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- सब्सिडी वसूली को लेकर सरकार की ओर से नहीं मिला कोई नोटिस : सोहिन्दर गिल
मीडिया में छाई दोपहिया वाहन कंपनियों 'हीरो इलेक्ट्रिक' और 'ओकिनावा' द्वारा फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (फेम) योजना के तहत दी गई सब्सिडी के 'कथित हेराफेरी' की खबरों के बीच हीरो इलेक्ट्रिक के सीईओ सोहिन्दर सिंह गिल ने अपना बयान जारी किया है। 30 अप्रैल को जारी इस बयान में उन्होंने कहा है कि भारी उद्योग मंत्रालय (एमएचआई) की ओर से उन्हें ऐसा कोई नोटिस प्राप्त नहीं हुआ है।
गिल ने यह भी कहा कि अगर उन्हें मंत्रालय की ओर से ऐसा कोई नोटिस मिलता भी है, तो बीते 15 महीनों से चल रहे इस गतिरोध को आगे बढ़ाने के बजाए वे बातचीत के जरिए मामले का हल निकालने की कोशिश करेंगे। कंपनी इस सब्सिडी गतिरोध को जल्द हल करने के लिए एमएचआई के साथ औपचारिक बातचीत का इंतजार कर रही है। यह विभाग के पास बकाया 500 करोड़ रुपये की सब्सिडी को जल्द ठीक करने में मदद करने हेतु एक कदम हो सकता है।
यह बयान एमएचआई द्वारा जांच के आदेश की रिपोर्ट के कुछ दिनों बाद आया है, जिसमें कहा गया है कि दो कंपनियां कथित रूप से इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में कई आयातित घटकों का इस्तेमाल करती हैं, जो तय मानदंडों का उल्लंघन करती हैं। दोनों कंपनियों को योजना के तहत मान्यता रद्द करने का भी सामना करना पड़ सकता है। साथ ही भविष्य में उन्हें किसी भी तरह के सब्सिडी भुगतान से वंचित किया जा सकता है। स्पष्ट है कि फेम के तहत सब्सिडी में हेरा-फेरी की रिपोर्ट से संबंधित इस मामले में केंद्र सरकार द्वारा दावा किए गए 150-250 करोड़ रुपये की वसूली की रिपोर्ट के बीच हीरो इलेक्ट्रिक ने ऐसा कोई भी नोटिस मिलने से इनकार किया है।
क्या है पूरा मामला
बता दें कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों को बढ़ावा देने के लिए मंत्रालय की ओर से फेम स्कीम पेश की गई थी। सरकार को इस स्कीम से काफी उम्मीदें थीं। देश में इलेक्ट्रिक गाड़ियों के चलन को बढ़ावा देने में फेम स्कीम का काफी बड़ा योगदान है इसलिए सरकार ने स्कीम का दूसरा फेज यानी फेम 2 स्कीम भी पेश कर दिया, हालांकि कुछ समय पहले ईवी सब्सिडी को लेकर कुछ विवाद सामने आया।
खबरों के अनुसार, कुछ इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनियों ने फेम 2 स्कीम का फायदा उठाने के लिए गलत तरीके का इस्तेमाल किया, लेकिन सरकार को इस गड़बड़ी का पता चल गया। अब कई इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर कंपनियों के खिलाफ जांच बैठ गई है, इनमें से हीरो इलेक्ट्रिक भी एक है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन कंपनियों ने करोड़ों रुपये की सब्सिडी हासिल की है। इलेक्ट्रिक स्कूटर पर सब्सिडी का फायदा लेने के लिए सरकार ने एक कीमत तय की है। अगर इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर की कीमत 1.50 लाख रुपये से ऊपर जाती है तो सब्सिडी का फायदा नहीं मिलेगा। इस स्कीम का लाभ उठाने के लिए हीरो इलेक्ट्रिक और ओकिनावा जैसी कंपनियों ने अपने स्कूटर की कीमत को जानबूझकर कम किया, ताकि सब्सिडी का लाभ उठाया जा सके।
अब सरकार ने इन कंपनियों से सब्सिडी का पैसा वसूली करने की योजना बनाई है। दरअसल, पिछले साल से ही सरकार ने फेम 2 सब्सिडी की समीक्षा पर ध्यान देना शुरू कर दिया था। कई कंपनियों ने गलत तरीके से विदेशों से पुर्जे आयात किए, जबकि इन्हें भारत में बने पुर्जों के तौर पर दर्शाया गया। ज्यादातर कंपनियां चीन से आयात किए सामान पर निर्भर रहीं। हालांकि, सब्सिडी का लाभ लेने के लिए भारतीय उद्योगों से 50 फीसदी कंपोनेंट्स और पार्ट्स लेना जरूरी है। वहीं, कुछ कंपनियों ने चार्जर और सॉफ्टवेयर को स्कूटर से अलग बेचा यानि चार्जर और सॉफ्टवेयर की कीमत स्कूटर की कीमत में नहीं जोड़ी गई, जिससे स्कूटर की कीमत 1.50 लाख रुपये से कम हो जाए। इन सभी गड़बड़ियों की वजह से सरकार ने कई कंपनियों की सब्सिडी रोक दी है।
बता दें कि फेम स्कीम को सबसे पहले 2015 में लॉन्च किया गया था। फेज 2 के तहत सरकार ने 12 कंपनियों की गड़बड़ी की वजह से लगभग 1100 करोड़ की सब्सिडी रोक दी है। ऐसे में इलेक्ट्रिक स्कूटर के दाम बढ़ने का खतरा पैदा हो गया है। सब्सिडी के जरिए ही लोग कम कीमत में नया इलेक्ट्रिक स्कूटर खरीद पाते हैं। संभावना जताई जा रही है कि इस वजह से इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मोबिलिटी पर काफी असर पड़ सकता है।