वर्तमान में जो विकास सुंदरता के व्यवसाय में दिख रहा है उसको इससे पहले कभी नहीं देखा गया और न उसे कभी जाना गया। लगता है कि जैविक सौंदर्य बाजार ने पर्यावरण के प्रति जागरूक उपभोक्ताओं को अच्छी तरह से पकड़ लिया है, और महिला उद्यमी इसका सबसे अधिक लाभ उठा रही हैं।
बाजार आने वाले पांच वर्षों में तेजी से विकास के लिए तैयार है। एक बाजार विश्लेषक का मानना है कि जैविक सौंदर्य बाजार हर साल 13-18 प्रतिशत की दर से बढ़ने वाला है और यह अमेरिका और यूरोप के उद्योग से अधिक है; इसका मतलब है कि अगले पांच वर्षों में सामान्य से दो गुना वृद्धि होगी और 2020 तक यह आंकड़ा 1000 करोड़ को पार कर सकता है।
विशेषज्ञ यह भी अनुमान लगा रहे हैं कि वैश्विक जैविक सौंदर्य प्रसाधन बाजार 2018 तक 13.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच जाएगा जिसने दुनिया भर की महिलाओं में उनके जुनून को एक संपन्न व्यवसाय में बदलने की शिद्दत देखी है।
महिला उद्यमी
सौंदर्य के व्यवसाय में, उपभोक्ता को महिला उद्यमी से बेहतर कौन समझता है। उदाहरण के लिए त्रिशिता मिश्रा और नमन अदलखा को ले लीजिए, जो कॉस्मेटिक्स और स्किनकेयर की ऑर्गेनिक ग्रीन इंडो-जर्मन लाइन चलाती हैं, जिसे Omorfee कहा जाता है।
बायोटेक्नोलॉजिस्ट जोड़ी ने महिला ग्राहक की वास्तविक आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए अपने सभी 90 उत्पादों को निकाला है।
महिला उद्यमियों के महत्व के बारे में बात करते हुए, गुलनारे स्किनकेयर के मालिक, सूर्य उदय बेदी ने कहा, 'परंपरागत रूप से, सौंदर्य उद्योग एक महिला लक्ष्य बाजार रहा है। दादी मां के सौंदर्य रहस्य और अधिक स्वस्थ, रासायनिक मुक्त सौंदर्य विकल्पों के लिए शोध करने के उनके आग्रह के साथ, महिलाएं उद्यमी क्षेत्र में कदम रख रही हैं। अनिवार्य रूप से, यह रासायनिक सौंदर्य प्रसाधनों के हानिकारक प्रभावों से बचने के लिए है जो अधिक महिलाओं को अपने और अपने परिवारों के लिए प्राकृतिक विकल्प तलाशने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।'
द इंडिया स्टोरी
आयुर्वेद की जड़ भारत में हैं और उसी तरह जैविक सुंदरता की योजनाएं की जड़ भी जो बहुत सारी कहानियां व्यक्त कर सकती हैं। कई भारतीय सामग्रियों में समृद्ध सौंदर्य लाभ हैं और कई उद्यमी इन सामग्रियों को भारतीय सौंदर्य बाजार में उतारने की सोच रहे हैं।
एक महिला उद्यमी होने और वास्तविक रूप से जैविक सौंदर्य उत्पादों को बेचने की चुनौती के बारे में बात करते हुए, रास लग्जरी ऑयल्स की मालिक शुभिका जैन, ने कहा 'जैविक सौंदर्य में शामिल होना और अपने दिल को इसी में लगाना वास्तव में बहुत ही व्यक्तिगत है जितना कि आपकी त्वचा पर इनमें से कुछ का उपयोग करना। जैविक सौंदर्य व्यवसाय को सफलतापूर्वक चलाने के लिए, किसी को उत्पाद को सही करने के लिए प्रतिबद्ध होना चाहिए। आपको सही मानकों और उत्पाद की प्रभावशीलता को बनाए रखने के लिए निरंतर अनुसंधान और विकास में लिप्त होना चाहिए। इसके अलावा, आप कच्चे माल की क्वालिटी को भी नजरअंदाज नहीं कर सकते। उत्पादन एक बहुत महंगा कार्य है।'
इंटरनेट ऑफ थिंग्स
इंटरनेट मार्केटिंग का खेल महिला उद्यमियों को बहुत अधिक मदद नहीं कर सकता है, यह जैविक सौंदर्य बिरादरी की आम सहमति द्वारा कहा गया है।
एक महिला के लिए नाइट क्रीम की तरह किसी चीज का स्पर्श और महसूस करना आवश्यक है।
बेदी आगे कहते हैं, 'जबकि इंटरनेट मार्केटिंग टूल ने ग्राहकों और संभावित भागीदारों से संपर्क करना आसान बना दिया है, सौंदर्य स्थान अभी भी स्पर्श-एन-फील पर बहुत निर्भर करता है। इंटरनेट मार्केटिंग टूल एक बेहतरीन अतिरिक्त के रूप में काम करते हैं लेकिन यह मार्केटिंग मॉडल की नींव नहीं हो सकते।'
इसके लिए, अदलखा एक अधिक आधुनिक दृष्टिकोण का उपयोग करते हैं। नमन उन देशों की लगातार यात्राएं करते रहते हैं जहां उनके जैविक ब्रांड ने पंख फैलाए हैं। अपने वितरकों के साथ खुद प्रदर्शनियों पर जाकर वो लक्षित ग्राहकों तक पहुंचते हैं जिस वजह से उन्हें हाथ क हाथ अनुभव प्राप्त होता है।
नमन कहते हैं, 'जब आप पूरी पारदर्शिता के साथ अपने उत्पादों को बेचते हैं तो रिपीट ऑर्डर्स कभी भी समस्या नहीं होती क्योंकि ग्राहक आपकी पारदर्शिता को समझ जाते हैं कि आप उनको क्या उत्पाद दे रहे हैं।'
जैन और बेदी दोनों का मानना है कि जल्दी या बाद में, उद्यमी को पॉप-अप और स्टैंड-अलोन स्टोर्स में निवेश करना होगा 'जहां आपके लक्षित ग्राहक के भरोसे को बनाने के लिए परीक्षक आसानी से उपलब्ध हो सकते हैं। अच्छी क्वालिटी उत्पाद और मुंह द्वारा प्रशंसा संयुक्त होते हैं जो सौंदर्य बाजार में उपस्थिति बनाने के लिए महत्वपूर्ण है।'
अधिकांश गंभीर जैविक सौंदर्य ब्रांड के मालिकों का मानना है कि स्व-स्वामित्व वाले स्टोर कहीं अधिक प्रभावी हैं, 'जब तक हमें कोई ऐसा व्यक्ति नहीं मिलता जिसकी हमारी जैसी सोच हो और उसी उत्साह के साथ काम कर सकता हो, इसलिए एक व्यवसायी के रूप में फैलाव करना जोखिम भरा हो सकता हैं।'