व्यवसाय विचार

मुनाफा ही मुनाफा है बायोमेडिकल वेस्ट रीसाइक्लिंग बिजनेस में, यहां जानिए कैसे कर सकते हैं शुरूआत?

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Oct 26, 2023 - 7 min read
मुनाफा ही मुनाफा है बायोमेडिकल वेस्ट रीसाइक्लिंग बिजनेस में, यहां जानिए कैसे कर सकते हैं शुरूआत? image
कहते हैं कि कोई भी वस्तु कभी भी बिना वजह या फिर बिना काम के नहीं होती और बात जब भारत की हो तो कहने ही क्या! यहां तो कबाड़ से भी रोजगार की परंपरा है। ऐसे में एक और बिजनेस है जो उभरकर आया है। इस आर्टिकल में हम उसी की बात कर रहे हैं...

मुनाफा केवल परंपरागत व्यवसायों में ही हो, ऐसा हरगिज जरूरी नहीं है। बात जब हेल्थ सेक्टर की हो तो यह बात और भी ज्यादा गलत लगने लगती है। यहां हर रोज नए अविष्कार होते रहते हैं, जिनमें नए तरीके के व्यवसायों को एक्सप्लोर किया जाता है और उनका मार्केट साइज देखें तो पता चलता है कि ये कितना ज्यादा लाभ कमा रहे हैं। ऐसा ही एक व्यवसाय है बायोमेडिकल वेस्ट रीसाइक्लिंग बिजनेस का। बायोमेडिकल वेस्ट रीसाइक्लिंग प्लांट से आशय बायोमेडिकल कचरे के निपटान और सामान्य कचरे और अन्य कचरे के रीसाइक्लिंग का है क्योंकि बायोमेडिकल कचरे के रूप में एकत्र किए गए कचरे में भी रीसाइक्लिंग योग्य घटक होते हैं। अस्पताल का लगभग 85 प्रतिशत कचरा गैर-संक्रामक होता है, जिसमें से अधिकांश रीसाइक्लिंग यानी कि पुनर्चक्रण योग्य होता है। बायोमेडिकल अपशिष्ट रीसाइक्लिंग व्यवसाय मुख्य रूप से अस्पतालों, निजी क्लीनिकों, दंत चिकित्सा कार्यालयों, सहायक रहने की सुविधाओं, घरेलू देखभाल एजेंसियों और अन्य स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं जैसी स्वास्थ्य सुविधाओं को लक्षित करता है क्योंकि ये ऐसे कचरे के थोक जनरेटर हैं।

इस रीसाइक्लिंग व्यवसाय में पृथक्करण, संग्रह, पूर्व-उपचार, इंट्राम्यूरल परिवहन और भंडारण शामिल है)। प्रयोगशाला अपशिष्ट और अत्यधिक संक्रामक अपशिष्ट को छोड़कर, बायोमेडिकल अपशिष्ट उपचार और निपटान सीबीडब्ल्यूटीएफ ऑपरेटरों की जिम्मेदारी है। ऐसे कचरे को एचसीएफ द्वारा पूर्व-उपचारित किया जाना आवश्यक है। पुनर्चक्रण और निपटान महत्वपूर्ण तत्व हैं जो दुनिया भर में विभिन्न स्वास्थ्य देखभाल क्षेत्रों में डॉक्टरों, नर्सों, स्वास्थ्य देखभाल तकनीशियनों, पशु चिकित्सकों, देखभाल करने वालों, घरेलू देखभाल श्रमिकों और निगमों के काम को आसान बनाते हैं। भारतीय स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में, उत्पन्न कचरे को तीन व्यापक शीर्षकों के अंतर्गत वर्गीकृत किया जाता है, अर्थात बायोमेडिकल अपशिष्ट, सामान्य अपशिष्ट और अन्य अपशिष्ट। बायोमेडिकल अपशिष्ट श्रेणी में, कचरे को चार रंग-कोडित श्रेणियों, यानी पीली श्रेणी, लाल श्रेणी, सफेद श्रेणी और नीली श्रेणी में विभाजित किया गया है। आइए इस विषय को और विस्तार से जानते हैं कि किस तरह से आप यह व्यवसाय शुरू कर सकते हैं? इसके जरूरी दस्तावेज क्या हैं और इसका मार्केट साइज क्या है? अधिक से अधिक मुनाफा कैसे कमा सकते हैं?

