पूरे देश में बहुत सी शैक्षणिक इंस्टीट्यूट में विकासशील उद्यमी की ओर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। उद्यमी गतिविधियों का केंद्र इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम) बैंगलोर, एनएसआरसीईएल (NSRCEL) ने गोल्डमैन सैश 10,000 वूमेन के साथ शैक्षणिक समझौता किया है। आईआईएम बैंगलोर के एनएसआरसीईएल का इतिहास उद्यमी चुनौतियां जैसे आर्थिक व सामाजिक दोनों को हल करने पर केन्द्रित रहा है।
ज्यादा महिला उद्यमियों तक पहुंच
गोल्डमैन सैश 10,000 वूमेन एक वैश्विक पहल है जो इस बात की शिक्षा देती है कि आर्थिक वृद्धि के लिए पूरे विश्व की महिला उद्यमियों को व्यवसाय व मैनेजमेंट, परामर्श व नेटवर्किंग और पूंजी तक पहुंच कैसे बनाई जाएं। इस बात को अब समझ लिया गया है कि महिला उद्यमियों पर निवेश करने से उस देश का आर्थिक विकास होता है। गोल्डमैन सैश ने अपने प्रोग्राम के माध्यम से प्रैक्टिकल व्यवसाय शिक्षा, पूंजी तक पहुंच और नेटवर्किंग के अवसर दुनिया भर की महिलाओं को दिए हैं। आईआईएम बैंगलोर के एनएसआरसीईएल के साथ समझौता करने से ज्यादा से ज्यादा महिला उद्यमियों तक इनकी पहुंच बन पाएंगी।
गोल्डमैन सैश के चेयरमैन एंड को-चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर सोनजॉय चैटर्जी भारत ने कहा है कि इस पहल से महिला उद्यमियों को शक्ति मिलेगी, जो नए रोजगार के अवसर बनाएगी और ये हमारी सामान्य समुदाय के आधार को भी मजबूती प्रदान करेगी।
महिला उद्यमियों की मदद
ये प्रोग्राम महिला उद्यमियों को अपने व्यवसाय का विकास और सीमा को बढ़ाने में समग्र दृष्टिकोण देगा। इससे यह पता चलेगा कि हर रोज कैसे महिला उद्यमियों को अपना व्यवसाय चलाने में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है और उससे कैसे निपटा जाएं। इस प्रोग्राम में जरूरी विषय जैसे योजना, फाइनेंस, अकाउंटिंग और बिजनेस डेवलपमेंट को शामिल किया गया है।
एनएसआरसीईएल के चेयरमैन और आईआईएम बैंगलोर के उद्यमी क्षेत्र के फैकल्टी प्रोफेसर सुरेश भागवतुला ने कहा, '10,000 वूमेन उन महिलाओं के लिए एक सुनहरा अवसर है जो अपना छोटा व्यवसाय चलाती हैं। ये उन्हें अपने विषय का गहराई से ज्ञान देने, विकास करने व अपने विकास के लिए योजना को लागू करने और प्रोफेशनल नेटवर्क बनाने में हर एक उद्यमी की मदद करेगा ताकि उनका लगातार विकास हो सके।'
गोल्डमैन सैश 10,000 वूमेन उन लोगों के लिए अपना पूरा पाठ्यक्रम कोर्सेरा के माध्यम से ऑनलाइन भी उपलब्ध करवाता है जो ऑनलाइन शिक्षा को प्राथमिकता देते हैं या जो आवासीय प्रोग्राम में भाग नहीं ले सकते।