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- सरकार ने लॉन्च किया मेडटेक मित्र प्लेटफार्म, जानें क्यूं है यह इतना खास?
मेडटेक स्टार्टअप युवा प्रतिभाओं को देंगे अवसर
आयातित चिकित्सा उपकरणों पर देश की निर्भरता कम करना है उद्देश्य
सरकार ने चिकित्सा क्षेत्र में बेहतरीन पहल कर हाल ही में एक अनूठे मंच को लॉन्च किया। यह है मेडटेक मित्र प्लेटफॉर्म। इस मौके पर स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने कहा कि यह पहल मेडटेक इनोवेटर्स को सशक्त बनाने और अन्य देशों से आयात किये जाने वाले चिकित्सीय उपकरणों पर देश की निर्भरता को कम करेगी। उन्होंने कहा कि हमारे देश में युवाओं, शोधकर्ताओं व इनोवेटर्स की लंबी कतार है। अगर ये सब एक साथ आ जाएं तो कई स्टार्टअप शुरू हो सकते हैं, जो बड़ी संख्या में रोजगार तो उपलब्ध कराएंगे ही। साथ ही हमारे देश की इकोनॉमी में भी महत्वपूर्ण भूमिका अदा करेंगे। इस दिशा में शुरू किया गया मेडटेक मित्र एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो ऐसी युवा प्रतिभाओं को अवसरों का मंच प्रदान करेगा।
उन्होंने कहा कि भारत को आत्मनिर्भर बनाने और विकसित भारत के लक्ष्य की पूर्ति के लिए हमें स्टार्टअप को आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करना होगा। वर्तमान में भारत का मेडटेक क्षेत्र अस्सी प्रतिशत तो आयात पर निर्भर है। ऐसे में कोशिश की जानी चाहिए कि हम कम से कम उपकरणों का आयात करें, बेहतर होगा कि इन उपकरणों का निर्माण हमारे ही देश में हो। इसके लिए स्टार्टअप को आगे आना होगा। इससे अन्य देशों से चिकित्सीय उपकरणों को खरीदने की निर्भरता भी कम होगी और भारत को आत्मनिर्भर बनाने और विकसित राष्ट्र के लक्ष्य को पूरा करने में भी यह अहम् भूमिका अदा करेंगे।
मेडटेक मित्र प्लेटफार्म के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु
मेडटेक मित्र प्लेटफॉर्म केंद्र सरकार की मेडटेक इनोवेटर्स और एडवांस हेल्थेकयर सॉल्यूशंस को सशक्त बनाने की पहल है। इस प्लेटफॉर्म को नीति आयोज के अटल इनोवेशन मिशन के तहत आईसीएमआर यानी कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद व केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) के सहयोग से संचालित किया जाएगा। मनसुख मांडविया ने कहा कि चिकित्सा उपकरण क्षेत्र भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र का बेहद जरूरी अंग हैं। देश के विकसित राष्ट्र के उद्देश्य के साथ हमारी कोशिश है कि वर्ष 2047 तक देश में स्वास्थ्य क्षेत्र का परिदृश्य भी बदला जाए। इस दिशा में चिकित्सीय उपकरणों के उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजनाओं और मेडिकल ड्रग पार्कों, मेडटेक अनुसंधान नीति और मेडटेक अनुसंधान प्रोत्साहन योजना के लिए निवेश के कार्यान्वयन के साथ देश के भीतर चिकित्सा उपकरणों की आपूर्ति में भी प्रगति दर्ज की गई है। हमें उम्मीद है कि वर्ष 2030 तक भारत में चिकित्सीय क्षेत्र का कारोबार 5000 करोड़ डॉलर का होगा।