बायोमेडिकल अपशिष्ट रिसाइक्लिंग के बारे में इसे भी जरूर जान लें

बायोमेडिकल अपशिष्ट के रूप में एकत्र किए गए कचरे को बायोमेडिकलवेस्ट (प्रबंधन) नियम, 2016 के अनुसार विनियमित किया जाता है। नियम केवल व्यक्तिगत या सामान्य बायोमेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाओं (सीबीएमडब्ल्यूटीएफ) के माध्यम से ऐसे कचरे के वैज्ञानिक निपटान को निर्देशित करते हैं। हालांकि, एकत्र किए गए सामान्य अपशिष्ट और अन्य अपशिष्ट जो पुनर्चक्रण योग्य हैं, उन्हें अन्य लागू नियमों के अनुसार एकत्र, पुनर्चक्रित और निपटान किया जा सकता है। जैव-चिकित्सा अपशिष्ट मनुष्यों, जानवरों के निदान, उपचार या टीकाकरण या अनुसंधान के दौरान उत्पन्न होने वाला अपशिष्ट है। बायो-मेडिकल कचरे में एचसीएफ से उत्पन्न कचरा शामिल होता है, जिसका अगर उचित तरीके से निपटान न किया जाए तो यह किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य या पर्यावरण पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। इस कचरे में वे सामग्रियां शामिल होती हैं जो रोगी के रक्त, स्राव, संक्रमित भागों, जैविक तरल पदार्थ जैसे रसायन, चिकित्सा आपूर्ति, दवाएं, लैब डिस्चार्ज, शार्प, धातु और कांच के बर्तन, प्लास्टिक आदि के संपर्क में रही हैं। चिकित्सा कचरे में पट्टियाँ, संक्रामक शामिल हैं स्वाब, रूई की कलियां, मास्क, दस्ताने, लिनन, स्केलपेल, सुई, ब्लेड और यहाँ तक कि खून भी। कुछ मामलों में, खाने के लिए उपयोग किए जाने वाले बर्तनों को भी संक्रामक अपशिष्ट माना जाता है। सामान्य अपशिष्ट में जैव-चिकित्सा अपशिष्ट के अलावा सभी अपशिष्ट शामिल होते हैं, जो किसी भी खतरनाक या संक्रामक, रासायनिक या जैविक स्राव के संपर्क में नहीं होते हैं और इसमें कोई भी अपशिष्ट शार्प शामिल नहीं होता है। इस कचरे को (ठोस अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016), सी एंड डी अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 और प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के अनुसार पुनर्नवीनीकरण और निपटान किया जा सकता है। इसके अलावा बायोमेडिकल अपशिष्ट पुनर्चक्रण व्यवसाय शुरू करने के लिए संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और प्रदूषण नियंत्रण समितियों से उचित प्राधिकरण प्राप्त करना जरूरी होता है। इसके बाद ही कचरे का पुनर्चक्रण किया जा सकता है।

यूं ही नहीं शुरू कर सकते हैं नर्सिंग होम, यहां जानें क्या है संपूर्ण प्रक्रिया?

इन कागजात के बिना नहीं शुरू कर सकते हैं बायोमेडिकल अपशिष्ट पुनर्चक्रण व्यवसाय

बायोमेडिकल अपशिष्ट पुनर्चक्रण व्यवसाय शुरू करने के लिए आपको किन जरूरी कागजात की जरूरत पड़ेगी यहां विस्तारपूर्वक जान लें।

-बायोमेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन नियम, 2016 के फॉर्म-2 में आवेदन
-मांग पत्र
-उपचार, भंडारण और निपटान सुविधा समझौते की प्रति
-सुविधा की साइट योजना
-स्वामित्व के लिए शपथ पत्र स्व-घोषणा
-तरल अपशिष्ट उपचार के लिए शपथ पत्रध्स्वयं घोषणा
-स्थापना हेतु सहमति की प्रति (सीटीई)
-संचालन के लिए सहमति की प्रति (सीटीओ)
-सीबीडब्ल्यूटीएफ के जीपीएस स्थानों और कवरेज क्षेत्र के साथ मानचित्र।
-सीबीडब्ल्यूटीएफ की आकस्मिक योजना।
-कूड़ा उठान के मैनिफेस्टों की प्रति


क्लिनिक बिजनेस के बारे में कितना जानते हैं आप? यहां जानिए कैसे कर सकते हैं शुरुआत?

ठोस अपशिष्ट प्रबंधन प्राधिकरण के लिए इन दस्तावेज की पड़ती है जरूरत

-स्थानीय प्राधिकरण एमसीडी से भूमि आवंटन दस्तावेज पत्र की प्रति।
-सामान्य नगरपालिका ठोस अपशिष्ट के लिए पर्यावरणीय मंजूरी की प्रति
-सहमति प्रमाणपत्र की प्रति (सीटीई और सीटीओ)
-नगरपालिका प्राधिकरण और संचालन एजेंसी के बीच समझौते की प्रति।
-परियोजना पर निवेश और अपेक्षित रिटर्न का विवरण।
-ठोस अपशिष्ट प्रबंधन की परियोजना रिपोर्ट।
-साइट के लिए भूमि स्वामित्व दस्तावेज।
-जिला स्तरीय स्थल चयन समिति की अनुमति
-पिछले वर्ष की एमएसडब्ल्यू वार्षिक रिपोर्ट।
ठोस अपशिष्ट प्रसंस्करण सुविधा के संचालक को मंजूरी जारी की जाती है (यदि कोई निजी संचालक साइट का संचालन कर रहा है)।

यहां जान लें क्या है बायोमेडिकल अपशिष्ट पुनर्चक्रण व्यवसाय के पंजीकरण प्रक्रिया?

