व्यवसाय विचार

वैलनेस कल्चर ने बदल दिए मार्केटिंग के मायने

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Oct 29, 2018 - 3 min read
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स्वास्थ्य अब जीने का एक तरीका है, जिसमें इंसान शारीरिक, भावनिक, सामाजिक और आध्यात्मिक तौर पर स्वस्थ रहे इसका ख्याल रखा जाता है।

वैलनेस इंडस्ट्री के रूप में बाजार में एक क्रांति आई है, जिसने ऐसी कई शाखाओं में जोरदार तेजी लाई है। जिनकी अब तक स्वास्थ्य-सेवा के क्षेत्र में कोई भूमिका नहीं थी। स्टार्टअप्स और जमी हुई कंपनियां, दोनों ने अपने ब्रांड्स को वैलनेस का जामा पहनाते हुए काफी फायदा कर लिया है। जैसे कुछ कंपनियां पर्यावरण को सुरक्षित रखते हुए पाए गए पदार्थों का ही इस्तेमाल कर अपने प्रोडक्ट्स बनाती हैं, तो एक एथलीशर ब्रांड ने आपके स्वास्थ्य पर नजर रखने वाले कपड़े बनाने का दावा किया है। पुरानी समस्याओं को नए तरीके से सुलझाने वाली कल्पनाओं की भरमार है और इस तरक्की कर रही वैलनेस इंडस्ट्री में नए सूरमा प्रवेश करते दिखाई दे रहे हैं।

2018 में वैलनेस में करने लायक बहुत कुछ होने के बावजूद इंडस्ट्री आज भी आहार-सौंदर्य-तंदुरूस्ती इस आजमाए हुए दायरे में ही घूम रही है। ऐसा करते हुए वह आज के दौर, समाज और अर्थव्यवस्था पर कहीं अधिक प्रभाव डालने वाले इस उद्योग को एक घेरे में बंद कर रही है। दूसरी ओर मार्केटर्स अपने ब्रांड को मिल रहे इस सुनहरे अवसर को पहचान कर वैलनेस के नए मायने बना रहे हैं। साथ ही, 'स्वास्थ्य' से कहीं अधिक पाने की इच्छा रखने वाले उपभोक्ताओं को कुछ बेहतर देने की कोशिश कर रहे हैं।

स्वास्थ्यसेवा में वेलनेस

वैलनेस इंडस्ट्री ने वर्षों तक खुद को औषधि व्यवसाय की परछाई से दूर रखा, लेकिन अब उसे परंपरागत स्वास्थ्य-सेवाओं को नए सिरे से और ज्यादा प्रभावी आकार देने में जबरदस्त आसार नजर आने लगे हैं। (हाइ-एंड रिटेल के अनुभवों से सीख कर अपनाई हुई) अधिक प्रभावी हॉस्पिटल चेक-इन प्रक्रियाएं उसका एक उदाहरण है। उसी तरह डॉक्टर्स ने पेशेंट्स और उपचार पद्धतियों से बेहतर तरीकों से जुड़ने के लिए इलेक्ट्रॉनिक स्वास्थ्य रिकार्ड्स का इस्तेमाल करना शुरू किया है। अपनी सर्विसेज देने के तरीकों को बदलने से पेशेंट्स और सर्विसेज देने वाले, दोनों के लिए एक बदला हुआ सुखद अनुभव होता है।

एक जीवनशैली के रूप में वैलनेस

ज्यादातर उपभोक्ताओं के लिए वैलनेस उनकी जीवनशैली से जुड़ा हुआ होता है। कई श्रेणियों में ऐसे देखा गया है कि नए और छोटे ब्रांड्स मौके तैयार करते हुए बड़ी कंपनियों को पीछे छोड़ रही हैं। नेस्ले और क्राफ्ट जैसी कंपनियों ने भी ये कबूल किया है कि पिछले दो वर्षों में उपभोक्ता ज्यादा स्वस्थ और अच्छी देखभाल वाले विकल्पों को ढूंढ‌ रहे हैं।

खास कर एंटी-एजिंग सेक्टर में अचानक कमाल की तेजी आई है। ऑर्बिस रिसर्च के अनुसार एंटी-एजिंग प्रोडक्ट्स और सर्विसेज का मूल्य 2016 में $250 बिलियन था और 2021 में $330 बिलियन पार कर सकता है। मौजूदा हालात में क्रीम्स, सप्लीमेंट्स, स्प्रेज़, एंटी-रिंकल ट्रीटमेंट्स और स्लीप एड्स इनमें फायदेमंद मौके नजर आ रहे हैं। एजिंग के अलावा, नाखून, बाल और त्वचा को अच्छा बनाए रखने के लिए खाए जाने वाले ब्यूटी प्रोडक्ट्स बढ़ रही है।

हाल ही में, आहार और सौंदर्य जगत में गजब का टकराव हुआ जब कॉस्मेटिक्स ब्रांड बॉबी ब्राउन कोलेजन युक्त डेजर्ट पैक्स पेश किए और प्रोटीन शेक की संकल्पनाओं को जड़ों से हिला दिया।

कीमती उपकरणों के साथ घर पर ही वर्कआउट करना, सबसे तेज बढ़ता हुआ स्वास्थ्य चलन दिखाई दे रहा है। इसमें इंटरनेट से जुडी हुई, लाइव स्ट्रीमिंग इंस्ट्रक्टर ऐप्स से लैस पेलोटोन बाइक का समावेश है। उत्पाद का निजीकरण, सुविधा और प्रशिक्षक के साथ संपर्क - इन सबका एक मिला-जुला अनुभव उपकरण को खरीदने के लिए आकर्षक बनाता है।

ब्रांड्स को अपने उपभोक्ता के लिए संपन्न अनुभवों का निर्माण और रचना करते हुए वैलनेस की यात्रा को सकारात्मक योगदान देने का अवसर है।

 

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