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सीकेडी उपचार दवा के लिए जायडस और सन फार्मा का समझौता, भारत में नेफ्रोलॉजी पोर्टफोलियो होगा मजबूत

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Oct 31, 2023 - 2 min read
सीकेडी उपचार दवा के लिए जायडस और सन फार्मा का समझौता, भारत में नेफ्रोलॉजी पोर्टफोलियो होगा मजबूत image
जायडस और सन फार्मा ने हाल ही में सीकेडी यानी कि क्रॉनिक किडनी डिजीज उपचार दवा के भारत में को-मार्केटिंग को लेकर लाइसेंसिंग समझौता किया है। कंपनी और देश के लिए यह कैसा प्रभावकारी समझौता है? आइए इस बारे में विस्तार से जानते हैं...

भारत में 11.5 करोड़ ऐसे लोग हैं, जो कि गंभीर रूप से किडनी की समस्या से जूझ रहे हैं और असामयिक मृत्यु का शिकार हो रहे हैं। ऐसे में हाल ही में जायडस ने एक नियामक फाइलिंग में कहा कि कंपनियों ने भारत में इनोवेटिव दवा, डेसीडुस्टैट के को-मार्केटिंग (सह-विपणन) के लिए एक लाइसेंसिंग समझौता किया है। जाइडस लाइफसाइंसेज ने कहा कि उसने देश में सीकेडी क्रॉनिक किडनी डिजीज से जुड़े एनीमिया के लिए एक मौखिक उपचार दवा बेचने के लिए सन फार्मा के साथ समझौता किया है।

समझौते की शर्तों के अनुसार जाइडस ने सन फार्मा को भारत में उत्पाद के सह विपणन के लिए अर्ध-विशिष्ट अधिकार प्रदान किए हैं। इसमें यह कहा गया है कि सन फार्मा इस दवा का विपणन राइटस्टैट ब्रांड नाम से करेगी। जायडस ने 2022 में ऑक्सीमिया ब्रांड नाम के तहत दवा लॉन्च की है और घरेलू बाजार में इसका विपणन जारी रहेगा। दवा कंपनी ने कहा कि सौदे के हिस्से के रूप में, जाइडस को अग्रिम लाइसेंसिंग आय प्राप्त होगी और पूर्व-निर्धारित मील के पत्थर की उपलब्धि के आधार पर मील का पत्थर आय प्राप्त करने के लिए पात्र है।

फार्मा सेक्टर में काम करना है, तो इनसे बेहतर नहीं मिलेंगे विकल्प

जाइडस के एक प्रवक्ता ने कहा, सन फार्मा अधिक रोगियों तक पहुंच को सक्षम करके इस नई दवा की पहुंच का भी विस्तार करेगी। उन्होंने कहा कि डेसिडुस्टैट, जो सीकेडी रोगियों के लिए महत्वपूर्ण उपचार विकल्पों में से एक है, इसके चलते रोगियों के जीवन की गुणवत्ता में काफी सुधार आया है। इसका एक कारण यह भी है कि इसमें इंजेक्शन के बजाय मौखिक गोली लेना अधिक सुविधाजनक है जिसे प्रशासित करने की आवश्यकता होती है। डेसीडुस्टैट का उपयोग क्रॉनिक किडनी रोग के कारण होने वाले एनीमिया के उपचार में किया जाता है। डेसीडुस्टैट हीमोग्लोबिन और लाल रक्त कोशिकाओं के उत्पादन को बढ़ाता है जिससे एनीमिया का इलाज होता है। ऐसे में यह समझौता करके खुशी हो रही है।

भारत में 11.5 करोड़ से अधिक लोग क्रॉनिक किडनी डिजीज से पीड़ित हैं, जिसके 2040 तक वैश्विक स्तर पर असामयिक मृत्यु के सबसे आम कारणों में से एक बनने का अनुमान है। सीकेडी के मरीजों को अक्सर एनीमिया के कारण होने वाली दीर्घकालिक थकान से जूझना पड़ता है। इसे संबोधित करने के लिए, रोगियों को लगभग दो बार साप्ताहिक रूप से इंजेक्टेबल एरिथ्रोपोएसिस उत्तेजक एजेंट (ईएसए) लेने की आवश्यकता होती है।

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लाखों मरीजों को मिल सकेगी मदद

सन फार्मा की सीईओ इंडिया बिजनेस कीर्ति गणोरकर ने कहा, राइटस्टैट के जुड़ने से भारत में हमारा नेफ्रोलॉजी पोर्टफोलियो और मजबूत होगा। यह साझेदारी महत्वपूर्ण थेरेपी तक अधिक पहुंच प्रदान करेगी, जिससे क्रॉनिक किडनी डिजीज से पीड़ित लाखों मरीजों को मदद मिलेगी।

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