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- रिलायंस रिटेल ने मेट्रो कैश एंड कैरी को 2,850 करोड़ रुपये में खरीदा
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की सहायक कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड (आरआरवीएल) ने मेट्रो कैश एंड कैरी इंडिया प्राइवेट लिमिटेड में 100 प्रतिशत की हिस्सेदारी हासिल की। यह डील 2,850 करोड़ रुपये में हुई।
मेट्रो इंडिया, मेट्रो एजी की पूर्ण स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है। ये भारत में कैश-एंड-कैरी बिजनेस फॉर्मेट पर कारोबार शुरू करने वाली पहली कंपनी थी। इसने भारत में वर्ष 2003 में अपना कारोबार शुरू किया और अब लगभग 3,500 कर्मचारियों के साथ 21 शहरों में 31 बड़े फॉर्मेट स्टोर चलाती है।
कैश-एंड-कैरी होलसेलर की भारत में 3 मिलियन (30 लाख) से अधिक ग्राहकों तक पहुंच है और उनमें से 1 मिलियन(10 लाख) इसके स्टोर नेटवर्क और ईबी2बी ऐप के माध्यम से खरीदार हैं। मेट्रो इंडिया किराना और अन्य छोटे व्यवसायों और व्यापारियों को सर्विस देती है। वित्तीय वर्ष 2021-22 (सितंबर 2022 को समाप्त वित्तीय वर्ष) में कंपनी ने 7,700 करोड़ रुपये की बिक्री की।ये भारत के बाजार में कारोबार शुरू करने के बाद से अब तक की कंपनी की सर्वश्रेष्ठ बिक्री है।
इस अधिग्रहण के माध्यम से, रिलायंस रिटेल आउटलेट, रिटेल और संस्थागत खरीदारों के विस्तृत नेटवर्क तक पहुंच प्राप्त होगी। इससे कंपनी अपना एक मजबूत डिस्ट्रीब्यूशन चैनल बना सकेगी। कंपनी मेट्रो इंडिया के सप्लाई चेन नेटवर्क और टेक्नॉलॉजी प्लेटफार्म का लाभ उठाते हुए अपने ग्राहकों और और छोटे व्यापारियों को बेहतर सर्विस देने में भी मदद करेगा।
रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड की डायरेक्टर ईशा अंबानी ने कहा मेट्रो इंडिया का अधिग्रहण छोटे व्यापारियों और उद्यमों के साथ सहयोग के माध्यम से एक अनूठा मॉडल बनाने की हमारी नई पहल के अनुरूप है।
मेट्रो इंडिया भारतीय बी2बी बाजार में अग्रणी और प्रमुख खिलाड़ी है और इसने मजबूत ग्राहक अनुभव प्रदान करने वाला एक ठोस मल्टी-चैनल प्लेटफॉर्म बनाया है।कंपनी द्वारा अधिग्रहण की घोषणा के बाद बीएसई पर शुक्रवार को रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयर करीब तीन प्रतिशत गिरकर 2501.55 रुपये पर बंद हुए। रिलायंस रिटेल इस अधिग्रहण की मदद से देश भर में घरों, किराना से लेकर व्यापारियों तक, होटल, रेस्तरां और खानपान से लेकर छोटे,मध्यम उद्यमों और संस्थानों तक अपनी पहुंच का विस्तार करना जारी रखेगा।
मेट्रो एजी के सीईओ डॉ स्टीफन ग्रेबेल ने कहा मेट्रो इंडिया के साथ, हम बाजार में बढ़ते और लाभदायक थोक व्यापार को बेच रहे हैं। हमें विश्वास है कि रिलायंस में हमें एक उपयुक्त पार्टनर मिला है जो भविष्य में मेट्रो इंडिया का सफलतापूर्वक नेतृत्व करने के लिए सक्षम है। यह ग्राहकों और हमारे कर्मचारियों दोनों को लाभान्वित करेगा, जिनकी निष्ठा और परफॉरमेंस के लिए हम बहुत आभारी हैं। दूसरी ओर मेट्रो को तेजी से विकास पर ध्यान केंद्रित करने में सक्षम करेगा।
रिलायंस ने किए कई अधिग्रहण
रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (आरआईएल) ने पिछले तीन वर्षों में अपनी सहायक कंपनियों रिलायंस जियो इंफोकॉम लिमिटेड और रिलायंस रिटेल लिमिटेड, आदि के उत्पाद की पेशकश को बढ़ावा देने के लिए कई अधिग्रहण किए।
आरआईएल ने मीडिया और शिक्षा में 566 मिलियन डॉलर (56.6 करोड़) से ज्यादा, रिटेल क्षेत्र में 194 मिलियन डॉलर (19.4 करोड़ डॉलर) से ज्यादा, टेलीकॉम और इंटरनेट फर्मों में 1.2 बिलियन डॉलर(120 करोड़ डॉलर) से ज्यादा, डिजिटल फर्मों में 100 मिलियन डॉलर(10 करोड़ डॉलर) से ज्यादा, रसायन और ऊर्जा क्षेत्र में 391 मिलियन डॉलर(39.1 करोड़ डॉलर) का निवेश किया है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज द्वारा अधिग्रहण स्पष्ट रूप से आरआईएल शीर्ष 20 कंपनियों में गिने जाने की आकांक्षा को दर्शाता है। रिफाइनिंग और पेट्रोकेमिकल्स के साथ रिलायंस जियो और रिलायंस रिटेल इस उपलब्धि को हासिल करने में अहम भूमिका निभा सकते हैं। आरआईएल के टेलीकॉम वेंचर जियो ने उपभोक्ता सेवाओं के मामले में अपनी धारणा को बेहतर बनाने में मदद की है।
रिलायंस ने दो वर्षों में बालाजी टेलीफिल्म्स (टीवी सामग्री), एडकास्ट (लर्निंग एनेबलर), एम्बिब (एडटेक सामग्री), सावन (संगीत सामग्री), रेडिस (5जी आर्किटेक्चर), इरोस (टीवी सामग्री), हैथवे (ब्रॉडबैंड), डेन (केबल), हैप्टिक (ग्राहक जुड़ाव), रेवेरी (लैंग्वेज प्रोसेसिंग), फ़ाइंड (ऑनलाइन शॉपिंग), पर्पल पांडा फ़ैशन, क्लोविया (इंटीमेट वियर), टेसरैक्ट (एआर/वीआर), और ग्रैब (लॉजिस्टिक्स) जैसी कंपनियों का अधिग्रहण किया।
रिलायंस रिटेल ने दिसंबर 2021 तक लगभग 14,412 से ज्यादा स्टोर संचालित किए। कंपनी ने हाल ही में वित्त वर्ष 21 में 720.05 मिलियन डॉलर (5481 करोड़ रूपये) का लाभ दर्ज किया था जो 20.62 बिलियन डॉलर ( 1.57 लाख करोड़) दर्ज किया गया था।