पूर्वोत्तर भारत में पर्यटन के विकास में क्षेत्र के संवेदनशील पारिस्थितिकी तंत्र को ध्यान में रखा जाना चाहिए। साथ ही साहसिक पर्यटन व होमस्टे को भी बढ़ावा देना चाहिए। यह बात पर्यटन मंत्रालय की सचिव वी विद्यावती ने कही। वह पूर्वोत्तर क्षेत्र में पर्यटन के विकास से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करने के लिए शिलांग में आईटीएम यानी कि अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मार्ट के दूसरे दिन आयोजित बिजनेस सत्र को संबोधित कर रही थीं। उन्होंने कहा कि विकास प्रत्येक दृष्टिकोण से आवश्यक है लेकिन जब पर्यटन के लिहाज से विकास किया जाए तो उसमें इस बात का ध्यान रखा जाए कि किसी भी तरह से प्राकृतिक सुंदरता को या फिर पारिस्थिति तंत्र को नुकसान न पहुंचे।
विद्यावती ने कहा कि पूर्वाेत्तर विशाल भौगोलिक विविधता प्रदान करता है। यही वजह है कि यहां पर साहसिक पर्यटन यानी कि एडवेंचरस टूरिज्म के लिए काफी संभावनाएं हैं। उन्होंने बताया कि पर्यटन मंत्रालय ने साहसिक पर्यटन के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति तैयार की है और देश में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने और विकसित करने की रणनीति के संचालन और कार्यान्वयन का मार्गदर्शन करने के लिए साहसिक पर्यटन के लिए एक राष्ट्रीय बोर्ड का भी गठन किया है। पर्यटन मंत्रालय द्वारा तैयार किये गए इस साहसिक पर्यटन मॉडल कानून के मसौदे में दायित्व, संस्थागत ढांचे, दंड, पंजीकरण और बीमा के प्रावधानों को भी शामिल किया गया है। इसे फीडबैक के लिए सभी राज्यों केंद्रशासित प्रदेशों में भेजा गया है। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्यों से पूर्वोत्तर सहित देश में साहसिक खेल गतिविधियों को शुरू करने के लिए सुरक्षा को मजबूत करने के प्रयास में सक्रिय रूप से भाग लेने का आग्रह किया।
सचिव ने कहा कि अनुभवात्मक पर्यटन की बढ़ती प्रवृत्ति को ध्यान में रखते हुए, पर्यटन मंत्रालय ने ग्रामीण होमस्टे को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय रणनीति तैयार की है क्योंकि होमस्टे पर्यटकों को न केवल आवास के वैकल्पिक रूपों में रहने का अवसर प्रदान करते हैं बल्कि समावेशी को बढ़ावा देने का भी अवसर प्रदान करते हैं। उन्होंने सभी पूर्वोत्तर राज्यों से होमस्टे की रणनीति के कार्यान्वयन पर सक्रिय रूप से अपने विचार रखने और क्षेत्र में ग्रामीण पर्यटन के विकास में सहयोग देने की बात कही।
रोटेशन के आधार पर आयोजित होता है यह मार्ट
अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन मार्ट भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा उत्तर पूर्वी राज्यों में से एक में रोटेशन के आधार पर आयोजित होने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है। यह मार्ट स्थानीय हितधारकों को देश और विदेशी बाजारों के अपने समकक्षों के साथ बातचीत करने के लिए एक मंच प्रदान करता है। पर्यटन मंत्रालय ट्रैवल मार्ट में मीडिया और टूर ऑपरेटरों की भी मेजबानी करता है ताकि क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ाने के लिए उत्तर पूर्व में विभिन्न पर्यटन उत्पादों और स्थलों के बारे में जागरूकता पैदा की जा सके। आठ पूर्वोत्तर राज्यों के प्रतिनिधियों ने अपने नए गंतव्यों के साथ-साथ अपने राज्यों में नए अवसरों के बारे में नवीनतम जानकारी प्रस्तुत की। इस मौके पर सचिव ने सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के पैनलिस्टों के साथ ज्ञान सत्र और पैनल चर्चाओं ने क्षेत्र में कनेक्टिविटी की प्रगति और विकास पर भी विचार-विमर्श किया।