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- भारतीय विक्रेताओं को वैश्विक स्तर पर पहचान दिलाएगा सेलर गाइड, जान सकेंगे कहां लाभ और कहां हानि?
ईबे की नई शुरुआत, वैश्विक स्तर पर निर्यातकों को होगा लाभ
सीमापार ई-कॉमर्स में उतर रहे विक्रेताओं के लिए है लाभ का सौदा
प्रसिद्ध ई-कॉमर्स कंपनी ईबे ने हाल ही भारतीय विक्रेताओं के लिए एक नई शुरुआत की है। यह नई सुविधा सेलर गाइड यानी कि विक्रेता मार्गदर्शिका है। इसका सीधा लाभ उन विक्रेताओं को मिलेगा, जो सीमा पार ई-कॉमर्स में उतरना चाहते हैं। लाखों खरीदारों और विक्रेताओं को जोड़ने वाली वैश्विक वाणिज्य कंपनी ईबे ने भारतीय निर्यातकों के लिए अपनी पहली विक्रेता गाइड लॉन्च की है। इसे लेकर कंपनी ने कहा कि यह एक हैंडबुक हैं, जो विक्रेताओं के लिए किसी महत्वपूर्ण उपकरण से कम नहीं है। कुल मिलाकर यह कहना गलत नहीं होगा कि यह गाइड विक्रेताओं के लिए एक रोडमैप तैयार करती है और इसके जरिए विक्रेताओं को अधिक से अधिक आर्थिक अवसरों का भी पता चलता है। साथ ही यह भी पता चलता है कि वह अपने व्यवसाय को किस तरह से चलाएं कि उन्हें हानि कम और लाभ अधिक हो। कंपनी की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह सेलर गाइड भारत-केंद्रित आपूर्ति पर डेटा से लेकर ऑनबोर्डिंग प्रक्रियाओं, प्रचार और शिपिंग रणनीतियों तक सारी जानकारी प्रदान करती है। इसके जरिए विक्रेता आसानी से ई-कॉमर्स को समझ सकते हैं और निर्यात संबंधी किसी भी समस्या को हल कर सकते हैं।
इसी दिशा में ईबे, दो दशकों से अधिक की ग्राहक अंतर्दृष्टि और अरबों लिस्टिंग के व्यापक डेटाबेस का लाभ उठाते हुए लोगों को सशक्त बनाने का कार्य कर रहा है। साथ ही साथ यह भी प्रयास कर रहा है कि सभी के लिए अधिक से अधिक आर्थिक अवसर प्राप्त करने का मार्ग प्रशस्त किया जा सके। भारत में, ईबे 190 से अधिक वैश्विक बाजारों में भारतीय छोटे व्यवसायों (एसएमई और एमएसएमई) के लिए सीमा पार व्यापार करने की प्रक्रिया को आसान बनाने पर कार्य करता है। इससे उन्हें व्यापार आकार, स्थानों और श्रेणियों में विदेशों में अपने कारोबार को बढ़ाने में सहायता मिलती है।
सेलर गाइड में मिलने वाली जानकारी को ऐसे समझें
विक्रेता मार्गदर्शिका भारतीय विक्रेताओं के लिए लोकप्रिय निर्यात श्रेणियों और उत्पाद श्रृंखलाओं के बारे में भी जानकारी देती है। इस बात को उदाहरण से समझे तो कंगन, हीरे के हार और लग्जरी आभूषणों के निर्यात में ईबे इंडिया ने वर्ष 2022 में 35 प्रतिशत की वृद्धि दर देखी है। वहीं पुरुषों के आभूषण की बात करें तो भारतीय विक्रेताओं की यह श्रेणी भी काफी विकास कर रही है। इसमें सालाना आधार पर 21 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। इन सभी उत्पाद श्रृंखलाओं की मांग प्रमुख रूप से अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी से रही है। चार-पहिया पार्ट्स और सहायक उपकरण श्रेणी की बात करें तो वर्ष 2022 में ही 50 प्रतिशत की वृद्धि दर देखी गई है। सबसे लोकप्रिय उत्पाद बंपर और शोर कम करने वाले सुदृढीकरण, हेडलाइट असेंबली, पिस्टन और रिंग और टेल-लाइट असेंबली हैं।
भारी उपकरण और धातु कार्य उत्पाद इस खंड के तहत, गेज, भारी उपकरण भागों और सहायक उपकरण, और धातु कार्य खरीद जैसी उत्पाद श्रेणियों में भारत में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर देखी गई है। इस मांग को दर्शाने वाले प्रमुख बाजारों में भी अमेरिका, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी शामिल हैं। इसके अलावा वर्ष 2022 में गलीचे, फर्नीचर, घरेलू साज-सज्जा और सजावट श्रेणी की मांग में 10 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है। चमड़े के जैकेट, कपड़ों के जूते और सहायक उपकरण के तहत, चमड़े के जैकेट की मांग साल-दर-साल बढ़ रही है। वर्ष 2022 में, 2021 की तुलना में इसमें 10 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। आयुर्वेदिक उत्पाद और हर्बल उपचार, स्वास्थ्य देखभाल, सौंदर्य और व्यक्तिगत देखभाल श्रेणी में, अरोमाथेरेपी, आयुर्वेद, हर्बल उपचार और होम्योपैथी में अमेरिका, ब्रिटेन और जर्मनी से मांग देखी जा रही है। भारतीय विक्रेताओं ने वर्ष 2022 में आयुर्वेदिक उत्पादों के लिए 15 प्रतिशत की वृद्धि दर देखी है।
सेलर गाइड के बारे में बताते हुए ईबे के ग्लोबल इमर्जिंग मार्केट्स के महाप्रबंधक विद्मय नैनी ने कहा कि हम 2023 के अंत के करीब हैं, ईबे सभी के लिए आर्थिक अवसर पैदा करने के लिए प्रतिबद्ध है। जैसा कि हम एक आशाजनक दृष्टिकोण देखते हैं, हम सीमा पार व्यापार को बढ़ावा देने और अधिक परस्पर जुड़ी वैश्विक अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए समर्पित हैं। हमारी कोशिश रहेगी कि हम हमारे उपायोगकर्ताओं को बेहतर से बेहतर प्रौद्योगिकी के साथ आसानी से व्यापार करने के प्रति प्रोत्साहित कर सकें, ताकि उन्हें अधिक से अधिक लाभ हो। उन्होंने कहा कि ईबे ग्लोबल शिपिंग प्रोग्राम का उद्देश्य प्रतिस्पर्धी मूल्य पर कई लॉजिस्टिक्स समाधानों के साथ खुदरा निर्यातकों के लिए अंतरराष्ट्रीय शिपिंग और लॉजिस्टिक्स को सरल बनाना है। भारत में ईबे सीमा पार व्यापार के लिए एक मूल्यवान पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए नीति निर्माताओं और उद्योग संघों के साथ संबंधों को भी बढ़ावा देता है।