सिडबी एमएसएमई के लिए नए इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। सबसे पहले, "सृजन" कार्यक्रम के तहत एमएसएमई और स्टार्टअप्स को नई तकनीकों के विकास में सहायता मिलती है। इसमें तकनीकी और वित्तीय मूल्यांकन के जरिए सस्ती दर पर फंडिंग उपलब्ध है, जो उद्यमों को अपने आइडियाज को वास्तविकता में बदलने में मदद करता है। इसके अलावा, सीडबी ने TIFAC के साथ सहयोग किया है, जिससे तकनीकी मूल्यांकन और फंडिंग प्रक्रिया को और सरल बनाया गया है।
दूसरी ओर, सिडबी ने स्वच्छ और ऊर्जा-कुशल तकनीकों का एक समूह तैयार किया है, जो एमएसएमई को नई मशीनों और तकनीकों के लिए दिशा-निर्देश प्रदान करता है। इसके साथ ही, GIFT कार्यक्रम के माध्यम से MSME को हरी परियोजनाओं के लिए 2% ब्याज में छूट और पूंजी निवेश पर 25 प्रतिशत सब्सिडी प्राप्त होती है। इन पहलों के जरिए, सिडबी एमएसएमई के इनोवेशन को बढ़ावा देने और उन्हें वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
इस पर सिडबी के चीफ जनरल मैनेजर आरके सिंह ने कहा एमएसएमई के लिए सिडबी एक प्रमुख वित्तीय संस्था है जो माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज के लिए काम करती है, शुरुआत से लेकर माइक्रो, स्मॉल और मीडियम एंटरप्राइजेज तक के पूरे वैल्यू चेन पर। इनोवेशन के संबंध में हम कुछ कार्यक्रम चलाते हैं, जिनमें से एक है "सृजन" (SRIJAN), जहां कोई भी एमएसएमई या स्टार्टअप अगर नवीनतम तकनीक में जाना चाहता है, तो हम इस कार्यक्रम के तहत उन्हें सहायता प्रदान कर सकते हैं। यह बहुत ही concessional फंड्स हैं, और यह TIFAC के साथ सहयोग में है, जो विज्ञान और टेक्नोलॉजी मंत्रालय के अधीन है। यह एक संयुक्त सहयोग है जहां वे तकनीकी मूल्यांकन करते हैं और हम वित्तीय मूल्यांकन करते हैं और फंड प्रदान करते हैं। कई उद्यमों ने इसका लाभ उठाया है और वे विदेश जाकर इसका विस्तार कर चुके हैं।
दूसरी तरफ, हम ने स्वच्छ, हरे, ऊर्जा-कुशल तकनीकों का एक बैस्केट तैयार किया है। यह एमएसएमई को और साथ ही मूल्यांकन करने वाले अधिकारियों को यह पहचानने में मदद करता है कि कौन सी मशीनें पात्र हैं और इसका सपोर्ट करते हैं। एमएसएमई मंत्रालय द्वारा सिडबी और सभी बैंकों के माध्यम से एक योजना है, जहां कोई भी उद्यम ग्रीन इन्वेस्टमेंट और परिवर्तन के लिए जाता है। इसे GIFT कार्यक्रम कहा जाता है, जिसमें 2 प्रतिशत ब्याज सब्सिडी प्रदान की जाती है। यदि सर्कुलर इकोनॉमी से संबंधित परियोजनाएँ हैं और वे, कहें, पूंजी निवेश के लिए जाते हैं, तो 50 लाख तक के लोन पर 25 प्रतिशत की पूंजी सब्सिडी उपलब्ध है।
सिडबी के प्रयासों के अलावा, MSME के लिए इनोवेशन को बढ़ावा देने के लिए अन्य कई महत्वपूर्ण पहल भी हैं। उदाहरण के लिए, सरकार ने विभिन्न वित्तीय योजनाएं और कार्यक्रम शुरू किए हैं, जैसे मुद्रा योजना, जो छोटे उद्यमों को ऋण प्रदान करती है। यह उद्यमियों को अपने व्यवसाय को विकसित करने और नए विचारों को लागू करने में मदद करता है।
इसके अलावा, सीडबी ने डिजिटल प्लेटफॉर्म्स का भी उपयोग शुरू किया है, जिससे MSME को आसानी से जानकारी, फंडिंग विकल्प और तकनीकी सहायता मिल सके। यह उद्यमों को न केवल वित्तीय संसाधनों तक पहुंचने में मदद करता है, बल्कि उन्हें बाजार की आवश्यकताओं के अनुसार अपने उत्पादों और सेवाओं को बेहतर बनाने का अवसर भी देता है। इस तरह, सीडबी और सरकार दोनों मिलकर MSME के नवाचार और विकास को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत इकोसिस्टम बना रही हैं।
सिडबी एमएसएमई का सपोर्ट बढ़ाने के लिए विभिन्न स्टेकहोल्डर्स, सरकारी एजेंसियों और उद्योग संघों के साथ सक्रिय रूप से सहयोग कर रही है। वह एमएसएमई मंत्रालय और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय जैसी सरकारी एजेंसियों के साथ मिलकर नई योजनाएं और कार्यक्रम विकसित करता है, जैसे GIFT कार्यक्रम, जो एमएसएमई को वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करता है। इसके अलावा, सिडबी उद्योग संघों जैसे CII, FICCI और ASSOCHAM के साथ संवाद करता है, जिससे उद्यमियों की आवाज़ को प्रभावी तरीके से सरकार तक पहुँचाया जा सके और नई नीतियों के निर्माण में उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो सके।
सिडबी तकनीकी संस्थानों और शोध संगठनों के साथ भी सहयोग कर रही है, जिससे एमएसएमई को नवीनतम तकनीकों और इनोवेशन तक पहुँच मिलती है। इसके साथ ही, सिडबी विभिन्न बैंकों और वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी करके एमएसएमई को अधिक सस्ती दरों पर ऋण उपलब्ध कराने की दिशा में काम करती है। इस तरह, सिडबी (SIDBI) एक समग्र समर्थन प्रणाली विकसित कर रही है, जो एमएसएमई के विकास और प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ाने में सहायक साबित हो रही है।
निष्कर्ष
सिडबी MSME के लिए नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है, जैसे "सृजन" कार्यक्रम और GIFT कार्यक्रम, जो वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करते हैं। TIFAC के साथ सहयोग के माध्यम से, तकनीकी मूल्यांकन और फंडिंग प्रक्रिया को सरल बनाया गया है, जिससे उद्यमी अपने विचारों को साकार कर सकें। इसके अलावा, स्वच्छ और ऊर्जा-कुशल तकनीकों का समूह भी MSME को नई मशीनों के लिए मार्गदर्शन करता है। इन पहलों के माध्यम से, सीडबी एमएसएमई को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।