आज के समय में हर किसी का सपना होता है खुद के बिज़नेस को शुरू करना, लेकिन कुछ फाइनेंसियल प्रॉब्लम की वजह से वह अपने सपने को पूरा नही कर पाते है। अब महिलाए भी खुद के बिज़नेस को चलाना चाहती है और सरकार भी ऐसी महिलाओं की मदद कर रही है जो अपने पैरो में खड़ा होना चाहती है। भारत ने पिछले कुछ समय से महिला उद्यमियों की संख्या में काफी वृद्धि देखी गई है। आज वह हर उद्योग और क्षेत्र में कदम रख रही है चाहे ब्यूटी पार्लर का व्यवसाय हो या फिर कोई मेकअप प्रोडक्ट का व्यवसाय। भारत सरकार स्टैंड-अप इंडिया योजना के तहत महिलाओं की मदद कर रही है।
स्टैंड-अप इंडिया योजना क्या है
स्टैंड-अप इंडिया योजना अनुसूचित जनजाति और महिला कारोबारियों को आर्थिक मदद करने के लिए है। इस योजना का उद्देश्य सभी को एंटरप्रेन्योर बनाने, उद्यमशीलता को बढ़ाने और प्रोत्साहित करने के लिए है। आगर कोई महिला या अनुसूचित जाति या जनजाति वर्ग व्यवसाय को शुरू करना चाहती है तो वह इस योजना के तहत बैंक से 10 लाख रूपए से 1 करोड़ रूपए तक की सहायता राशि ले सकती है। इस योजना के तहत लिए गए कर्ज को 7 साल में लौटाना पड़ता है। इसमें 18 महीने की मोरेटोरियम की अवधि रहती है।
प्रत्येक बैंक की शाखाओं से कम से कम एक अनुसूचित जाति या जनजाति और एक महिला उद्यमी को खुद का व्यवसाय स्थापित करने में आर्थिक सहयोग किया दिया जाता है। ये आर्थिक सहयोग लोन के रूप में व्यवसाय को शुरू करने में सक्षम बनाएगा। इस योजना का फायदा केवल ग्रीन फील्ड प्रोजेक्ट्स यानी, वह महिला जो पहली बार अपने व्यवसाय को शुरू कर रही। इस स्कीम के तहत ये लोन उन उद्यमियों को मिलेगा जो व्यापार , सेवाओं और मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में नए व्यवसाय की शुरूआत कर रहे है। गैर-वैयक्तिक उद्यमों के मामले में शेयरहोल्डिंग और नियंत्रण हिस्सेदारी का कम से कम 51 प्रतिशत या तो एक एससी/एसटी के पास या फिर किसी महिला उद्यमी के पास होनी चाहिए।
इस योजना के तहत आप 3 तरह से लोन ले सकते है। पहला सीधे बैंक शाखा से ले सकते है, दूसरा आप स्टैंड-अप पोर्टल के ज़रीये, तीसरा आप लीड जिला प्रबंधक के माध्यम से लोन ले सकते है। इस योजना की शुरूआत अप्रैल 2016 में पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई थी और यह योजना वर्ष 2025 तक जारी रहेगी। स्टैंड अप इंडिया योजना अनुसूचित जाति-जनजाति और महिलाओं के बीच उद्यमशीलता और रोजगार को बढ़ावा देता है।
एलिजिबिलिटी
1.एससी,एसटी या महिला उद्यमी; जिनकी आयु 18 वर्ष से अधिक हो।
2. इस स्कीम के तहत लोन केवल ग्रीनफील्ड परियोजना के लिए उपलब्ध है। इस संदर्भ में ग्रीनफील्ड, मैन्युफैक्चरिंग या सेवा अथवा व्यापार क्षेत्र में लाभार्थी का पहला उद्यम है।
3.गैर-वैयक्तिक उद्यमों के मामले में शेयरहोल्डिंग और कंट्रोलिंग स्टेक्स का कम से कम 51 प्रतिशत या तो एक एससी/एसटी के पास या फिर किसी महिला उद्यमी के पास होनी चाहिए।
4.उधारकर्ता किसी भी बैंक या वित्तीय संस्थान में डिफॉल्टर के रूप में चिह्नित नहीं होना चाहिए।
स्टैंड-अप इंडिया स्कीम का लाभ कैसे उठाएं
1.स्टैंड अप इंडिया पोर्टल के माध्यम से कई एजेंसियां विभिन्न प्रकार के हैंडहोल्डिंग सपोर्ट पर एक संभावित उधारकर्ता की जानकारी प्रदान करता है और लोन प्राप्त करने के लिए बैंकों के साथ संपर्क करने के लिए एक प्लेटफॉर्म भी प्रदान करता है।
2.आवेदक पहले "पंजीकृत करें" और फिर पोर्टल के पंजीकरण पृष्ठ पर कुछ छोटे सवालों के जवाब दें।
3 प्रतिक्रिया के आधार पर, आवेदक को "प्रशिक्षु उधारकर्ता" या "तैयार उधारकर्ता" के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा"। आवेदक को स्टैंड-अप इंडिया लोन के लिए उसकी पात्रता पर प्रतिक्रिया भी दी जाएगी।
4. इसके बाद एक प्रशिक्षु उधारकर्ता/तैयार उधारकर्ता पोर्टल के माध्यम से पंजीकरण और लॉग-इन करना चुन सकता है।
5.पोर्टल के माध्यम से लॉग-इन करने पर, उधारकर्ता को डैशबोर्ड पर ले जाया जाता है।
स्टैंड अप इंडिया लोन योजना के लिए जरूरी दस्तावेज
1.पहचान पत्र (आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, निवास प्रमाण पत्र इत्यादि में से कोई एक) जाति प्रमाण पत्र महिलाओं के लिए जरूरत नही है।
2.बिजनेस का पता प्रमाण पत्र
3.पैन कार्ड
4.पासपोर्ट फोटो
5.बैंक खाते की डिटेल
6. लेटेस्ट आयकर रिटर्न (ITR कॉपी)
7. रेंट एग्रीमेंट (यदि जगह किराए पर ली हो)
8. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड से क्लीयरेंस प्रमाण पत्र (जरुरत हो तो)
9.प्रिजेक्ट रिपोर्ट
आप स्टैंड अप इंडिया लोन किसी भी नजदीकी बैंक ब्रांच से संपर्क करके ले सकते है। आगर आप ऑनलाइन अप्लाई करना चाहते हैं तो स्टैंड अप इंडिया की वेबसाइट https://www.standupmitra.in/ पर जानकार ऑनलाइन भी अप्लाई कर सकते हैं।