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- भारतीय निर्यात को बढ़ावा देने में मददगार होगा 'इंडिया फैशन टेक्स 2023'
नई दिल्ली के होटल अशोका में इन दिनों 'इंडिया फैशन टेक्स 2023- रिवर्स बायर-सेलर मीट' (आरबीएसएम) का आयोजन किया गया है। कपड़ा मंत्रालय व वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार ने संयुक्त रूप से 'रिवर्स बायर-सेलर मीट' के तीसरे संस्करण का आयोजन किया है। ऊन व ऊनी निर्यात संवर्धन परिषद (डब्ल्यूडब्ल्यूईपीसी) और पावरलूम डेवलपमेंट एंड एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (पीडीईएक्ससीआईएल) के सहयोग से आयोजित यह कार्यक्रम 20 से 22 मार्च तक यहां अपनी शोभा बिखेरने को तैयार होगा। इसका उद्देश्य भारत के ऊनी वस्त्र उद्योग को बदलने समेत भारत को ऊनी वस्त्रों और परिधानों के लिए 'मेक इन इंडिया' का वैश्विक केंद्र बनाने में मदद करना है।
इस तीन दिवसीय प्रदर्शनी में संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ, स्कैंडिनेविया, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान, पश्चिमी एशिया, वियतनाम, श्रीलंका जैसे कई देशों के 200 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय खरीदार पहुंचे हैं। इनके अलावा 100 से अधिक भारतीय प्रदर्शक भी इस प्रदर्शनी का हिस्सा बने हैं। इम्पल्स, ली एंड फंग, ट्रिबर्ग, प्यूमा, एडिडास, आइकिया, न्यू टाइम्स ग्रुप, फलाबेला समेत कुछ अन्य अंतर्राष्ट्रीय ब्रांड्स और कई अन्य स्थापित खरीदार कंपनियों ने वस्त्र और परिधानों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की है। वहीं, जम्मू और कश्मीर की विविधता और नवीनता प्रदर्शित करने के लिए वहां अलग से एक पैविलियन है। भारत सरकार के कपड़ा मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले हस्तशिल्प और हथकरघा विभाग की व्यापार सलाहकार व विकास आयुक्त शुभ्रा ने इस कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
ऊनी उत्पादों के निर्यात में 29 प्रतिशत की हुई वृद्धि
उद्घाटन भाषण के दौरान शुभ्रा ने कहा, "मैं ऊन और ऊनी निर्यात संवर्धन परिषद (डब्ल्यूडब्ल्यूईपीसी) व पावरलूम विकास और निर्यात संवर्धन परिषद (पीडीईएक्ससीआईएल) को संयुक्त रूप से 'आरबीएसएम-इंडिया फैशन टेक्स 2023' आयोजित करने के लिए बधाई देना चाहती हूं। भारतीय कपड़ा उद्योग, देश में दूसरा सबसे बड़ा रोजगार पैदा करने वाला क्षेत्र है। भारत के कपड़ा उद्योग की ताकत देश में मौजूद विनिर्माण मूल्य श्रृंखला आधार है। भारत के कुल व्यापारिक निर्यात में कपड़ा निर्यात का हिस्सा लगभग 11 प्रतिशत रहा है और अभी इसमें आगे बढ़ने की काफी गुंजाइश है। निर्यात संवर्धन परिषदें इस संदर्भ में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। 'इंडिया फैशन टेक्स' एक उत्कृष्ट मंच है, जहां विभिन्न कपड़ा समूहों के सभी प्रतिभागी विदेशी कपड़ा खरीदारों से मिल सकते हैं। एमएसएमई क्षेत्र के प्रदर्शकों को यह काफी प्रोत्साहित करेगा और वैश्विक बाजारों में भारतीय निर्यात को बढ़ावा भी देगा।"
ऊन और ऊनी निर्यात संवर्धन परिषद के चेयरमैन रोमेश खजूरिया ने अपने उद्घाटन भाषण के दौरान कहा, "भारतीय ऊनी वस्त्र उद्योग ने कुटीर उद्योग के रूप में छोटी शुरुआत से एक लंबा सफर तय किया है और अब तकनीक, शैली, बनावट और रंग के क्षेत्र में निरंतर नवाचारों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करने में सक्षम है। अप्रैल 2022 से जनवरी 2023 के आंकड़ों पर गौर करें तो पाएंगे कि पिछले वर्ष इसी समयांतर की तुलना में आज ऊन और ऊनी उत्पादों के निर्यात में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग और कपड़ा मंत्री पीयूष गोयल के मार्गदर्शन में, भारतीय कपड़ा उद्योग ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया है। इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सात पीएमएमआईटीआर, पार्कों को मंजूरी देने के लिए मैं धन्यवाद देता हूं। भारतीय कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने के लिए यह एक महत्वपूर्ण और बड़ा कदम होगा। उन्होंने कहा, "विभिन्न कपड़ा समूहों से आने वाले दुनिया भर के विदेशी कपड़ा खरीदारों से एक ही छत के नीचे मिलने हेतु सभी भारतीय कपड़ा एमएसएमई के लिए 'इंडिया फैशन टेक्स' एक बेहतरीन मंच होगा।"
