दुनिया युवाओं की जरूरत और आवश्यकताओं से बहुत ही परिचित हो गई है। एडवांस तकनीक के साथ आज की पीढ़ी अब तक की सभी पीढ़ियों में सबसे ज्यादा शिक्षित पीढ़ी होने की परिधि तक आ गई है। इसलिए शिक्षक अब इस समूह को अपना लक्ष्य बनाकर अपने महल का विस्तार करने की योजना बना रहे है। लेकिन एक रिसर्च के अनुसार, सबसे युवा श्रेणी अब 22 वर्ष है और सबसे बड़ी 38 वर्ष। ज्यादातर इस श्रेणी ने या तो अपनी शिक्षा पूरी कर ली है या जल्द ही वे इसे पूरा करने वाले हैं। ये अब अगली श्रेणी को अपना लक्ष्य बनाने जा रहे है जो कि जनरेशन Z है।
जनरेशन Z के बारे में सभी को कम जानकारी है लेकिन इनके बारे में जानना जरूरी है ताकि आप इन्हें अपने ब्रांड के प्रति आकर्षित कर सकें।बहुत से शिक्षक युवा वर्ग के लिए प्रयोग की जाने वाली योजना पर काम कर रहे है जो जनरेशन Z के लिए काम नहीं करने वाली है। दोनों ही वर्गां में अंतर है जिसके लिए नया या अलग सा दृष्टिकोण रखना आवश्यक है।
डिजिटल वर्ग
दोनों ही पीढ़ियां तकनीक से प्रभावित है। जनरेशन Z युवाओं की तुलना में पूर्ण रूप से डिजिटल है। शिक्षकों को इस अंतर को समझना आवश्यक है ताकि वे सफल हो सकें। शिक्षकों को ज्यादा सामाजिक और डिजिटली रूप से सक्रिय रहने की आवश्यकता है क्योंकि डिजिटलाइजेशन ने जनरेशन Z जिस तरह से वास्तविक दुनिया में रहती है और समझती है उस पर प्रभाव डाला है। शिक्षकों को उनके साथ सोशल मीडिया के माध्यम से संपर्क स्थापित करने की आवश्यकता है ताकि वे उनकी सोच और विचारधारा को समझ पाएं। इसलिए किसी प्रकार की योजना बनाने से पहले इस बात का हमेशा ध्यान रखें कि ये पीढ़ी बहुत अधिक समय डिवाइसों पर बिताते है जो ऑनलाइन मार्केटिंग और एडवरटाइजिंग के रास्ते खोलता है।
अपेक्षाएं या उम्मीदें
यह पीढ़ी तुरंत परिणाम की विश्वसास रखती है। यह एक कारण है जिसकी वजह से डिजिटल अनुभव के प्रति उनका झुकाव है और ब्रांड इसी विषय को लेकर आपस में मुकाबला कर रहे हैं जो यूनिवसिर्टियों और रिटेलर जनरेशन Z केपास जा रहे हैं वे उनसे चीजें और अनुभव प्राप्त करने की अपेक्षा करते हैं और अगर उन्हें वह पसंद नहीं आता है तो उनके निष्ठा का भाव पहले के समाना नहीं रह पाता है।