आज के समय में हेल्दी रहना बहुत ही जरूरी है और एक अच्छा स्वास्थ तभी होता है जब आप शारीरिक बीमारियों, मानसिक तनाव से दूर होते है। स्वास्थ्य जीवन में विभिन्न कार्यों को पूरा करने के लिए आधार बनता है। कोई व्यक्ति जो शारीरिक रूप से अयोग्य है वह अपने परिवार की देखभाल नहीं कर सकता है। इसी तरह कोई व्यक्ति मानसिक तनाव का सामना कर रहा है और अपनी भावनाओं को संभालने में अक्षम है तो वह परिवार के साथ अच्छे रिश्तों का निर्माण और उनको बढ़ावा नहीं दे सकता है। यह कहना बिल्कुल सही है कि एक शारीरिक रूप से अयोग्य व्यक्ति ठीक से काम नहीं कर सकता।कुशलतापूर्वक काम करने के लिए अच्छा मानसिक स्वास्थ्य बहुत आवश्यक है, तो इस बार के आम बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वास्थ्य क्षेत्र को लेकर कई अहम घोषणाएं की गई।
उन्होंने केंद्रीय बजट पेश करते हुए कहा कि मानसिक स्वास्थ्य परामर्श के लिए एक राष्ट्रीय टेली-मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। आईआईटी बैंगलोर कार्यक्रम के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय डिजिटल स्वास्थ्य इकोसिस्टम के लिए एक खुला प्लेटफॉर्म तैयार किया जाएगा।इसमें स्वास्थ्य प्रदाताओं और स्वास्थ्य सुविधाओं की डिजिटल रजिस्ट्रियां, विशिष्ट स्वास्थ्य पहचान और स्वास्थ्य सुविधाओं तक सार्वभौमिक पहुंच शामिल होगी। उत्कृष्टता के 23 टेली मानसिक स्वास्थ्य केंद्रों का एक नेटवर्क शामिल होगा, जिसमें निम्हंस नोडल केंद्र होंगे और आईआईआईटी बैंगलोर टेक्नॉलोजी सहायता प्रदान करेगा।
डिजिटल टैक्नोलॉजी देशभर में स्वाजस्य् प की पहुंच और स्वास्थय देखभाल सुविधाओं के विस्तादर में महत्वलपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
टेलीमेंटल हेल्थ क्या है
टेलीमेंटल स्वास्थ्य मानसिक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए दूरसंचार या वीडियोकांफ्रेंसिंग तकनीक का उपयोग है। इसे कभी-कभी टेलीसाइकियाट्री या टेलीसाइकोलॉजी के रूप में जाना जाता है।
कई स्टडी में ये बात सामने आई है कि कई तरह के मानसिक रोगियों के लिए टेलीमेंटल हेल्थ काफी प्रभावी रहा है। कोरोना की महामारी के कारण इसकी जरूरत और अधिक बढ़ गई है। जैसे-जैसे आभासी मानसिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने की आवश्यकता बढ़ी है, प्रदाता उन व्यक्तियों के लिए चिकित्सा, मूल्यांकन, हस्तक्षेप और दवा प्रबंधन लाने के लिए फोन और वीडियोकांफ्रेंसिंग तकनीक का उपयोग करने के तरीके ढूंढ रहे हैं जहां वे हैं।
दूर-दराज के इलाकों में मेंटल हेल्थ सुविधाओं की पहुंच बेहद कम है। इसके जरिए लोग उन क्षेत्रों में भी मानसिक स्वास्थ्य लाभ ले सकेंगे। मानसिक सेहत को लेकर हमारे समाज में काफी कम जागरुकता है। लोग मानसिक रोगों के इलाज के लिए जल्दी बाहर नहीं निकलते, लेकिन तकनीक के जरिए अब घर बैठे वो मानस स्वास्थ्य सुविधाएं ले सकेंगे और उनकी हिचक भी कम होगी।
आपको बता दे आम बजट को वित्त मंत्री हर वर्ष जनवरी माह के अंत में अगले वर्ष का आय व्यय का ब्यौरा पेश करते हैं। यानि वे देश की अर्थव्यवस्था को संभालने के लिए किस तरह आय करेंगे और फिर उस आय को कहां कहां खर्च करेंगे। इस तरह से आम बजट पेश किया जाता है।