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- सरकार ने खेती में ईवी टेक्नोलॉजी 'इलेक्ट्रिक बुल' पर पुणे स्थित फर्म को दी सहायता
सरकार ने कहा कि उसने इंटरकल्चरल कृषि कार्यों में 'इलेक्ट्रिक बुल' नामक ईवी टेक्नोलॉजी के लिए पुणे स्थित फर्म कृषिगति को वित्तीय सहायता प्रदान की है। विज्ञान और टेक्नोलॉजी विभाग (डीएसटी) के तहत टेक्नोलॉजी विकास बोर्ड (टीडीबी) ने 27 मई को राष्ट्रीय राजधानी में फर्म को सहायता प्रदान की।
टीडीबी के सचिव राजेश कुमार पाठक ने कहा हम स्वदेशी क्षमताओं को बढ़ाने और भारत के कृषि क्षेत्र में तकनीकी उन्नति और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने वाली नवीन परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए समर्पित हैं। इंटरकल्चर फार्मिंग कृषि कार्य मूल रूप से सभी हल्के और बारीक कार्य होते हैं जो बुवाई और कटाई के बीच मिट्टी पर किए जाते हैं। इनमें निराई-गुड़ाई, उर्वरक प्रयोग, मल्चिंग आदि शामिल हैं।
आधुनिक और सटीक खेती के लिए एक्सल-लेस मल्टीपर्पस इलेक्ट्रिक वाहन नामक परियोजना इंटरकल्चर फार्मिंग कार्यों के लिए ईवी टेक्नोलॉजी के स्वदेशीकरण की दिशा में एक कदम है। इस उत्पाद का उद्देश्य सीमांत किसानों की आय और उत्पादन को दोगुना करने में अप्रत्यक्ष रूप से योगदान देकर कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के लक्ष्यों का समर्थन करना है।
इलेक्ट्रिक बुल में कई अनूठी और नवीन विशेषताएं है, जिसमें ऑपरेशन के दौरान कोई प्रदूषण या कंपन नहीं होने वाला इलेक्ट्रिक प्राइम मूवर, 610 मिमी ग्राउंड क्लीयरेंस, एक ही उत्पाद के साथ चार अलग-अलग कृषि कार्यों को करने की बहुमुखी प्रतिभा, एक पोर्टेबल बैटरी शामिल है जिसे कहीं भी उपयोग करके चार्ज किया जा सकता है।