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- सुशील खेतान ने बताईं न्यूट्रिशनल इंडस्ट्री में आने वाली चुनौतियां
न्यूट्रास्यूटिकल्स अपना विस्तार फार्मासुटिकल्स इंडस्ट्री में कर रहे हैं और ऐसा अनुमानित है कि आने वाले 5 सालों में यह कंपाउंड ऐनुअल ग्रोथ रेट के 16 प्रतिशत तक चला जाएगा। यह जानकारी ड्रग मार्केटिंग एंड
मैन्युफैक्चरिंग एसोसिएशन (DMMA) ने दी है।
FranchiseIndia.com ने सुशील खेतान, सीईओ एंड डारैक्टर PureNutrition.me से बात की। प्योर न्यूट्रिशन एक ऑनलाइन न्यूट्रास्युटिकल स्टार्ट-अप है जो 'हर्बस न्यूट्रीप्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड' के नाम से शुरू हुआ था। यह विश्व प्रसिद्ध और संपूर्ण न्यूट्रिश्निष्ट ल्यूक कॉउटिन्हो का आइडिया है।
प्योरन्यूट्रिशन 100 प्रतिशत हर्बल न्यूट्रिशनल सप्लीमेंट्स, कोल्ड प्रेस्ड ऑयल्स, प्रोटीन पाउडर और हर्बल टी को एकत्रित, संसाधित, निर्माण करते और बेचते हैं। इन ऑगेर्निक और हेल्थ प्रोडक्ट को लगातार विकसित किया जा रहा है और अलग-अलग स्वास्थ्य आवश्यकताओं के लिए इनका विस्तार किया जा रहा है।
न्यूट्रास्यूटिकल्स इंडस्ट्री की आाधारभूत चुनौतियां
न्यूट्रास्यूटिकल्स भारतीयों के लिए एक नई अवधारणा है, विशेष रूप से मध्यम वर्गीय और निम्न आय स्तर के लोगों के लिए इसलिए इस इंडस्ट्री को इसकी मान्यता के लिए बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही भारत में न्यूट्रास्यूटिकल्स की कीमत शायद शहरी मध्यम वर्गीय लोगों के लिए संभव है लेकिन ग्रामीण गरीबों के लिए नहीं।
इसके लिए ज्यादा वैज्ञानिक सबूत और प्रोफेशनल एंडोर्समेंट की ओर ध्यान देने की आवश्यकता है। इस चुनौती को सूची से खत्म करने के लिए स्वास्थ्य दावों और गरीब सेगमेंट में प्रवेश करने के अवसरों को उत्पन्न करने की आवश्यकता है।
खेतान के अनुसार, 'मुख्य चुनौती जिसका सामना हम करते हैं वह है डिस्ट्रीब्यूशन का मार्जिन। आज के खरीदार अक्सर ज्यादा मार्जिन की बात करते हैं। रिटेल में कोटा कुल कीमत पर 30 प्रतिशत का है लेकिन खरीदार 50 प्रतिशत तक की मांग करते हैं। यह लाभ को कम कर देता है।बाजार में अस्वस्थ प्रतिस्पर्धा का जन्म लेना एक अन्य गंभीर समस्या है। नए ब्रांड जल्दी-जल्दी लॉन्च हो रहे हैं और ये ब्रांड मुख्य रूप से अपने निर्माण की कीमत पर ध्यान देने के साथ-साथ कम कीमतों पर इसे बेचते हैं।'
उन्होंने आगे बताया कि, 'ऐसा करने के लिए वे अपने प्रोडक्ट की क्वालिटी से समझौता करते हैं और बाजार में कम क्वालिटी वाले इस सूत्रीकरण से ये सक्रियता को कम करते हैं। इससे भी बुरा यह है कि वे प्राकृतिक उत्पादों की जगह पर सिन्थेटिक प्रोडक्ट के मार्केटिंग के साथ-साथ संदिग्ध व्यवहार करते हैं। उनका यह अनैतिक अभ्यास इन नए कारोबारियों को बाजार में खरीदारों को कोटे से ज्यादा मार्जिन देने की अनुमति देता है जो एक अस्वस्थ या बीमार प्रतिस्पर्धा को जन्म देता है।'
अपेक्षा और विस्तारः
खेतान को यह दृढ़ विश्वास है कि जब एक बाद FISSAI न्यूट्रास्यूटिकल्स के लिए नए योजनाबद्ध नियमों को पेश कर देगा तब प्योर न्यूट्रिशन में विकास देखने को मिलेगा।
खेतान ने कहा, 'नए नियम बेहतर ढंग से मानकों और नियमों की स्थापना करते हैं। जो न्यूट्रास्यूटिकल निर्माताओं को एक स्पष्ट ढांचे में निर्माण, वितरण, बिक्री और प्रोडक्टों का आयात करने के लिए अनुमति देता है। यह पारदर्शिता आगे चलकर ग्राहकों के न्यूट्रस्यूटिकल प्रोडक्टों पर विश्वास को बढ़ाएगी और बाजार को बढ़ाने और विस्तार करने में मदद करेगी।'
वे पैन इंडिया के फ्रैंचाइज़ मॉडल के माध्यम से अपना विस्तार करने की ओर अग्रसर हैं। उन्होंने कहा, 'हम विस्तार चरण में है और फ्रैंचाइज़ी हमारी योजना का अहम हिस्सा है। हम चाहते हैं कि हर शहर में प्योर न्यूट्रिशन फिजीकली उपस्थित रहे ताकि हमारा ग्राहक आसानी से हमारे प्रोडक्ट प्राप्त कर सकें।'
उन्होंने आगे कहा, 'हम फ्रैंचाइज़ स्टोर पैन इंडिया की शुरुआत करना चाहते हैं ताकि उपभोक्ता को ऑफलाइन पीओवी से भी प्रोडक्ट प्राप्त हो सकें।हम अपने वेय-प्रोटीन युक्त एफएमसीजी प्रोडक्टों की श्रृंखला को भी लॉन्च करने की योजना बनाएंगे। जिसमें गारनोला मिक्स, ऑन-टू-गो स्नैक बार्स, जैम, कुकीज़, नट बटर आदि शामिल होंगे। प्योर न्यूट्रिशन के बारे में शुरुआत में केवल ऑनलाइन मंच से ही सोचा गया था। लेकिन हम यह समझते हैं कि फिजिकल उपस्थिति उतनी ही महत्वपूर्ण है।'