बेंगलुरु स्थित एडवांस्ड बैटरी टेक्नोलॉजी स्टार्टअप लॉग9 मैटीरियल को ई-थ्री-व्हीलर्स के लिए विकसित किए गए रैपिडएक्स 8000 बैटरी पैक के लिए ऑटोमोटिव इंडस्ट्री स्टैंडर्ड (एआईएस) 156 (रेव 3, पीएच 1) सर्टिफिकेशन मिला है। इंटरनेशनल सेंटर फॉर ऑटोमोटिव टेक्नोलॉजी (आईसीएटी) द्वारा किए गए सुरक्षा परीक्षणों के के आधार पर लॉग9 रैपिडएक्स 8000 बैटरी को सर्टिफिकेशन दिया गया।
भारत सरकार के सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (एमओआरटीएच) ने हाल ही में उपभोक्ताओं की सुरक्षा को बनाए रखने के लिए एआईएस-156 सर्टिफिकेशन पेश किया था, जो बैटरी निर्माताओं द्वारा सुरक्षा अनुपालन में लापरवाही के कारण पूरे भारत से ईवी में आग/दुर्घटना की बढ़ती घटनाओं में था।
रैपिडएक्स 8000 बैटरी इंस्टाचार्ज टेक्नोलॉजी के साथ आती हैं जो इन बैटरियों को 0 से 100 प्रतिशत तक 35 मिनट में चार्ज करने में सक्षम बनाती हैं। वे-40 डिग्री से 65 डिग्री सेल्सियस के तापमान रेंज में 15000 चार्ज-डिस्चार्ज चक्र और 10 साल से अधिक बैटरी चलने में सक्षम हैं।
लॉग9 मटेरियल के संस्थापक और सीईओ डॉ.अक्षय सिंघल ने कहा हमें अपनी रैपिडएक्स 8000 बैटरियों के लिए एआईएस-156 सर्टिफिकेशन मिलने पर गर्व है और हम इसे अपनी टेक्नॉलॉजी के मान्यकरण के रूप में मानते हैं जिसमें हम निवेशित रहते हैं। सुरक्षा, हमारी स्थापना के बाद से, हर नवाचार( इनोवेशन) और उत्पाद की आधारशिला रही है जिसे हम बाजार में लाए हैं। हमें अपने उत्पादों को आईसीएटी द्वारा सर्टिफाइड देखकर गर्व हो रहा है।
कंपनी का कहना है कि वह भारत की पहली स्वदेशी सेल मैन्युफैक्चरिंग सुविधा स्थापित कर रही है। पहले स्वदेशी एलटीओ सेल का डिजाइन और मैन्युफैक्चरिंग बना रही है और वर्तमान में अपने सेल और बैटरी मैन्युफैक्चरिंग कौशल को बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है।जबकि वर्तमान में, यह इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया निर्माताओं के साथ काम कर रही है। यह इलेक्ट्रिक बस सेगमेंट में अपनी बैटरी के उपयोग के मामले भी तलाश रही है।
एआईएस-156 सर्टिफिकेशन क्या है
इलेक्ट्रिक वाहनों में उपयोग की जाने वाली बैटरियों के परीक्षण के लिए सुरक्षा मापदंडों को मजबूत करने के लिए, संशोधन -2, जो 01 अक्टूबर 2022 से प्रभावी था, ऑटोमोटिव उद्योग मानक (एआईएस) -156 और एआईएस-038 (रेव 2) दोनों को जारी किया गया था। ओईएम को एआईएस-156 और एआईएस 038 (रेव 2) मानकों के तहत निर्धारित प्रावधानों का पालन करने/कार्यान्वित करने के लिए बेहतर ढंग से तैयार करने के लिए, सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने उक्त एआईएस के संशोधन 3 को लागू करने का फैसला किया था।