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- महिंद्रा ग्रुप भारत में बैटरी सेल उत्पादन के लिए वैश्विक कंपनियों से मिला सकती है हाथ
कंपनी के एक शीर्ष अधिकारी के अनुसार महिंद्रा ग्रुप भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग में अपेक्षित वृद्धि को पूरा करने के लिए बैटरी सेल के स्थानीय उत्पादन के लिए वैश्विक प्रमुखों के साथ पार्टनरशिप करने के लिए ढूंढ रहा है।
महिंद्रा ग्रुप के एमडी और सीईओ अनीश शाह ने कहा कि कंपनी अपनी इलेक्ट्रिक वाहन शाखा महिंद्रा इलेक्ट्रिक ऑटोमोबाइल लिमिटेड (एमईएएल) की संभावित लिस्टिंग के लिए 2030 की समय सीमा पर विचार कर रही है। एक क्षेत्र जिस पर हम ज्यादा ध्यान दे रहे हैं वह है सेल मैन्युफैक्चरिंग और यह वह क्षेत्र है जहाँ विभिन्न पहलुओं पर विचार किया जा रहा है। अगर हमें लगता है कि यह हमारे लिए जरूरी है, तो हम सेल मैन्युफैक्चरिंग के लिए साझेदारी पर विचार करेंगे। हम एक वैश्विक टेक्नॉलॉजी पार्टनर और संभावित रूप से निजी इक्विटी साझेदारों पर भी विचार करेंगे, क्योंकि हम पूरा पूंजी निवेश नहीं करेंगे। यदि यह पहल सफल होती है, तो भारत में बैटरी सेल का स्थानीय उत्पादन संभव हो सकेगा।
हमारे लिए ऐसा करने का एकमात्र कारण भारत में स्वदेशीकरण है। इसलिए, यदि हम उस रास्ते पर चलते हैं, तो यह भारत में होगा। MEAL को सूचीबद्ध करने की योजना पर, शाह ने कहा कि यह कम से कम अगले तीन-पांच वर्षों में नहीं होने वाला है। शाह ने कहा इलेक्ट्रिक सेगमेंट को आगे बढ़ने के लिए समय चाहिए। तो यह कुछ ऐसा है जिस पर हम संभवतः 2030 के समयावधि के आसपास विचार करेंगे। जब नई टेक्नोलॉजी में बदलाव की बात आती है, खासकर ऑटोमोटिव सेगमेंट में, तो देश ने छलांग लगाने की क्षमता दिखाई है।
ईवी उत्पादों को बड़े पैमाने पर ग्राहकों को उत्साहित करने की जरूरत है। हमारा मानना है कि जनवरी 2025 से शुरू होने वाले हमारे नए इलेक्ट्रिक वाहन मॉडल की लॉन्चिंग इस पहलू में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। उन्होंने रेंज की चिंता और ईवी की उच्च लागत को भी सेगमेंट के विकास को प्रभावित करने वाले कुछ कारकों के रूप में सूचीबद्ध किया। जो चीज़ आज मौजूद नहीं है वह है ईवी चार्जिंग और इसे अब विकसित करना होगा।
ऐसा करने का यह सही समय है क्योंकि जैसे-जैसे हमें इलेक्ट्रिक्स की मांग बढ़ती दिख रही है, ईवी चार्जिंग बुनियादी ढांचे को बहुत बड़े पैमाने पर बढ़ाना होगा। शाह ने कहा कि देश में आज लगभग 27,000 चार्जर हैं, जबकि अमेरिका के पास लगभग 1.76 लाख चार्जर हैं और चीन के पास इसके कई गुना होंगे। शाह ने कहा यह भारत में एक बड़ा ध्यान केंद्रित करने वाला क्षेत्र होगा। ईवी का वित्तपोषण दूसरा ध्यान देने वाला क्षेत्र है।
हम देखते हैं कि हमारा पोर्टफोलियो 2027 तक 20-30 प्रतिशत इलेक्ट्रिक तक पहुंच जाएगा क्योंकि चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित होगा, ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ता इसमें शामिल होने लगेंगे। इसलिए हम देखते हैं कि यह परिवर्तन बिंदु लगभग पांच वर्षों के बाद आने की संभावना है।