- Home
- Article
- व्यवसाय विचार
- यूएई और भारत की साझेदारी से दोनों देशों के रिश्ते मजबूत होंगे: पीयूष गोयल
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भरोसा जताया है कि भारत और यूएई के रिश्ते पहले से कहीं ज्यादा मजबूत हो रहे हैं और भविष्य में इसके और भी ज्यादा मजबूत होने की संभावना है। अबू धाबी चैंबर द्वारा आयोजित भारत और यूएई के व्यावसायिक नेताओं की एक बैठक में अपने संबोधन के दौरान उन्होंने यह बात कही। इन दोनों देशों में हो रही आर्थिक वृद्धि और व्यवसाय के अवसरों को मजबूत बनाने के लिए की जा रही आपसी साझेदारी, दोनों ही देशों को भविष्य में आगे बढ़ाने में सहयोग करेगी। गोयल ने दोनों देशों के बीच हुई इस साझेदारी पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसे भारत का दूसरा सबसे बड़ा निर्यात स्थान, तीसरा सबसे बड़ा व्यापार साझेदार और विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के मामले में इसे सबसे बड़ा निवेशक बताया। दोनों देशों के बीच की व्यापक आर्थिक साझेदारी इस सहयोग के लिए एक मजबूत नींव तैयार करने का काम करेगी। दोनों ही देशों का एक मजबूत इतिहास रहा है। दोनों ही देशों की संस्कृति और परंपरा इतनी मजबूत है कि आज भी उन्हें हर मामले में सक्षम बनाती है और उनके बेहतर भविष्य की संभावनाओं को भी जोड़ती है। गोयल का मानना है कि यह समानता उनकी साझेदारी को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगा।
एक बड़े बाजार के साथ भारत के 1.4 अरब नागरिक संयुक्त अरब अमीरात में व्यवसाय करने के अवसर देने को आतुर हैं। उन्होंने अगले 30 वर्षों के लिए भारत की औसत आयु 30 वर्ष से कम रखने और 2047 तक अपने सकल घरेलू उत्पाद में 30 ट्रिलियन डॉलर जोड़ने का लक्ष्य रखते हुए 30 बाय 30 बाय 30 के अवसर की रूपरेखा तैयार की है। उन्होंने व्यवसायों को सहयोग और प्रतिस्पर्धा की भावना से इन अवसरों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। भारत और संयुक्त अरब अमीरात के लोगों का एक-दूसरे के प्रति अविश्वसनीय प्यार और स्नेह है। यह व्यवसायों द्वारा किए जा रहे योगदान के कारण भू-राजनीतिक रणनीतिक साझेदारी को मजबूत बनाने में निर्णायक होगा। गोयल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले नौ वर्षों में भारत में उल्लेखनीय आर्थिक विकास हुआ है। उनकी कोशिश का ही नतीजा है कि भारत आज विश्व की पांचवीं अर्थव्यवस्थाओं में से एक बन चुका है। गोयल ने अपने संबोधन में इस प्रभावशाली यात्रा और अगले चार वर्षों के भीतर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने के भारत के महत्वाकांक्षी लक्ष्य पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने अगले 25 वर्षों को भारत के विकास का स्वर्णिम काल बताया।
बीते पांच वर्षों में भारत और यूएई के बीच व्यापारिक रिश्तों पर नजर डालें तो हम पाएंगे कि वित्त वर्ष 2022-23 में अब तक का निर्यात 16,056.47 यूएस मिलियन डॉलर, आयात 28,403.98 यूएस मिलियन डॉलर यानी कुल कारोबार 44,460.45 यूएस मिलियन डॉलर का हुआ। वित्त वर्ष 2021-22 में 28,044.88 यूएस मिलियन डॉलर का निर्यात (पिछले साल की तुलना में 68.14 प्रतिशत की वृद्धि) और 44833.43 का आयात (पिछले साल की तुलना में 68.4 प्रतिशत की वृद्धि) यानी कुल 72878.31 (पिछले साल की तुलना में 68.3 की वृद्धि) यूएस मिलियन डॉलर का कारोबार हुआ। वित्त वर्ष 2020-21 में 16679.54 का निर्यात (पिछले साल की तुलना में 42.19 प्रतिशत की कमी), 26622.99 यूएस मिलियन डॉलर का आयात (पिछले साल की तुलना में 12.01 की कमी) यानी कुल कारोबार 43302.53 (पिछले साल की तुलना में 26.74 की कमी) यूएस मिलियन डॉलर का हुआ। वित्त वर्ष 2019-20 में 28853.59 यूएस मिलियन डॉलर का निर्यात (पिछले साल की तुलना में 4.23 प्रतिशत की कमी), 30256.65 यूएस मिलियन डॉलर का आयात (1.58 प्रतिशत की वृद्धि) यानी कुल कारोबार 59110.23 यूएस मिलियन डॉलर (पिछले साल की तुलना में 1.34 प्रतिशत की वृद्धि) का हुआ। वित्त वर्ष 2018-19 में 30126.73 का निर्यात (पिछले साल की तुलना में 7.04 की वृद्धि), 29785.33 का आयात (पिछले साल की तुलना में 37.01 की वृद्धि) यानी कुल कारोबार 59912.05 यूएस मिलियन डॉलर (पिछले साल की तुलना में 20.1 प्रतिशत की वृद्धि) का हुआ। वहीं, वित्त वर्ष 2017-18 में निर्यात 28146.12 यूएस मिलियन डॉलर, 21739.11 यूएस मिलियन डॉलर का आयात यानी कुल कारोबार 49885.23 यूएस मिलियन डॉलर का हुआ।