पूरे भारत के कपड़ा निर्माता और व्यापारी पहुंचे हैं यहां
विश्वनाथ आर. अग्रवाल, चेयरमैन, पावरलूम डेवलपमेंट एंड एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ने कहा, "ग्रैंड रिवर्स बायर-सेलर मीट 'इंडिया फैशन टेक्स' में आपका स्वागत करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भारतीय कपड़ा उद्योग चुनौतियों के बावजूद मजबूती से विकास करता दिख रहा है। भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक है, जिसके पास कपड़ा और परिधान में वैश्विक व्यापार का लगभग चार प्रतिशत हिस्सा है। आरबीएसएम के आयोजन और भारत के एमएसएमई कपड़ा और परिधान उद्यमियों का समर्थन करने का पीडीईएक्ससीआईएल का एक लंबा इतिहास रहा है। इंडिया फैशन टेक्स में दिल्ली, मुंबई, (महाराष्ट्र के कोल्हापुर जिले में स्थित नगर) इचलकरंजी, सोलापुर, इरोड, तिरुपुर, इरोड, करूर, अहमदाबाद, वाराणसी आदि जैसे, पूरे भारत के कपड़ा निर्माता और व्यापारी पहुंचे हैं। खास यह है कि ये सभी अपने स्थान के अनूठे उत्पादों के साथ इस मीट का हिस्सा बने हैं। मुझे यकीन है कि आरबीएसएम में आने वाले वैश्विक कपड़ा खरीदारों को 'इंडिया फैशन टेक्स' के माध्यम से विभिन्न कपड़ा उत्पादों की अपनी आवश्यकताओं को पूरा करने का अच्छा अवसर मिलेगा।"
पावरलूम क्षेत्र के बारे में उन्होंने कहा, पावरलूम क्षेत्र सभी प्रकार के बुने हुए कपड़े का उत्पादन कर रहा है और तैयार परिधानों का निर्यात लगभग 66,400 करोड़ रुपये का था।" इस तीन दिवसीय प्रदर्शनी में यार्न और कपड़े के परिधान, बुने हुए कपड़े, होजरी के सामान, पश्मीना शॉल / स्टोल, स्कार्फ, मफलर, कंबल, ब्लेज़र और होम टेक्सटाइल सहित भारतीय बुनकरों और कारीगरों द्वारा तैयार किए गए ऊनी सामानों की एक विस्तृत श्रृंखला मौजूद है। 'इंडिया फैशन टेक्स' ने एक आकर्षक फैशन शो भी आयोजित किया, जिसमें भाग लेने वाली कंपनियों के नवीनतम संग्रह को रैंप पर प्रदर्शित किया गया। इस प्रदर्शनी में प्रदर्शित उत्पादों को अंतर्राष्ट्रीय बाजार, कलर थीम्स और लेटेस्ट ट्रेंड्स को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। विभिन्न भारतीय और अंतर्राष्ट्रीय मॉडलों ने पारंपरिक भारतीय और पश्चिमी परिधानों में रैंप वॉक किया, जिसमें विभिन्न भारतीय ऊनी परिधानों की विभिन्न किस्मों का प्रदर्शन किया गया।
पीडीईएक्ससीआईएल का मुख्य उद्देश्य पावरलूम को बढ़ावा देना
ऊन और ऊनी निर्यात संवर्धन परिषद (डब्ल्यूडब्ल्यूईपीसी) की स्थापना 1964 में केंद्र सरकार द्वारा किया गया था। ऊन और ऊनी उत्पादों और ऐक्रेलिक निटवेअर के निर्यात को समर्थन, सुरक्षा, रखरखाव, वृद्धि और बढ़ावा देने के उद्देश्य से इसकी स्थापना की गई थी। 1964 में अपनी स्थापना के बाद से, डब्ल्यूडब्ल्यूईपीसी ने घरेलू और विदेशी व्यापार संबंधों के हितों की सेवा करके भारत से निर्यात को बढ़ावा देने और संबंधों को बेहतर बनाए रखने में एक गतिशील भूमिका निभाई है। डब्ल्यूडब्ल्यूईपीसी भारतीय ऊनी उद्योग को गुणवत्तापूर्ण हस्तक्षेप, निर्यात प्रोत्साहन और अन्य गतिविधियों पर पहल के माध्यम से निर्यात बढ़ाने और उत्पादन आधार को मजबूत करने के लिए मूल्यवान सेवाएं प्रदान करता है।
पावरलूम डेवलपमेंट एंड एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (पीडीईएक्ससीआईएल) की स्थापना कपड़ा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा 1995 में की गई थी। परिषद को कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 25 के तहत पंजीकृत किया गया है, जिसका पंजीकृत प्रधान कार्यालय मुंबई, महाराष्ट्र और क्षेत्रीय कार्यालय इरोड, तमिलनाडु में है। पीडीईएक्ससीआईएल का मुख्य उद्देश्य पावरलूम को बढ़ावा देना, इसका समर्थन करना, इसे विकसित करना, उन्नत करना और पावरलूम फैब्रिक्स व उससे बने उत्पादों का निर्यात करना है। साथ ही, इस दौरान इस बात का खास ध्यान रखना है कि इनमें से किसी भी गतिविधि को इस तरह से करना है, जो आवश्यक या लाभदायक हो।