चंडीगढ़ के एमएसएमई को एक बड़ा बढ़ावा मिलने वाला है, क्योंकि यूटी (UT) औद्योगिक विभाग अपने 12-बिंदु विकास कार्यक्रम को लागू करना शुरू कर रहा है। इसमें एक सहायता हेल्पडेस्क की स्थापना, स्थानीय इकाइयों के लिए क्वालिटी मानकों का प्रमाणन, शहर को पैकेजिंग और इनोवेशन का केंद्र बनाना, स्थानीय इकाइयों को उद्यमिता विकसित करने में सहायता प्रदान करना, एक्सपोर्ट प्रमोशन के लिए वित्तीय सहायता देना और इकाइयों के लिए एक समर्पित ई-पोर्टल शामिल है।
चंडीगढ़ एकमात्र संघ शासी क्षेत्र है, जिसका सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) केंद्रीय सरकार द्वारा रेज़िंग एंड एक्सेलेरेटिंग एणएसएमई परफॉर्मेंस (RAMP) योजना के तहत मंजूर किया गया है। UT ने शहर में एमएसएमई क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए अपनी 12-बिंदु SIP को लागू करना भी शुरू कर दिया है। इस उद्देश्य के लिए केंद्र ने UT को लगभग 43 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। इस कार्यक्रम के तहत, औद्योगिक विभाग एक सहायता हेल्पडेस्क स्थापित करेगा।
एक अधिकारी ने कहा यह एमएसएमई को मार्केटिंग रणनीतियों, वित्तपोषण और विभिन्न केंद्रीय सरकार की MSME योजनाओं के तहत नामांकन के लिए संसाधन और विशेषज्ञता प्रदान करेगा। यूटी प्रशासन एमएसएमई सस्टेनेबल (ZED) सर्टिफिकेशन योजना और एमएसएमई कॉम्पिटिटिव (लीन) योजना के तहत प्रमाणन प्राप्त करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगा।
अधिकारी ने कहा ये सर्टिफिकेशन एमएसएमई की क्वालिटी और उत्पादकता के लिए होते हैं। ZED सर्टिफिकेशन तीन स्तरों पर मिलता है — कांस्य, रजत और स्वर्ण। कांस्य सर्टिफिकेशन मुफ्त है, लेकिन बाकी के लिए पैसे देने होते हैं। हालांकि, चंडीगढ़ में यूटी इन प्रमाणनों का खर्च उठाएगा ।