बायोमेडिकल अपशिष्ट पुनर्चक्रण व्यवसाय के लिए बायोमेडिकल अपशिष्ट प्रबंधन नियम 2016 के तहत, आवेदक को संबंधित राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड प्रदूषण नियंत्रण समिति में फॉर्म 2 भरकर उसके साथ आवश्यक शुल्क जमा करना होगा। वहीं, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए प्राधिकरण की भी आवश्यकता है, तो एसपीसीबी को फॉर्म 1 में एक अलग आवेदन करना होगा।
कागजात की जांच और साइट निरीक्षण भी है बेहद जरूरी
बायोमेडिकल अपशिष्ट पुनर्चक्रण व्यवसाय की क्षमता और क्षमताओं का आंकलन करने के लिए राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ओर प्रदूषण नियंत्रण समितियों यानी कि एसपीसीबीपीसीसी द्वारा किसी भी कमी के लिए दस्तावेजों की जांच की जाती है। इसके अलावा व्यवसाय के लिए प्रस्तावित स्थान का एक निरीक्षण किया जाता है और उसके आधार पर ही निरीक्षण रिपोर्ट तैयार होती है।

हर्बल दुनिया में करना है बिजनेस तो ये हैं पांच बेहतरीन ऑप्शन्स, मार्केट ग्रोथ रेट भी है काफी हाई

प्राधिकरण जारी करना

एसपीसीबीपीसीसी सभी जरूरी कागजातों के सफल निरीक्षण और निवारण के बाद फॉर्म 2 में प्राधिकरण प्रदान करता है। पूर्ण आवेदन जमा करने के 90 दिनों के भीतर प्राधिकरण जारी किया जाता है।

बायोमेडिकल अपशिष्ट पुनर्चक्रण व्यवसाय का बाजार अवलोकन

भारत का जैव-चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन बाजार सेवा के प्रकार, उपचार स्थल, क्षेत्र और कंपनी के आधार पर विभाजित किया गया है। उपचार स्थल के आधार पर, अपशिष्ट प्रबंधन बाजार को ऑफ-साइट और ऑन-साइट में वर्गीकृत किया जा सकता है। इस बाजार के 2024 तक 3900 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है। हेल्थ सेक्टर मार्केट की बात करें तो रोगियों की संख्या भी बढ़ रही है, जिससे प्रतिदिन बड़ी मात्रा में जैव-चिकित्सा अपशिष्ट उत्पन्न होता है। कई गैर-सरकारी संगठन जैव-चिकित्सा अपशिष्टों के प्रबंधन और जैव-चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन नियमों के अनुपालन के लिए पहल कर रहे हैं, जिससे जैव-चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन बाजार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। इसके अतिरिक्त, जैव-चिकित्सा अपशिष्टों और उनके सुरक्षित निपटान के बारे में बढ़ती जागरूकता भी बाजार को आगे बढ़ा रही है। बायोमेडिकल अपशिष्ट पुनर्चक्रण व्यवसाय में सिनर्जी वेस्ट सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड, बायोटिक वेस्ट सॉल्यूशन्स प्राइवेट लिमिटेड, मरीडी इको इंडस्ट्रीज, अल्फा थर्म लिमिटेड सहित कई अन्य कंपनियां हैं, जो इस क्षेत्र में काम कर रही हैं।

निष्कर्ष: हेल्थ सेक्टर में बिजनेस करना हो तो यहां कई ऐसे क्षेत्र हैं, जिनपर लगातार खोज जारी है। कभी टेलीमेडिसिन तो कभी ऑक्यूपेशनल थेरेपी। यानी कि कुछ न कुछ नया और अलग करने के प्रयास चल ही रहे हैं और ये सफल भी हो रहे हैं। ऐसा ही एक क्षे़त्र बना है बायोमेडिकल वेस्ट रिसाइक्लिंग बिजनेस। यह ऐसा कारोबार है, जिसमें हानि की संभावना न के बराबर है। अगर आप भी चिकित्सा क्षेत्र में ही बिजनेस करना चाहते हैं और कुछ ऐसा जो परंपरागत व्यवसाय से अलग हो और मुनाफा ही मुनाफा ही, तो आप इसे चुन सकते हैं।

Subscribe Newsletter
Submit your email address to receive the latest updates on news & host of opportunities
Franchise india Insights
The Franchising World Magazine

For hassle-free instant subscription, just give your number and email id and our customer care agent will get in touch with you

or Click here to Subscribe Online

Newsletter Signup

Share your email address to get latest update from the industry