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- शिक्षकों में नेतृत्व गुण बढ़ाने के लिए देशभर में चलाए जा रहे हैं 'नर्चरिंग फ्यूचर लीडरशिप प्रोग्राम'
शिक्षा मंत्रालय ने सितंबर 2023 में यूजीसी के अंतर्गत ‘दि मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम’ का उद्घाटन किया था। इसी कार्यक्रम के तहत इन दिनों देश के ज्यादातर आईआईटी, आईआईएम जैसे संस्थानों में पांच दिनों का ‘नर्चरिंग फ्यूचर लीडरशिप प्रोग्राम’ आयोजित किया जा रहा है, जहां शिक्षकों में नेतृत्व क्षमता बढ़ाने के लिए प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस सोमवार आईआईटी (आईएसएम) धनबाद में ‘नर्चरिंग फ्यूचर लीडरशिप प्रोग्राम’ की शुरुआत हुई, जिसके तहत सफल नेतृत्वकर्ता तैयार करने पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम का उद्देश्य इंटरैक्टिव सत्र, केस स्टडीज और अनुभवात्मक शिक्षा के माध्यम से निर्णय लेने के लिए शिक्षकों को सक्षम बनाना है।
शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा शुरू किए गए ‘नर्चरिंग फ्यूचर लीडरशिप प्रोग्राम’ पर धनबाद आईआईटी (आईएसएम) के चेयरमैन प्रोफेसर प्रेम व्रत कहते हैं, "देश के ज्यादातर आईआईटी और आईआईएम में इन दिनों ‘नर्चरिंग फ्यूचर लीडरशिप प्रोग्राम’ आयोजित किए जा रहे हैं। इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों की नेतृत्व उत्कृष्टता को बढ़ावा देने और शिक्षकों में नेतृत्व कौशल विकसित करना है।” प्रोफेसर प्रेम व्रत ने कहा कि सितंबर 2023 में शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने यूजीसी के चेयरमैन एम. जगदीश कुमार की उपस्थिति में ‘दि मालवीय मिशन टीचर ट्रेनिंग प्रोग्राम’ का उद्घाटन किया था। इसके बाद से देश भर के आईआईटी, आईआईएम सहित कुछ केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पांच दिनों के इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। इन सभी आयोजनों के पीछे मकसद शिक्षकों के अंदर नेतृत्व कौशल का विकास करना है, जिसका लाभ आगे चलकर शिक्षकों के साथ-साथ छात्रों को भी होगा।"
शिक्षकों की नेतृत्व उत्कृष्टता को बढ़ावा
शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रायोजित प्रतिष्ठित ‘मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम (एमएमटीटीपी)’ के तहत आयोजित ‘नर्चरिंग फ्यूचर लीडरशिप प्रोग्राम’ का उद्घाटन संस्थान के कार्यवाहक निदेशक प्रोफेसर जे के पट्टनायक द्वारा आईआईटी (आईएसएम) के आई2एच भवन में किया गया। उन्होंने कहा कि ‘नर्चरिंग फ्यूचर लीडरशिप प्रोग्राम’ का उद्देश्य सहभागी संस्कृति, राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 में उल्लिखित दृष्टिकोण के अनुरूप सशक्त कार्यबल बनाना है। कार्यक्रम को समन्वयक प्रो. मृणालिनी पांडेय, प्रो. सोमनाथ चट्टोपाध्याय, प्रो. इरफान समेत अन्य ने भी संबोधित किया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य उच्च शैक्षणिक संस्थानों (एचईआईज) में नेतृत्व उत्कृष्टता को बढ़ावा देना और संकाय सदस्यों को शिक्षा क्षेत्र में प्रभावी नेतृत्वकर्ता के तौर पर सशक्त बनाना है। इस दौरान प्रो. मृणालिनी पांडे ने नेतृत्व कौशल विकसित करने के महत्व पर प्रकाश डाला जबकि ओसीईपी के प्रभारी प्रो. सोमनाथ चट्टोपाध्याय ने कार्यक्रम के उद्देश्यों और संरचना पर जोर दिया। इस दौरान प्रो. एमडी इरफान ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपनी सहभागिता निभाने वालों के प्रति आभार व्यक्त किया।
शिक्षा क्षेत्र में लीडरशिप के लिए सशक्त बनाना
भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) जम्मू ने जगती स्थित अपने स्थायी परिसर में आयोजित एक उद्घाटन सत्र में ‘मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रम’ के तत्वावधान में ‘पोषण भविष्य नेतृत्व कार्यक्रम’ शुरू किया। नेतृत्व प्रशिक्षण कार्यक्रम विभिन्न स्तरों पर शिक्षकों के नेतृत्व कौशल को विकसित करने और पीढ़ीगत परिवर्तन के लिए संभावित नेताओं का एक पूल बनाने के लिए डिज़ाइन किए गए अद्वितीय आवासीय कार्यक्रमों में से एक है। यह कार्यक्रम आईआईएम जम्मू के संकाय द्वारा 18 से 22 मार्च 2024 तक आयोजित किया जा रहा हैए जिसका उद्देश्य संस्थान प्रशासन को अपने संकाय सदस्यों के नेतृत्व की गुणवत्ता का आकलन करने में सक्षम बनाना है।
