केंद्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री जीतन राम मांझी ने “एमएसएमई क्षेत्र में सरकार की 100 दिनों की उपलब्धियों” के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एमएसएमई क्षेत्र ने राष्ट्रव्यापी आर्थिक विकास, रोजगार सृजन के अवसर पैदा करने और उद्यमशीलता में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस वर्ष 15 अगस्त को देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में एमएसएमई की महत्ता पर प्रकाश डाला और सरकार के सस्टेनेबिलिटी, इनोवेशनऔर एमएसएमई के लिए व्यवसाय करने में आसानी को बढ़ावा देने पर जोर दिया, जिससे भारत को एक वैश्विक प्रमुख बनाने के व्यापक राष्ट्रीय दृष्टिकोण के साथ सामंजस्य स्थापित हो सके।
पिछले 100 दिनों में, भारत सरकार ने विकास के लिए कई नए और तेजी से काम करने वाले कार्यक्रम शुरू किए हैं। ये कार्यक्रम खास तौर पर छोटे और मझोले व्यवसायों को मजबूत बनाने और टिकाऊ विकास सुनिश्चित करने के लिए हैं। इन योजनाओं का मुख्य उद्देश्य विकास को बढ़ावा देना, नए बिजनेस के अवसर पैदा करना और रोजगार के नए मौके देना है। इसके साथ ही, ये सुनिश्चित करना है कि हमारे छोटे और मझोले व्यवसाय वैश्विक अर्थव्यवस्था की चुनौतियों का सामना कर सकें।
पिछले 100 दिनों में मंत्रालय ने छोटे और मझोले व्यवसायों को मजबूत बनाने के लिए कई योजनाएं और पहलों को लागू किया है। इनमें से कुछ बड़ी उपलब्धियां इस प्रकार हैं:
एमएसएमई को औपचारिक बनाने की योजना
27 जून 2024 को महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश की राज्य सरकारों के साथ एक समझौता (MoU) किया गया। इसके तहत, राज्य सरकारों और एमएसएमई संघों की मदद से देशभर में औपचारिकता अभियानों और जन जागरूकता शिविरों का आयोजन किया गया। इसका मकसद अनौपचारिक एमएसएमई को औपचारिक अर्थव्यवस्था में शामिल करना है, ताकि वे उद्यम पंजीकरण प्लेटफॉर्म और उद्यम असिस्ट प्लेटफॉर्म (UAP) पर पंजीकृत हो सकें।
इस अभियान के परिणामस्वरूप, उद्यम/UAP पर पंजीकृत एमएसएमई की कुल संख्या 5 करोड़ से अधिक हो गई है। 1 अप्रैल 2023 को एमएसएमई की पंजीकरण संख्या 1.06 करोड़ थी, जो अब 2024 में बढ़कर 5.07 करोड़ हो गई है। इससे रोजगार सृजन की संख्या भी बढ़कर 21 करोड़ तक पहुंच गई है।
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी) के अंतर्गत, पिछले 10 वर्षों में लगभग 55 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान किया गया है। इस योजना के तहत कई नए सूक्ष्म उद्यम स्थापित किए गए हैं। इसका उद्देश्य ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ाना है।
PMEGP के तहत छोटे व्यवसाय की स्थापना
9 जून के बाद से प्राइम मिनिस्टर एंप्लॉयमेंट जेनरेशन प्रोग्राम (पीएमईजीपी) के तहत कई छोटे व्यवसायों को मंजूरी दी गई है। इससे 3148 करोड़ रुपये का ऋण बांटा गया है और 26,426 नए छोटे व्यवसाय शुरू किए गए हैं। इस पहल से लगभग 2.11 लाख लोगों को नई नौकरी मिलने की उम्मीद है।
उत्तर-पूर्वी भारत में एमएसएमई का विकास और सपोर्ट
मंत्रालय ने 26 जून 2024 को सिक्किम और अन्य उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों में 12 नई परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं में नए तकनीकी केंद्र बनाना और औद्योगिक संपत्ति को सुधारना शामिल है। इनका उद्देश्य तकनीकी मदद और व्यापार सेवाएं प्रदान करके रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है। इन परियोजनाओं से 2290 बेरोज़गार युवकों को फायदा होगा और उत्तर-पूर्वी क्षेत्रों की स्थानीय अर्थव्यवस्था में नए रोजगार के अवसर मिलेंगे।
महिला उद्यमियों के लिए यशस्विनी अभियान
