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- सीबीएसई के नए एग्जाम पैटर्न के बारे मे जानें ये महत्वपूर्ण बातें
वोकेशनल विषय की परीक्षाएं फरवरी माह में और मुख्य विषयों की परीक्षाएं मार्च के अंत में करने की योजना बन रही है। इसके पीछे सोच यह है कि इससे छात्रों को मूल्यांकन के लिए ज्यादा समय मिलेगा, नया प्रश्न पत्र छात्रों के विश्लेषणात्मक सोच और समस्या को सुलझाने की कुशलता पर जोर देगा। इस बदलाव का परिचय देते हुए मानव संसाधन विकास मंत्री, प्रकाश जावड़ेकर का उद्देश्य छात्रों को भारतीय पढ़ने में रटने की प्रक्रिया से मुक्त करने में मदद करता है जो वर्तमान में भारतीय शिक्षा इंडस्ट्री में मौजूद है।
सीबीएसई द्वारा आयोजित समारोह में प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'शिक्षा का अर्थ केवल रटना नहीं है' और इस तथ्य पर जोर दिया है कि शिक्षा समझने और विश्लेषण करने की क्षमता होती है।
परीक्षा पैटर्न को पुर्नजीवित क्यों किया जाए
इस बड़े कदम के पीछे का मुख्य कारण छात्रों को रटने की प्रक्रिया से मुक्त कराना है जिसने हमारे शिक्षा तंत्र मे घर बना लिया है। यह विश्वास किया जाता है कि इस बदलाव से छात्रों को मदद मिलेगी ज्ञान और कुशलता में घुलने या बेहतर विकास करने के आधार पर और इससे उनके प्रदर्शन में भी सुधार आने में मदद मिलेगी।
नया परीक्षा पैर्टन छात्रों की परख उनकी विश्लेषात्मक कुशलता की परीक्षा के आधार पर होगा न कि पुराने घिसे-पिटे किताबों से आंख बंद कर कॉपी पेस्ट की प्रक्रिया से। इस बदलाव से अकादमिक परिणाम में सुधार आएगा और शिक्षा संस्थानों की क्वालिटी में भी सुधार देखने को मिलेगा।
अपेक्षित है बड़े बदलाव
2020 के सीबीएसई की परीक्षा में कुछ बड़े बदलाव आने की अपेक्षाएं इस प्रकार हैं।
• प्रश्न पत्र का निर्माण/ डिजाइन छात्र के समस्या के हल करने और छात्र की विश्लेषणात्मक समझ को जांचने के आधार पर होगा।
• लंबे उत्तर के प्रश्नों की जगह पर छोटे उत्तर के प्रश्नों को शामिल किया जाएगा जो 1 से 5 अंक के होंगे।
• बोर्ड परीक्षाओं को जल्दी खत्म करना ताकि उनके परिणाम भी वर्तमान में निर्धारित संरचना से पहले ही घाषित कर दिए जाएंगे।