मणिपुर की मनमोहक प्राकृतिक सुंदरता इसे 'पर्यटकों का स्वर्ग' बनाती है। इस सुंदरता के बीच व्यापार की खोज के लिए मणिपुर में 17 से 19 फरवरी 2023 तक बहुपक्षीय सम्मेलन का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम में आमंत्रित करने के लिए आईसीटी चिकित्सा पर्यटन, स्वास्थ्य सेवा, हेल्थकेयर एंड हैंडलूम ने आमंत्रण पत्र में लिखा है-
मणिपुर- उन्नत, गगनचुंबी ऊंचाई पर एक फूल। इस खूबसूरती के बीच आइए, अपने लिए एक व्यवसाय की खोज करें।
कोविड-19 के प्रभाव से उबर रही हैं कंपनियां
वैश्विक सूचना प्रौद्योगिकी बाजार विकास पथ पर है। कंपनियां कोविड-19 के प्रभाव से उबर रही हैं और अपने परिचालन को पुनर्व्यवस्थित कर रही हैं। कोविड-19 की वजह से जहां पहले प्रतिबंधात्मक रोकथाम के उपाय किए गए थे, वहीं पिछले एक दशक में, भारत का सूचना और संचार प्रौद्योगिकी उद्योग (आईसीटी) दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रहा है। सॉफ्टवेयर विकास में अग्रणी और आईटी-सक्षम सेवाओं के लिए एक पसंदीदा गंतव्य माना जाने वाला यह उद्योग लगभग 10 मिलियन कर्मचारियों को रोजगार देता है। हमारा देश एक अरब से भी अधिक के टेलीफोन ग्राहकों के साथ आज दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार बाजार बना हुआ है। भारत सरकार की भविष्योन्मुखी नीतियों और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) मानदंडों के विनियमन के साथ, यह क्षेत्र आज सबसे तेजी से बढ़ रहा है। साथ ही, आज यह देश के शीर्ष पांच रोजगार के मौके देने वाला क्षेत्र बन गया है।
चिकित्सा पर्यटन बाजार में लगातार उभरता भारत
वैश्विक चिकित्सा पर्यटन बाजार का आकार 2030 तक 47.72 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। एशिया-प्रशांत क्षेत्र चिकित्सा पर्यटन के बाजार पर हावी है। गुणवत्तापूर्ण सेवाओं में वृद्धि के साथ-साथ किफायती स्वास्थ्य देखभाल विकल्पों का उभरना ही आज चिकित्सा पर्यटन बाजार का सबसे प्रमुख चालक कहा जा सकता है। चिकित्सा, कल्याण और आईवीएफ उपचार के लिए 78 देशों से हर साल लगभग दो मिलियन मरीज भारत आते हैं, जिससे उद्योग के लिए छह बिलियन डॉलर की कमाई होती है, जिसके 2026 तक 13 बिलियन डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।
हथकरघा उत्पादों का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक भारत
भारतीय हथकरघा क्षेत्र भी पहले के मुकाबले विकसित हुआ है। निर्यात बाजार में यह अद्वितीय स्थान रखता है। यहां दुनिया में भारतीय हथकरघा कपड़े का हिस्सा 125 से अधिक देशों को निर्यात किया जा रहा है। भारत दुनिया में हथकरघा उत्पादों का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। यह सम्मेलन "आईसीटी, चिकित्सा पर्यटन, स्वास्थ्य देखभाल और हथकरघा क्षेत्रों में बहुपक्षीय व्यापार साझेदारी के अवसर" पर केंद्रित होगा। इस सम्मेलन के जरिये पर्यटन और आतिथ्य क्षेत्र में सहयोग और निवेश के अवसरों पर प्रकाश डाला जाएगा। बता दें कि निहित पर्यटन क्षमता, समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और उत्कृष्ट भाषा कौशल व सक्षम पर्यटन नीति वाले युवाओं के गहरे पूल के साथ, मणिपुर वैश्विक सहयोग और साझेदारी के लिए अपार अवसर प्रदान करता है।
तीन दिनों के इस अधिवेशन में क्या-क्या है खास
तीन दिनों के इस अधिवेशन में इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ इम्फाल के सिटी कन्वेंशन सेंटर में बैठक और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया है। कार्यक्रम के दूसरे दिन 18 फरवरी 2023 को 'मार्जिंग हिल की यात्रा' का आयोजन किया गया है, जिसमें नाव की सवारी के साथ लोकतक झील का नजारा भी देखने को मिलेगा। मोइरांग खुनौ (लोकतक झील के पास) स्थित जातीय गांव में दिन का खाना और 'होटल इम्फाल' में रात्रि-भोज पर संवाद और सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया है। कार्यक्रम के तीसरे दिन, 19 फरवरी 2023 को इम्फाल से दिल्ली के लिए चार्टर्ड फ्लाइट से प्रस्थान का आयोजन किया गया है।
मणिपुर को जानें करीब से
मणिपुर अपनी लुभावनी प्राकृतिक सुंदरता और रणनीतिक स्थान के लिए जाना जाता है। यह उत्तर पूर्व क्षेत्र के सबसे पूर्वी कोने में स्थित है। यह भारत और म्यांमार के साथ-साथ अन्य दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के बीच व्यापार के लिए भारत के 'गेटवे टू ईस्ट' के रूप में भी कार्य करता है।
फायदे
प्रचुर मात्रा में बांस का रकबा: मणिपुर भारत के सबसे बड़े बांस उत्पादक राज्यों में से एक है। यह देश के बांस उद्योग में एक प्रमुख योगदानकर्ता भी है, जिसका कुल बांस क्षेत्र 10,687 वर्ग किलोमीटर है।
एक पर्यटक का स्वर्ग: वनस्पतियों और जीवों की अपनी संपत्ति के कारण, मणिपुर को 'ऊंची ऊंचाइयों पर फूल', 'भारत का एक गहना' और 'पूर्व का स्विट्जरलैंड' के रूप में वर्णित किया गया है। इसकी लुभावनी प्राकृतिक सुंदरता इसे 'पर्यटकों का स्वर्ग' बनाती है।
मजबूत हस्तशिल्प उद्योग: अगर हम बात करें पूरे उत्तर पूर्व क्षेत्र में से सबसे अधिक संख्या में हस्तशिल्प इकाइयां कहां हैं तो उसका जवाब एक ही है- मणिपुर में। यही नहीं, सबसे अधिक संख्या में शिल्पकार भी यहीं हैं। हथकरघा मणिपुर का सबसे बड़ा कुटीर उद्योग है।
अनुकूल कृषि-जलवायु परिस्थितियां: यहां उद्यमियों को मणिपुर में उगाए जाने वाले दुर्लभ, औषधीय और सुगंधित पौधों की एक विस्तृत विविधता को संसाधित करने और बेचने की आसान सुविधा भी मिलती है। तो आप भी पहुंच जाइए।