व्यवसाय विचार

मुद्रा योजना ने लगभग 10 करोड़ नागरिकों को रोजगार दिया- प्रधानमंत्री

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Aug 16, 2023 - 2 min read
मुद्रा योजना ने लगभग 10 करोड़ नागरिकों को रोजगार दिया- प्रधानमंत्री image
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा सरकार ने 8 करोड़ युवाओं को स्वरोजगार के लिए 20 लाख करोड़ रुपये की सहायता दी और भारतीय युवाओं ने देश को विश्व स्टार्टअप इकोसिस्टम में शीर्ष तीन स्थानों में ला दिया है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 77वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से बताया कि मुद्रा योजना ने करोड़ों नागरिकों को उद्यमी बनने और इस तरह दूसरों के लिए रोजगार सृजनकर्ता बनने में भी सक्षम बनाया है। उन्होंने ने कहा 20 लाख करोड़ रुपये से अधिक के बजट वाली मुद्रा योजना ने हमारे देश के युवाओं के लिए स्वरोजगार, व्यवसाय और उद्यम के अवसर प्रदान किए हैं। लगभग आठ करोड़ लोगों ने नए व्यवसाय आरंभ किए हैं और ऐसे सिर्फ आठ करोड़ लोग ही नहीं हैं जिन्होंने अपना व्यवसाय शुरू किया है, प्रत्येक उद्यमी ने एक या दो व्यक्तियों को रोजगार उपलब्ध कराया है।

मुद्रा योजना का लाभ आठ करोड़ नागरिकों को मिलने से 8-10 करोड़ नए लोगों को रोजगार देने की क्षमता हासिल हुई है। कोविड-19 महामारी के दौरान व्यवसायों को भी सहायता प्रदान की गई, जिसमें एमएसएमई को लगभग 3.5 लाख करोड़ रुपये की सहायता दी गयी, उन्हें डूबने से बचाया गया और उन्हें शक्ति प्रदान की गई।

आवास योजनाओं से लेकर प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के माध्यम से रेहड़ी-पटरी वालों के लिए 50,000 करोड़ रुपये का प्रावधान और ऐसी कई अन्य योजनाओं ने इन 13.5 करोड़ लोगों को गरीबी की कठिनाइयों से ऊपर उठने में सहायता की है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत के युवाओं ने देश को विश्व के शीर्ष तीन स्टार्टअप इकोसिस्टम में ला दिया है। उन्होंने कहा कि दुनिया के युवा इस विकास से अचंभित हैं, भारत के युवाओं की क्षमता देखकर आश्चर्यचकित हैं। आज का विश्व टेक्नोलॉजी से प्रेरित है और भारत के पास टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में जो प्रतिभा है, उसे देखते हुए हमें दुनिया में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभानी होगी। सबसे विकसित देशों के वैश्विक नेताओं ने डिजिटल इंडिया की सफलता को स्वीकार किया है और इन पहलों के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं।

आने वाले महीने में विश्‍वकर्मा जयन्‍ती पर विश्‍वकर्मा योजना लॉन्‍च की जाएगी। यह योजना परम्‍परागत कौशल्‍य वाले लोग अर्थात वह लोग जो औजार से और अपने हाथ से काम करने वाले वर्ग यानि जो कि ज्‍यादातर ओबीसी समुदाय से है। जैसे कि सुथार हों, सुनार हों, राजमिस्‍त्री हों, कपड़े धोने वाले काम करने वाले लोग हों, बाल काटने वाले भाई-बहन परिवार, ऐसे लोगों को एक नई ताकत देने का काम करेगी। इस योजना का आरंभ लगभग 13-15 हजार करोड़ रुपये के बजट से किया जाएगा।

केंद्रीय सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे ने कहा कि यह योजना उन विश्वकर्माओं का समर्थन करेगी जो अपने हाथों से औजारों का उपयोग करके काम करते हैं और इस योजना के लिए 13000  से 15000 करोड़ रुपये का प्रारंभिक आवंटन किया गया है, इसका विश्वकर्मा जयंती पर शुभारंभ किया जाएगा। भारत सरकार के सहयोग से कारीगर अपना उद्यम स्थापित कर पाएंगे और अपना उत्पादन तथा अपनी आय बढ़ाने में सक्षम होंगे।

 

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