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- यूपी में अपनों को प्रॉपर्टी ट्रांसफर करना हुआ आसान, रजिस्ट्रेशन में खर्च होंगे केवल 6,000 रुपये
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई उत्तर प्रदेश मंत्रिमंडल की बैठक में प्रोपर्टी ट्रांसफर को लेकर एक बड़ा फैसला किया गया। मंत्रिमंडल की बैठक के बाद वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि इस नीति की अवधि अब अनिश्चित काल तक के लिए बढ़ा दी गई है। अब नोएडा, गाजियाबाद या लखनऊ जैसे उत्तर प्रदेश के महानगरों में खून के रिश्ते में प्रोपर्टी ट्रांसफर करने पर रजिस्ट्रेशन शुल्क के रूप में महज 5000 रुपये और प्रोसेसिंग फी के रूप में 1000 रुपये का शुल्क चुकाना होगा।
सरकार की इस रियायत की नीति का दुरुपयोग नहीं हो, इसके लिए सरकार ने परिजनों को भी पारिभाषित कर दिया है। इस नीति का लाभ बेटा, बेटी, माता, पिता, पति, पत्नी, बहू, दामाद, सहोदर भाई, सहोदर बहन और पोते-पोती या नाती-नतिनी को मिलेगा।
इस नीति को बनाने से पहले राज्य में नजदीकी परिजनों को भी प्रोपर्टी ट्रांसफर करने पर संपत्ति के मूल्य का 7 फीसदी स्टाम्प ड्यूटी के रूप में देना पड़ता था। इसके साथ रजिस्ट्री का निर्धारित शुल्क भी चुकाना पड़ता था। इसके तहत खून के रिश्ते में या परिजनों को प्रोपर्टी ट्रांसफर करने पर मनी ट्रांसफर नहीं होने पर भी सात फीसदी स्टाम्प ड्यूटी चुकानी होती थी। पहले प्रॉपर्टी ट्रांसफर करने में रजिस्ट्रेशन का खर्च बहुत ज्यादा होता था, इसलिए लोग अक्सर परिवार के सदस्य को पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए प्रॉपर्टी ट्रांसफर कर देते थे। इसके लिए सिर्फ 50 या 100 रुपये के स्टाम्प पेपर से काम हो जाता था। इससे सरकार को राजस्व का भारी नुकसान होता था। इस नई नीति को अनिश्चित काल के लिए बढ़ा देने के बाद लोगों का खर्च तो बच ही रहा है, सरकार की आमदनी भी बढ़ी है।
अगर आप 50 लाख रुपये की संपत्ति अपने किसी नजदीकी रिश्तेदार के नाम ट्रांसफर करना चाहते हैं और अगर आप बाजार दर पर उस प्रॉपर्टी पर स्टाम्प ड्यूटी भरेंगे तो आपको लगभग 4.20 लाख रुपये खर्च करने होंगे। इसकी जगह आप अब प्रोपर्टी ट्रांसफर सस्ते में ही करवा लेंगे। सरकार की नई नीति से अब रजिस्ट्रेशन में भी बस 6,000 रुपये का ही खर्च होगा।