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- राजस्थान सरकार-यूएसएआईडी और रूम टू रीड मिलकर पढ़ने को करेंगे प्रेरित
यूनाइटेड स्टेट्स एजेंसी फॉर इंटरनेशनल डेवलपमेंट (यूएसएआईडी) और रूम टू रीड इंडिया ने 27 बच्चों की कहानियों की किताबें प्रकाशित करने के लिए राजस्थान स्टेट काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (एससीईआरटी) के साथ साझेदारी की है। यह बच्चों में पढ़ने के कौशल और पढ़ने की आदतों को बढ़ावा देगी। यह हर उम्र को ध्यान में रखकर तैयार की गई उच्च गुणवत्ता वाली कहानी की कुल नौ किताबें- हिंदी, वागड़ी और गरासिया भाषाओं में हैं। ये पुस्तकें प्राथमिक विद्यालय के शिक्षकों के सहयोग से तैयार की गईं हैं, जिसे एससीईआरटी, राजस्थान के स्कूलों में वितरित करेगी।
जयपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान राजस्थान सरकार के (प्राथमिक और माध्यमिक) शिक्षा विभाग, संस्कृत शिक्षा विभाग, कला, साहित्य, संस्कृति और पुरातत्व विभाग और पंचायती राज के तहत आने वाले प्राथमिक शिक्षा विभाग के मंत्री डॉ. बुलाकी दास कल्ला ने इन पुस्तकों का औपचारिक रूप से लॉन्च किया।
यूएसएआईडी के उप मिशन निदेशक अलेक्जेंड्रिया ह्यूर्टा ने कहा, “शिक्षा, विकास परिणामों का एक मूलभूत चालक है। जो बच्चे अपने जीवन और कार्य के लिए आवश्यक कौशल के साथ तैयार हैं, वे अपने परिवार, समुदाय, देश और खुद की प्रगति कर सकते हैं। यूएसएआईडी, राज्य में प्राथमिक कक्षा के बच्चों के बीच पढ़ने के परिणामों को बेहतर बनाने के लिए, राजस्थान सरकार और रूम टू रीड इंडिया के साथ सहयोग करके खुश है।''
रूम टू रीड इंडिया में क्वालिटी रीडिंग मटेरियल की एसोसिएट डायरेक्टर सिम्मी सिक्का ने कहा, "रूम टू रीड लंबे समय से क्षेत्रीय भाषाओं में बच्चों के लिए उनकी उम्र के अनुरूप कहानियों की किताबें बना रहा है। यूएसएआईडी के समर्थन के माध्यम से, हम अब युवा पाठकों के लिए राजस्थान की मूल भाषाओं में, जो बहुभाषावाद को संबोधित करने में मदद करेगा, गुणवत्तापूर्ण कहानियों की किताबें भी विकसित कर रहे हैं।"
पुस्तकों का निर्माण रूम टू रीड इंडिया द्वारा कार्यान्वित यूएसएआईडी द्वारा वित्त पोषित स्केलिंग-अप अर्ली रीडिंग इंटरवेंशन (एसईआरआई) परियोजना के माध्यम से किया गया था। यह गतिविधि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) और समझ व संख्यात्मकता के साथ पढ़ने में प्रवीणता के लिए राष्ट्रीय पहल या (एनआईपीयूएन भारत मिशन) से संबद्ध है। इस परियोजना ने प्रारंभिक कक्षा के छात्रों के बीच बड़े पैमाने पर पढ़ने में पर्याप्त सुधार दिखाया है। वर्तमान में यह सरकारी प्रणालियों के भीतर सिद्धांतों और प्रथाओं को संस्थागत बनाने की दिशा में काम कर रहा है। इस उद्देश्य को आगे बढ़ाने के लिए, एसईआरआई टीम, पाठ्यक्रम विकास, शिक्षण सामग्री विकास, शिक्षक प्रशिक्षण, मूल्यांकन, क्षमता निर्माण, बच्चों के साहित्य विकास और सामुदायिक सहभागिता जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सक्रिय रूप से संलग्न है।
रूम टू रीड इंडिया की स्थापना 2003 में हुई थी। वर्तमान में यह ग्यारह राज्यों- आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, दिल्ली-एनसीआर, झारखंड, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, तेलंगाना, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में कार्यरत है। रूम टू रीड एक वैश्विक संगठन है, जो शिक्षा में साक्षरता और लैंगिक समानता पर ध्यान केंद्रित करके कम आय वाले समुदायों के लाखों बच्चों के जीवन में बदलाव ला रहा है। वर्ष 2000 के बाद से, रूम टू रीड ने 23 कम आय वाले देशों में 3 करोड़ 90 लाख से अधिक बच्चों को लाभान्वित किया है।