स्कूली बच्चों में मृत्यु का दूसरे प्रमुख कारण आत्महत्या है। हालांकि इसका बचाव किया जा सकता है। आमतौर पर आत्महत्या करने वाली प्रवृत्ति के लोग अपने तनाव के लक्षणों का प्रदर्शन करते हैं जिसे उनके माता-पिता और शिक्षकों को पहचानना जरूरी है। शिक्षक उनके व्यवहार में आए बदलावों को ध्यान से अध्ययन कर ऐसी चेतावनियों को देख सकते हैं। वे स्कूल कम्यूनिटी के अंदर वयस्कों और छात्रों की मदद कर सकते हैं। स्कूल कम्युनिटी का मुख्य कार्य आत्महत्या निवारण और छात्रों को अपने सही निर्णय लेने में सशक्त बनाना है।
मोमो चैलेंजः स्कूलों के लिए रेड अर्ल्ट
ब्लू ह्वेल चैलेंज के खतरे के कम होने के बाद वर्तमान में एक और चैलेंज आया है जो छात्रों में आपराधिक गतिविधियों और आत्महत्या को फैला रहा है। ऐसे चैलेंज लगातार बढ़ रहे हैं। ऐसे में अभिभावक एक ऐसी संस्था की खोज कर रहे हैं जो उनके बच्चों को संपूर्ण सुरक्षा प्रदान कर सके।इसलिए यह आवश्यक है कि शिक्षक अपने स्टाफ और छात्रों से ऐसे विषयों पर चर्चा करें, अपने छात्रों को समझने और पहचानने के लिए योजना बनाएं और उसे एक बेहतर जीवन की ओर अग्रसर होने के लिए उसका मार्गदर्शन करें। ये एक सुरक्षित और सुरक्षा भरे वातावरण के निर्माण में मदद करेगा और अभिभावकों को अपने बच्चों को आपके स्कूल में नामांकन कराने के लिए प्रेरित करेगा।
काउंसलर नियुक्ति एक बेहतर विकल्प
एक स्कूल काउंसलर आपको सबसे बड़ा लाभ यह देता है कि ये छात्रों को उनके अकादमिक, करियर और सामाजिक चुनौतियों के लिए आपके शिक्षा एजेंडा से संबंध स्थापित कर उन्हें तैयार करता है। आपके स्कूल में काउंसलर की उपस्थिति के कारण आप अभिभावकों में विश्वास स्थापित कर सकते हैं जो आपके स्कूल में अपने बच्चे का नामांकन कर आपके पक्ष मे परिणाम दे सके।
स्कूल आधारित आत्महत्या निवारण प्रोग्राम
शिक्षण संस्थानों को ऐसे लोगों को नियुक्त करना चाहिए जो आपके पूरे संस्थान में आत्महत्या जैसी घटना के खिलाफ लड़ सकें। वह अध्यापकों और छात्रों को आवश्यक पहचान और उन छात्रों को पहचानने की कला सीखा सकता है जो आत्महत्या की प्रवृत्ति वाले हो या जो आत्मघाती व्यवहार के हो। मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) ने उच्च शिक्षा विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग के अध्यक्षों को इलेक्ट्रोनिक्स और सूचना तकनीक मंत्रालय (एमईआईटी) के निर्देशों के आधार पर 'मोमो चैलेंज' के लिए एक सलाह/बचाव जारी किया है। इस बचाव में माता-पिता को ऐसी चुनौतियों से सावधान रहने का आग्रह किया है ताकि उनके बच्चे इसका शिकार न हो। स्कूल द्वारा शुरू किए गए आत्महत्या निवारण प्रोग्राम से छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं को समझा जा सकता है और उन्हें शैक्षिक गतिविधि प्रदान कर बेहतर भविष्य के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है।