एमएसएमई (MSME) मंत्रालय ने 27 जून 2024 को उद्यमी भारत दिवस के अवसर पर यशस्विनी अभियान की शुरुआत की। यह दिवस अंतरराष्ट्रीय एमएसएमई (MSME) दिवस भी है। इस पहल का उद्देश्य महिला-नेतृत्वित विकास को बढ़ावा देना और उद्यमिता के माध्यम से महिलाओं को सशक्त बनाना है। इस पहल के तहत, विभिन्न मंत्रालयों जैसे ग्रामीण विकास, जनजातीय मामलों, महिला एवं बाल विकास, कौशल विकास और राज्य सरकारों के साथ साझेदारी की गई है। इसमें नीति आयोग के वीमेन एंटरप्रेन्योरशिप प्लेटफार्म (डब्ल्यूईपी) ने भी सहयोग दिया है।
यशस्विनी पहल का एक महत्वपूर्ण पहलू सार्वजनिक-निजी भागीदारी है, जो वीमेन एंटरप्रेन्योरशिप प्लेटफार्म (डब्ल्यूईपी) के माध्यम से संचालित होती है । इससे इस पहल को उद्योग-स्तरीय क्षमता और ध्यान मिलता है। इस पहल के तहत, महिला उद्यमियों के लिए सरकार की योजनाओं के बारे में जागरूकता बढ़ाने, औपचारिककरण को प्रोत्साहित करने, पंजीकरण और क्षमता निर्माण के लिए एक अभियान चलाया जाएगा। यह पहल महिला उद्यमियों को वित्तीय समर्थन पहुंच, प्रशिक्षण, बाजार संपर्क, परामर्श, अनुपालन और कानूनी/व्यवसाय समर्थन सेवाओं में सहायता प्रदान करती है।
पहला अभियान 19 जुलाई 2024 को जयपुर में आयोजित हुआ। इसमें लगभग 650 महिला उद्यमियों ने भाग लिया। इसके परिणामस्वरूप 4,000 से अधिक उद्यम और यूएपी पंजीकरण हुए। दूसरा अभियान 11 सितंबर 2024 को रांची में आयोजित पीएम विश्वकर्मा सम्मेलन के अंतर्गत आयोजित किया गया जिसमे 200 महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) ने हिस्सा लिया। इस वर्ष 17 और ऐसे अभियान आयोजित किए जाएंगे, जिनका लक्ष्य एक लाख महिलाओं को लाभ पहुँचाना है । इस अभियान को भविष्य में और बढ़ाया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक महिलाएं इससे लाभान्वित हो सकें।
महिलाओं के लिए सीजीटीएमएसई का बिना कोलैटरल लोन योजना
सीजीटीएमएसई (CGTMSE) बोर्ड ने 9 सितम्बर 2024 को सीजीटीएमएसई (CGTMSE) योजना को मंजूरी दी। इसके तहत महिला उद्यमियों को 90 प्रतिशत गारंटी कवरेज के साथ लोन मिलेगा। इस योजना का उद्द्येश्य वार्षिक गारंटी शुल्क को काम करना, और महिला उद्यमियों को आसानी से ऋण उपलब्ध कराना है। इससे महिला उद्यमियों को बैंकों द्वारा कोलैटरल फ्री ऋण आसानी से मिल जाएगा। इस योजना से 27 लाख महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योगों को फ़ायदा पहुंचेगा।
बाजार सपोर्ट योजना का शुभारंभ
एमएसएमई मंत्रालय द्वारा RAMP कार्यक्रम के तहत 27 जून 2024 को एक नई योजना TEAM का शुरूआत की गई । इसका उद्देश्य एमएसएमई के लिए ई-कॉमर्स में सहभागिता को सुगम बनाना है। इस पहल से, ज्ञान साझा करने और क्षमता निर्माण के जरिये MSMEs को डिजिटल प्लेटफार्मों पर प्रवेश करने में मदद मिलती है। मंत्रालय द्वारा डिजिटल मार्केटिंग को बढ़ावा देने के लिए 150 कार्यशालाओं की योजना बनाई गई है। अब तक पुणे और रांची में दो कार्यशालाओं का आयोजन किया जा चुका है, जिनमें प्रत्येक में लगभग 150 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। इससे 5 लाख एमएसएमई (MSME) को डिजिटल सशक्तिकरण का लाभ मिलेगा जिनमें से 50% महिला संचालित उद्यम होंगे।
14 नए टेक्नोलॉजी केंद्रों की स्थापना
सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (MSME) मंत्रालय, 14 नए तकनीकी केंद्रों (TCs) की स्थापना की प्रक्रिया में है। ये केंद्र महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग, नागपुर, पुणे, उत्तर प्रदेश में झांसी, हरियाणा में अंबाला, जम्मू और कश्मीर में सांबा, झारखंड में बोकारो, तमिलनाडु में कोयंबटूर, मध्य प्रदेश में जबलपुर, छत्तीसगढ़ में बिलासपुर, ओडिशा में राउरकेला, केरल में तिरुवनंतपुरम , गुजरात में राजकोट, आंध्र प्रदेश में कोप्पार्थी में स्थापित किए जा रहे हैं। इन केंद्रों की स्थापना के लिए 2800 करोड़ रूपए का निवेश किया गया है। ये केंद्र पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड में स्थापित किए जाएंगे और स्थानीय एमएसएमई (MSME) को उन्नत निर्माण तकनीकों, कौशल विकास, और व्यावसायिक सलाहकार सेवाओं तक पहुंच प्रदान करेंगे। इस पहल से 1,00,000 एमएसएमई (MSME) को प्रौद्योगिकी का लाभ और अगले पांच वर्षों में 3,00,000 युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
