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- वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन में तकनीकी शिक्षा समझौता ज्ञापन पर हुए हस्ताक्षर
वित्तीय सुविधाओं के जरिए शिक्षा के प्रत्येक पहलु पर काम करना है उद्देश्य
वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन प्रगति के लिए एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा है। इस वर्ष के शिखर सम्मेलन में शिक्षा क्षेत्र पर विशेष जोर दिया गया है। जानकारी के अनुसार शिक्षा की दिशा में होने वाले इस समझौते से प्राप्त होने वाले प्रमुख परिणामों पर विचार करते हुए राज्य शिक्षा मंत्री (एमओएस) प्रफुल पंशेरिया ने शिखर सम्मेलन के दौरान समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए और इसके बारे में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। इस एमओयू के तहत शिक्षा विभाग 3325.26 करोड़ रुपये की राशि मुहैया करवाएगा। इसका उद्देश्य राज्य के शैक्षिक परिदृश्य को मजबूत बनाना है।
वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन के दौरान 1060.14 करोड़ रुपये मूल्य के एक और समझौता ज्ञापन पर भी हस्ताक्षर किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है, जो गुजरात के शैक्षिक बुनियादी ढांचे में तब्दीलियां लानें और इसे और बेहतर बनाने के लिए तैयार है। 25.26 करोड़ रुपये के एमओयू के औपचारिक होने से तकनीकी शिक्षा क्षेत्र को बढ़ावा मिलने वाला है। इस वित्तीय प्रतिबद्धता का उद्देश्य कौशल विकास और तकनीकी प्रगति के लिए राज्य के दृष्टिकोण के अनुरूप तकनीकी शिक्षा के अवसरों को समृद्ध करना है। इसके अलावा, 35 करोड़ रुपये के वित्तीय निहितार्थ के साथ एक आगामी समझौता ज्ञापन की भी उम्मीद है, जो इस क्षेत्र के लिए बेहतरीन कदम बताया जा रहा है।
इस मौके पर पनशेरिया ने कहा कि कि अभी 25.26 करोड़ रुपये के तकनीकी शिक्षा समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। हायर सेकेंडरी में 3300 करोड़ रुपये का एमओयू हुआ है, जिसमें 417.29 करोड़ रुपये लंबित हैं। उन्होंने कहा कि हस्ताक्षरित एमओयू के माध्यम से उच्च माध्यमिक शिक्षा के लिए 3300 करोड़ रुपये का एक और आवंटन निर्धारित किया गया है। इसके अलावा 417.29 करोड़ रुपये का एक प्रतीक्षित समझौता ज्ञापन उच्च माध्यमिक शिक्षा के समग्र विकास में योगदान देने के लिए तैयार है।
इन सभी समझौतों के दौरान यह भी ध्यान रखा गया है कि स्कूली शिक्षा किसी भी स्तर पर पीछे नहीं रहनी चाहिए। इसके लिए भी व्यापक कदम उठाए जा रहे हैं। साथ ही 607.85 करोड़ रुपये की धनराशि का एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन भी तैयार किया गया है। उम्मीद है कि यह भी जल्दी ही धरातल पर उतरेगा और प्राथमिक शिक्षा पहल को गति प्रदान करेगा। पनशेरिया ने कहा कि इन सभी समझौता ज्ञापनों के जरिए हम गुजरात के शिक्षा क्षेत्र में बेहतरीन परिणाम प्राप्त करेंगे। उन्होंने कहा कि इन समझौते के तहत हमारा प्रथम उद्देश्य यही होता है कि हम वित्तीय प्रतिबद्धताओं से आधुनिकीकरण, बुनियादी ढांचे के विकास और शिक्षा की गुणवत्ता में समग्र सुधार ला सकें।