आईआईएम जम्मू के निदेशक प्रो. बीएस सहाय ने उद्घाटन समारोह की अध्यक्षता की। पहले बैच में 25 प्रतिभागी शामिल थे, जिन्हें पूरी तरह से शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया गया है। आईआईएम जम्मू के निदेशक प्रो. सहाय ने प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए देश के प्रमुख प्रबंधन संस्थानों में से एक के रूप में संस्थान के विशिष्ट योगदान पर जोर दिया। उन्होंने कार्यक्रम के सत्रों और चर्चाओं में सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित किया, साथी शिक्षकों और आईआईएम जम्मू संकाय के साथ संबंधों को बढ़ावा दिया और शिक्षा में उत्कृष्टता, नवाचार और नेतृत्व के लिए उनकी प्रतिबद्धता को दोहराया।
उन्होंने कहा, शैक्षिक उत्कृष्टता और नेतृत्व विकास की दिशा में हमारी यह यात्रा आज एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो रही है। आज हम सकारात्मक परिवर्तन के लिए उत्प्रेरक के रूप में काम करने वाले अकादमिक नेतृत्वकर्ताओं के विकास के उद्देश्य से एक परिवर्तनकारी पहल शुरू करते हैं।
नेतृत्व विकास की दिशा में मील का पत्थर
इसके अलावा, उन्होंने आईआईएम प्रणाली की उपलब्धियों पर भी प्रकाश डाला, जिसमें लगातार दो वर्षों तक एनआईआरएफ रैंकिंग में शीर्ष 15 आईआईएम में संस्थान की लगातार रैंकिंग शामिल है। उन्होंने कहा कि हम चाहते हैं कि राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर आईआईएम जम्मू एक अग्रणी बिजनेस स्कूल के रूप में उभरे। संस्थान की इस यात्रा पर विचार करते हुए, उन्होंने छात्रों के प्रवेश में वृद्धि और महिला प्रतिनिधित्व में उल्लेखनीय वृद्धि जैसी चुनौतियों और मील के पत्थरों को याद किया। उन्होंने जम्मू (आईआईएम, आईआईटी और एम्स) में राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों के बीच सहयोगात्मक प्रयासों पर भी जोर दिया, विशेष रूप से राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के उद्देश्यों के अनुरूप एमबीए एचए-एचएम और बीटेक औऱ एमबीए जैसे कार्यक्रमों को लागू करने में। उन्होंने अपने उदार छात्रवृत्ति कार्यक्रम के माध्यम से शोध विद्वानों का समर्थन करने के लिए आईआईएम जम्मू की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला और संस्थान के राजस्व मॉडल को रेखांकित किया।
कार्यक्रम की शुरुआत कार्यक्रम निदेशक डॉ. कुलविंदर कौर के स्वागत भाषण के साथ हुई। उन्होंने कहा, यह कार्यक्रम अकादमिक नेताओं की अगली पीढ़ी के विकास के लिए आवश्यक है। हमारा लक्ष्य संकाय को अपनी शैक्षणिक यात्रा में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक नेतृत्व कौशल प्रदान करना और अपने छात्रों के लिए सीखने का वातावरण बनाना है।
चार विषयों में विभाजित आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम
कार्यकारी शिक्षा और कॉर्पोरेट परामर्श (ईई एंड सी) के सह-अध्यक्ष डॉ. प्रतीक माहेश्वरी ने इस तरह के नेतृत्व प्रशिक्षण और विकास कार्यक्रमों के माध्यम से उच्च गुणवत्ता वाली कार्यकारी शिक्षा प्रदान करने के लिए संस्थान की अटूट प्रतिबद्धता को साझा किया। उन्होंने इस तरह की पहल के माध्यम से शैक्षिक नेतृत्व तैयार करने में कार्यक्रम की विशेषताओं और आईआईएम जम्मू की भूमिका पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर आईआईएम जम्मू के कार्यक्रम निदेशक डॉ. प्रवीण कुमार उपस्थित थे।
आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम को चार व्यापक विषयों में विभाजित किया गया है, जैसे कि नेतृत्व, संचार, कौशल विकास और हाल की सरकारी पहल, और पांच दिनों के लिए प्रत्येक में चार सत्र रखे गए हैं। इन सत्रों में व्याख्यान, संवादात्मक कार्यशालाएं, समूह चर्चा, केस स्टडी, भूमिका-नाटक और अवधारणाओं के सक्रिय जुड़ाव और अनुप्रयोग को सुनिश्चित करने के लिए व्यावहारिक अभ्यास शामिल होंगे। प्रतिभागियों को अन्य शिक्षकों और आईआईएम जम्मू संकाय के साथ जुड़ने का अवसर भी मिलेगा।
नेतृत्वकर्ताओं की संख्या पहले ज्यादा होगी
बीते दिनों बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी ने भी शिक्षकों में नेतृत्व क्षमता का विकास करने के लिए लगभग 800 शिक्षकों को यह प्रशिक्षण दिया था। महिला महाविद्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम को संबोधित करने हुए बीएचयू के कुलपति प्रोफेसर सुधीर कुमार जैन ने कहा, "बीएचयू के अंदर पहले भी हर क्षेत्र के लिए नेता तैयार करने की क्षमता रही है, जिसका समय-समय पर हमारे पूर्व छात्रों ने सबूत भी दिया है। हालांकि, इस कार्यक्रम के आयोजन के बाद हमारी यूनिवर्सिटी से निकलने वाले नेतृत्वकर्ताओं की संख्या पहले से भी ज्यादा हो जाएगी।"
आईआईएम रांची, आईआईएम विशाखापट्टनम, आईआईएम इंदौर, आईआईएम नागपुर, आईआईएम उदयपुर, आईआईटी गांधीनगर, आईआईएम कोझिकोड, आईआईटी बॉम्बे समेत देश के कई आईआईटी और आईआईएम संस्थानों में इन दिनों ‘नर्चरिंग फ्यूचर लीडरशिप कार्यक्रम’ का आयोजन किया जा रहा है। अब देखना यह है कि देश के इन सम्मानित संस्थानों के शिक्षकों को जमीनी स्तर पर इसका कितना लाभ मिलता है।