अनुसंधान-आधारित शिक्षण, सीखने और प्रशिक्षण को गति देने के उद्देश्य से भारतीय स्कूलों में एक ऐतिहासिक पहल शुरू की गई है। इसके अंतर्गत स्कूल शिक्षा की अग्रणी 'आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित समग्र सेवा प्रदाता कंपनी' जैमिट ने एक गैर-लाभकारी संस्था 'द फ्यूचर फाउंडेशन' के साथ मिलकर 10 लाख रुपये के शोध अनुदान की घोषणा की है।
छात्रों को भविष्य के लिए तैयार करने के उद्देश्य से इसके अंतर्गत अनुसंधान-संचालित शिक्षण व सीखने के समाधानों को लागू किया जाएगा। इसे पूरा करने वाले विद्यालयों और स्वतंत्र शिक्षकों को चुनकर उन्हें यह अनुदान दिया जाएगा। इस अनुदान की घोषणा सरकार की नई आर्थिक नीति (एनईपी 2020) के सिफारिशों के अनुरूप की गई है, जो भविष्य के लिए तैयार कौशल प्रशिक्षण को, विषयों को सीखने और पाठ्यक्रम को अभिन्न अंग के रूप में शामिल करने के लिए, विद्यालयों में शोध-आधारित दृष्टिकोण के साथ पढ़ाने का प्रयास करेगी।
समाधान सुझाती स्कूली शिक्षा प्रणाली
जैमिट के संस्थापक और निदेशक अरुल मालवीय ने कहा,"एक एआई आधारित शिक्षण समाधान प्रदाता के रूप में, आज हम उस विशेष भूमिका को महत्व देते हैं, जो हमारे विद्यालयों में किस तरह से बच्चों को सीखने और शिक्षकों को विद्यालयों में पढ़ाने में अहम भूमिका निभाया जा सकता है, इस मूल शोध आधारित अंतर्दृष्टि और आधुनिक सोच को दिशा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। इस शोध अनुदान की घोषणा के साथ, हम उस मूल सोच की संस्कृति को बढ़ावा देना चाहते हैं, जो आधुनिक शिक्षण व सीखने के सिद्धांतों और प्रथाओं पर आधारित है। साथ ही, जो हमारी स्कूली शिक्षा प्रणाली को उन्नत करने के लिए तत्काल व्यावहारिक समाधान सुझाती है।"
इसके अलावा, इस अनुदान को पाने के लिए, विद्यालयों और स्वतंत्र शिक्षकों, दोनों को एक शोध प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा, जिसे जैमिट द्वारा नियुक्त स्क्रीनिंग कमेटी और उसके अकादमिक भागीदार, 'क्वालिफिकेशंस और एसेसमेंट्स इंटरनेशनल (क्यूएआई) यूके' द्वारा जांचा जाएगा।
आवेदकों को नकद सहायता राशि भी
एक ओर जहां विद्यालयों को इसके लिए कम से कम 500 छात्रों का समर्थन दिखाना होगा, वहीं दूसरी ओर शिक्षकों को कम से कम 50 स्कूली छात्रों को भविष्य की तैयारी की अपनी यात्रा में रखने में सक्षम होना जरूरी होगा। यह अनुदान प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय के शिक्षकों को कम-से-कम तीन साल के प्रासंगिक शिक्षण अनुभव समेत नए व नवीन शिक्षण और सलाह विधियों को लागू करने में प्रदर्शन योग्य कौशल के साथ उपलब्ध होगा।
इसके अलावा, अनुदान में प्रति विद्यालय 30 हज़ार रुपये नकद सहायता और प्रत्येक शिक्षक के लिए 15 हज़ार रुपये नकद शामिल होंगे। कुल मिलाकर बीस स्कूल और बीस स्कूल शिक्षक इस कार्यक्रम से लाभान्वित होने वाले हैं।
आवेदकों के लिए क्या हैं नियम
एक बार कार्यक्रम के लिए चुने जाने के बाद, स्कूल और स्वतंत्र शिक्षक, जो एनईपी 2020 की सिफारिशों को भी ध्यान में रखते हैं, को जैमिट के नौ आयामों से जुड़े छात्रों को स्वतंत्र व मूल शोध करने की सिफारिशें प्रदान करनी होंगी, जिन्हें व्यावहारिक रूप से ज्यादा आसानी से स्कूलों में लागू किया जा सके।
इच्छुक स्कूल आवेदकों के लिए 500 से कम शब्दों के शोध प्रस्ताव के अलावा, स्कूल का प्रतिनिधित्व करने वाले शिक्षकों पर एक संक्षिप्त पृष्ठभूमि प्रस्तुत करने की भी आवश्यकता होगी। एक स्कूल को केवल एक शोध प्रस्ताव प्रस्तुत करना होगा। यदि चयनित हुआ तो अनुदान प्रस्ताव प्राप्त होने के तीन महीने के भीतर उन्हें शोध को पूरा करना होगा। इसी तरह, शिक्षक आवेदकों के लिए, यदि एक शोध प्रस्ताव प्रस्तुत करने के बाद उसे चुना जाता है, तो उन्हें तीन महीने के भीतर अपना शोध पूरा करना होगा।
ऐसे अस्तित्व में आया जैमिट
गुरुग्राम स्थित स्टार्टअप 'मैश वर्चुअल' ने जैमिट को सूचना, जुड़ाव और नेटवर्किंग प्लेटफ़ॉर्म बनाया, जो स्कूलों, छात्रों, शिक्षकों, अभिभावकों, ट्यूटर्स और सेवा प्रदाताओं का समर्थन करता है। भविष्य की तत्परता के लिए जैमिट पैक जेडक्यू, वेबिनार, समाचार फ़ीड, राजदूत कार्यक्रम और पुरस्कारों सहित कई सेवाएं प्रदान करता है। शिक्षकों के लिए, यह निरंतर व्यावसायिक विकास के अवसर, ऑनलाइन शिक्षण, जांच के अलग-अलग मंच और शिक्षण संसाधनों का ऑफर प्रदान करता है।
2014 में जैमिट के संस्थापक अरुल मालवीय ने एक ऐप बनाने की कल्पना की थी, जो छात्रों और अभिभावकों के लिए नेटवर्किंग और सूचना एकत्र करना आसान बना दे। पांच साल बाद, जैमिट ने मैश वर्चुअल द्वारा एक आईटी समाधान और सेवा फर्म की पेशकश के रूप में आकार लेना शुरू किया।
निःशुल्क मोबाइल ऐप है जैमिट
जैमिट के संस्थापक ने बताया कि यह एक मोबाइल ऐप है, जो प्ले स्टोर पर निःशुल्क उपलब्ध है। यह किसी भी अन्य ऐप की तरह काम करता है। इसमें निहित जानकारी को दिनभर में दो बार अपडेट किया जाता है।
वह कहते हैं, "हम लगातार इसे अपडेट और रिफाइन करते रहते हैं ताकि अपनी तकनीक को बेहतर बना सकें। ऐसा करने के पीछे हमारी मानसिकता इसे अन्य ऐप से बेहतर बनाने और उपयोगकर्ता के अनुकूल, स्मार्ट, दुरुस्त व बग-मुक्त रखना है। इस ऐप को अब तक एक लाख लोग डाउनलोड कर चुके हैं।"