- Home
- Article
- व्यवसाय विचार
- सुयो और आईआईटी दिल्ली ने सह-निर्माण को बढ़ावा देने के लिए मिलाया हाथ
इलेक्ट्रिक वाहन पॉवरट्रेन क्षेत्र में अग्रणी निर्माता सुयो मैन्युफैक्चरिंग ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी दिल्ली) के साथ साझेदारी की घोषणा की। इस साझेदारी का उद्देश्य ईवी जगत में नई तकनीकी प्रगति को पेश करने के लिए सह-निर्माण, सहयोग और एक प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देना है, जबकि अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए स्वदेशी इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए इनोवेटिन और लागत प्रभावी समाधान देना है।
यह सहयोग समझौता ज्ञापन (एमओयू) के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों को शामिल करता है। सुयो और आईआईटी दिल्ली हस्तांतरण गतिविधियों, सहयोगी अनुसंधान, विकास पहल, ,स्टार्टअप लिंकेज और संबंधित गतिविधियों के साथ-साथ क्षमता विकास के लिए पेशेवर तकनीकी प्रशिक्षण पर एक साथ काम करेंगे।
सुयो मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर विजय कुमार ने कहा सुयोमें हमने सह-निर्माण, सहयोगात्मक और सहयोगी प्लेटफार्मों को लक्षित करते हुए आईआईटी दिल्ली के साथ एक पारस्परिक रूप से बढ़ते सहयोग की परिकल्पना की है। हमारा उद्देश्य ईवी जगत में नई तकनीकी की शुरूआत और अंतिम उपयोगकर्ताओं के लिए स्वदेशी इकोसिटम को बढ़ावा देने के लिए इनोवेटिव सॉल्यूशन भी लाना है। हम ईवी उपयोगकर्ताओं और ईवी निर्माताओं के लिए टिकाऊ और मजबूत ईवी सॉल्यूशन देने के लिए आगे आए हैं।
आईआईटी दिल्ली के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर कर्नल नवीन गोपाल ने कहा यह सहयोग इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र को आगे बढ़ाने के लक्ष्य के साथ गतिविधियों की एक विस्तृत श्रृंखला को शामिल करेगा। सहयोगी अनुसंधान और विकास परियोजनाओं के माध्यम से हम ईवी क्षेत्र में उभरते उद्यमियों की मदद करने के लिए स्टार्टअप्स के साथ संबंधों को बढ़ावा देते हुए ईवी टेक्नोलॉजी में क्रांतिकारी सुधार की उम्मीद करते हैं। इस साझेदारी में ईवी उद्योग में क्रांति लाने और स्थायी गतिशीलता समाधानों में बदलाव को गति देने की जबरदस्त क्षमता है।
सुयोमैन्युफैक्चरिंग और आईआईटी दिल्ली के बीच सहयोग महत्वपूर्ण चुनौतियों का समाधान करने और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी उद्योग में बाजार के परिदृश्य को बदलने का प्रयास करता है। इसका उद्देश्य कई क्षेत्रों में वृद्धि करना है जो अगली पीढ़ी के ईवी मोटर्स के लिए भारतीय अनुसंधान योगदान और व्यावसायिक संभावनाओं को सुगम बनाता है। यह नए अवसरों के विकास, नई और कम लागत वाली सामग्रियों का उपयोग करके, प्रक्रिया दक्षता में सुधार, विदेशी टेक्नॉलोजी या आयात पर निर्भरता को कम करके, हरित निर्माण प्रथाओं को बढ़ावा देने के माध्यम से किया जाएगा। इसके अलावा, साझेदारी ईवी- स्पेसिफिक टेक्नोलॉजी में प्रशिक्षण, अपस्किलिंग संसाधनों और हाल के स्नातकों को बढ़ावा देगी और इन्फ्रास्ट्रक्चर की बाधाओं के साथ भारत-विशिष्ट स्थायी समाधानों को डिजाइन करेगी।