के बावजूद, EV उद्योग ने प्रारंभिक चरण की बाधाओं को पार करते हुए आगे बढ़ने का अपना ज़ज्बा प्रदर्शित किया।
समाधानों सहित व्यापक चार्जिंग सुविधा
जैसे-जैसे हम वर्ष 2024 (के तीसरे माह) की ओर आगे बढ़ रहे हैं, ईवी उद्योग अब सप्लाई चेन (आपूर्ति श्रृंखला) के मुद्दों में सुधार के लिए तैयार है। हालांकि, दो प्रमुख चुनौतियां क्षितिज पर बड़ी हैं। देशभर में आज फिक्स्ड, फास्ट, स्वैप और इनोवेटिव समाधानों सहित व्यापक चार्जिंग सुविधाओं की आवश्यकता सर्वोपरि है। इस चुनौती से निपटने से व्यापक स्तर पर ईवी अपनाने में आसानी होगी। इसके लिए एक सुसंगत और स्थायी सरकारी रणनीति आवश्यक है। नियामक परिदृश्य में उद्योग के विकास, स्थिरता और पूर्वानुमान के लिए सतत नीति विकास महत्वपूर्ण है। मुझे यकीन है कि निरंतर विकसित होने वाला नीतिगत ढांचा, चुनौतियों के प्रभावी संचालन को सक्षम बनाएगा।
(लेखक ओमेगा सेकी मोबिलिटी के संस्थापक और चेयरमैन हैं। यह उनके निजी विचार हैं।)