यूपी की छोटी और मझोली कंपनियां पैसा जुटाने के लिए पूंजी बाजार का रूख कर रही हैं। योगी सरकार से एमएसएमई क्षेत्र को मिल रहे प्रोत्साहन के बाद कंपनियों ने शेयर बाजार में उतरने की तैयारी शुरु कर दी है। हाल ही में ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनियों से एमएसएमई क्षेत्र के उत्पाद बेंचने के करार के साथ ही यूपी सरकार ने एनआईसी की मदद से अपना एक पोर्टल तैयार करने की शुरुआत की है। इस पोर्टल से एमएसएमई क्षेत्र की कंपनियों को अपने उत्पाद वैश्विक बाजारों तक पहुंचाने में आसानी होगी।
यूपी के एमएसएमई विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी नवनीत सहगल ने बताया, कि शेयर बाजार के माध्यम से यूपी की एमएसएमई इकाइयों को पूंजी जुटाने के लिए यूपी सरकार की पहल कारगर साबित होने लगी है। यूपी की 20 नई कंपनियां एनएसई और बीएसई पर लिस्टेड हुई है। यूपी सरकार ने बीते साल ही एमएसएमई को शेयर बाजार में उतरने के लिए एनएसई और बीएसई के साथ करार किया था। इस समझौते के तहत एनएसई और बीएसई को एमएसएमई क्षेत्र की कंपनियों को पूंजी बाजार में उतरने के लिए जरुरी तैयारियों में सहयोग देना, उनके लिए अंडर राइटर, मर्चेंट बैंकर की तलाश करना और अन्य मदद करना शामिल है।
सहगल ने निर्यात प्रोत्साहन भवन में एमओयू पार्टनर संस्थाओं के साथ बैठक के दौरान और ज्यादा से ज्यादा संस्थाओं को एनएसई और बीएसई पर लिस्टेड कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इसी वर्ष में बीएसई पर 129 करोड़ रुपए मार्केट कैपिटल की 12 कंपनियां और एनएसई प्लेटफार्म पर 101 करोड़ रुपए इश्यू साइज रैंज की आठ कंपनियां लिस्टेड हुई है।उन्होंने निर्देश दिए कि पूरे यूपी में जागरूकता अभियान चलाकर एमएसएमई को स्टाक एक्सचेंज पर लिस्ट कराने का प्रयास किया जाएगा। यूपी में जगह-जगह इस संबंध में वर्कशाप कराई जाए और एमएसएमई इकाईयों को पूंजी बाजार में उतरने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।