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- लोहम 1,200 करोड़ रुपये के निवेश के साथ उत्पादन को 30 GWh तक बढ़ाएगा
लोहम 1,200 करोड़ रुपये के निवेश के साथ अगले तीन वर्षों में अपनी रीसाइक्लिंग क्षमता को पांच गीगावॉट से 30 गीगावॉट तक विस्तारित करने के लिए तैयार है।
लोहम के फाउंडर और सीईओ रजत वर्मा ने एक नई योजना की घोषणा की है जिसके तहत वे एक बड़ी रीसाइक्लिंग और कैथोड सक्रिय सामग्री (कैथोड एक्टिव मटेरियल) उत्पादन की सुविधा स्थापित करेंगे। इसके लिए उन्होंने तमिलनाडु सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (मेमोरेंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंग) पर हस्ताक्षर किए हैं।
निवेश का लक्ष्य कंपनी की मौजूदा क्षमताओं को बढ़ाना है और इसमें क्षेत्र में संबंधित टेक्नोलॉजी की उन्नति भी शामिल है। लोहुम एक नई और बेहतर बैटरी बना रहा है जो न केवल सुरक्षित है बल्कि इलेक्ट्रिक कारों को एक बार चार्ज करने पर अधिक दूरी तय करने में मदद करेगी और यह सब कम खर्च में संभव होगा। टेस्ला, बीवाईडी और सीएटीएल जैसे अग्रणी वैश्विक ईवी निर्माता पहले ही इस टेक्नोलॉजी में निवेश कर चुके हैं।
रजत वर्मा ने रणनीतिक विस्तार योजनाओं का विवरण दिया और भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता के समर्थन में एलएमएफपी प्रौद्योगिकी के महत्व पर प्रकाश डाला। वर्मा ने कहा, "एलएमएफपी तकनीक को विकसित करने से लोहम को ऊर्जा परिवर्तन को तेजी से लाने में मदद मिलेगी। इससे बैटरी अधिक ऊर्जा संग्रहीत कर पाएंगी, सस्ती होंगी, सुरक्षित होंगी, पर्यावरण के अनुकूल होंगी और तापमान में बदलाव को आसानी से सहन कर पाएंगी।
विस्तार में हैदराबाद में एक नए कैथोड एक्टिव मटेरियल्स (सीएएम) प्लांट की स्थापना भी शामिल है, जो भारत में पहली बार नवीन एलएमएफपी कैथोड तकनीक पर केंद्रित है। इस विस्तार का उद्देश्य न केवल लोहुम की उत्पादन क्षमता को बढ़ाना है, बल्कि ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए देश के समृद्ध मैंगनीज भंडार का लाभ उठाते हुए भारत में लिथियम-आयन बैटरी सप्लाई चेन को मजबूत करना भी है।