क्वालिटी में सुधार के लिए जेडईडी 2.0 प्रमाणन योजना
एमएसएमई मंत्रालय द्वारा 11 सितंबर 2024 को चलाई गई जेडईडी 2.0 (ZED 2.0) योजना जीरो डिफेक्ट, जीरो इफेक्ट मैन्युफैक्चरिंग प्रथाओं को बढ़ावा देती है। इस योजना के तहत 5 लाख एमएसएमई (MSME) को सपोर्ट मिलेगा। जेडईडी प्रमाणन के उच्च स्तर पर न्यूनतम लागत के साथ पहुंचने के लिए 5000 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। उन्नत क्वालिटी मानकों और सतत प्रयासों के साथ पांच लाख एमएसएमई (MSME) पंजीकृत किए जा चुके हैं।
इनोवेस के लिए एमएसएमई हैकाथॉन 4.0
एमएसएमई Hackathon 4.0 को 11 सितंबर 2024 को शुरू किया गया था। यह विशेष रूप से 18 से 35 वर्ष के युवा उद्यमियों के लिए नवाचार और तकनीकी अपनाने को प्रोत्साहित करता है। यह योजना पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कवर किए गए पारंपरिक उद्योगों, ग्रीन एनर्जी, फ्रंटियर टेक्नोलॉजी और निर्यात वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करते हुए प्रति विचार ₹15 लाख तक की वित्तीय सहायता प्रदान करती है। 500 नवाचारकों को इस योजना का लाभ मिलने की उम्मीद है, जिससे स्टार्टअप इन्क्यूबेशन और इनोवेशन को बढ़ावा मिलेगा।
झारखंड के बोकारो में नए टेक्नोलॉजी केंद्र की नींव
11 सितंबर 2024 को झारखंड में बोकारो में एक टेक्नोलॉजी केंद्र की आधारशिला रखी गई, जिसमें 198 करोड़ रूपए का निवेश किया गया है। यह केंद्र बोकारो में और उसके आस पास के क्षेत्रों में 8,000 एमएसएमई (MSME) को तकनीकी सहायता, कौशल विकास और व्यावसायिक सलाहकार सेवाएं प्रदान करेगा। इस केंद्र में अगले 5 वर्षों में 22,000 युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा, जिससे उनकी रोजगार क्षमता में वृद्धि होगी।
लेह में ग्रामीण उद्यम केंद्र का उद्घाटन (सीआरईएटीई)
14 सितंबर 2024 को लेह में सीआरईएटीई/ क्रिएट सेंटर का संचालन किया गया। यह केंद्र विशेष रूप से पश्मीना ऊन प्रसंस्करण क्षेत्र और स्थानीय उत्पादों से आवश्यक तेलों के निष्कर्षण पर ध्यान केंद्रित करेगा। इसमें प्रशिक्षण और उत्पाद विकास की सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी। इस केंद्र का उद्द्येश्य पर्यावरण अनुकूल और स्थाई तरीके से स्थानीय उत्पादकता को बढ़ाने और विशेष रूप से महिलाओं सहित कारीगरों को सशक्त बनाना है। इस केंद्र से स्थानीय कारीगरों, विशेष रूप से पश्मीना ऊन प्रसंस्करण और जैव प्रसंस्करण क्षेत्रों में रोजगार के बेहतर अवसर और अधिक वेतन की संभावना है।
एमएसएमई मंत्रालय और यूएस-एसबीए के बीच समझौता
भारत सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय (एमएसएमई) और अमेरिका के स्मॉल बिज़नेस एडमिनिस्ट्रेशन (US-SBA) के बीच 13 अगस्त 2024 को एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। इसका उद्देश्य दोनों देशों के छोटे और मझोले व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए सहयोग करना है। इस समझौते में खासतौर पर हरित प्रौद्योगिकी (environmentally friendly technology) और महिला उद्यमियों पर ध्यान दिया गया है। इसके अलावा, MSME के डिजिटलीकरण और सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने पर भी जोर दिया जाएगा। महिलाओं के लिए प्रशिक्षण और मार्गदर्शन देने के लिए पहला वर्चुअल वेबिनार आयोजित करने की भी योजना है। इस समझौते से दोनों देशों के MSME पहलों पर सहयोग बढ़ेगा, वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सुधार होगा, और महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने में मदद मिलेगी। ये उपलब्धियां दिखाती हैं कि भारत सरकार छोटे और मझोले व्यवसायों (MSME) की निरंतर वृद्धि, इनोवेशन, और नए रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देने के प्रति कितनी प्रतिबद्ध है।