डिजिटल इंडिया के लॉन्च होने के साथ ही देश हमारे जीवन में इंटरनेट के प्रवेश से आए बड़े बदलावों को देख रहा है। यहां तक की शिक्षा सेक्टर ने भी अपना विस्तार इंटरनेट डोमेन के जरिए धीरे-धीरे करना शुरू कर दिया है।
वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के अनुसार, भारत वैश्विक शिक्षा इंडस्ट्री में सबसे महत्वपूर्ण है। सबसे बड़ी ई-लर्निंग बाजार के तौर पर यूनाइटेड स्टेट के बाद भारत दूसरे नंबर पर है। पिछले पांच सालों में डिजिटल शिक्षा का दृष्टिकोण विकास कर रहा है और इसका नयापन इस इंडस्ट्री में निवेश करने की अनुमति दे रहा है। तकनीकी इंडस्ट्री में आए एडवांस बदलावों को इस विकास का श्रेय दिया जाएगा।
ऑनलाइन शिक्षा समूहक
ऑनलाइन शिक्षा में समूहकों की उपस्थिति शिक्षा सेक्टर के चुनौतियों को सुधारने में लाभकारी साबित हो रही है। ये सभी स्तरों के छात्रों को ऑडियो-विजुअल लर्निंग मटिरियल और सुझाव दे रहे हैं। इन मंचों की मांग बहुत अधिक है क्योंकि इसमें एक ऐसे विकल्प की उपस्थिति है जो निर्धारित टेस्ट सीरीज की मदद से फिर से पाठ्यक्रम को दोहराने का अवसर देता है। शिक्षण संस्थान छात्रों को समय और तरीके का चुनाव करने की स्वतंत्रता दे रहे है जो एक प्रगतिशील कदम है। साथ ही, ये मंच आपको हर समय मार्गदर्शन और सहायता देता है और अंत तक के आपकी सभी दुविधाओं को दूर करता है।
लक्ष्य प्राप्ति के बहुत से मार्ग प्रदान करता
ऑनलाइन शिक्षा समूहकों ने छात्रों के शिक्षा समाधानों को उपलब्ध कराया है। अब ये यूनिवर्सिटियों और स्कूलों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं और जिससे छात्रों को अपनी कोचिंग क्लास और इंस्टीट्यूट तक पहुंच पाना आसान हो गया है। ई-लर्निंग एक और बोनस के साथ आता है विकल्पों का सुव्यवस्थित या आसान बनाना। इस फीचर का इस्तेमाल कर छात्र अपनी क्लास और अध्यापक को ढूंढ सकते हैं और अपनी समय सारणी को पूरा कर सकते हैं।
छात्रों और अध्यापक के बीच के अंतर को दूर करता
ऑनलाइन समूहक देश में एक विषय के शिक्षक की अनुपस्थिति की समस्या को हल कर रहा है। ये छात्र, शिक्षक और इंस्टीट्यूट के बीच के अंतर को दूर कर रहा है। अब वे छात्र जो किसी विशेष विषय के बारे में पढ़ना चाहते हैं, इंटरनेट पर सही शिक्षकों से बड़ी ही आसानी से जुड़ सकते हैं।