व्यवसाय विचार

स्टैनप्लस की इस वर्ष के अंत तक 10 और शहरों तक पहुंचने की योजना

Opportunity India Desk
Opportunity India Desk Sep 19, 2022 - 5 min read
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स्टैनप्लस मेडिकल इमरजेंसी रिस्पांस प्लेटफॉर्म है, जो तकनीक और प्रशिक्षित कर्मियों के उपयोग से इमरजेंसी प्रतिक्रिया को हल करने के लिए सातों दिन और चौबीसों घंटे काम करता है।

किसी भी देश में इमरजेंसी सर्विस की मांग हमेशा ही बनी रहती है । किसी के जीवन को बचाने के लिए प्रत्येक सेकंड बेहद महत्वपूर्ण होते है। अगर कोई एम्बुलेंस सही समय पर पहुंच जाए, तो जीवन को बचाने में यह अहम् योगदान निभा सकती है। एसे देखते है, कई स्टार्टअप इस क्षेत्र में आ रहे हैं और बेहतर सर्विस देने की कोशिश कर रहे हैं। यह एक ऐसा बिजनेस है जिससे उद्यमी न सिर्फ कमा रहा होता है बल्कि वह मानव हितों में भी अपना योगदान दे रहा होता है।

स्टैनप्लस ऐसा ही स्टार्टअप है जो देश में एम्बुलेंस सर्विस को मुहैया करता है।यह मेडिकल इमरजेंसी रिस्पांस प्लेटफॉर्म है, जो तकनीक और प्रशिक्षित कर्मियों के उपयोग से इमरजेंसी प्रतिक्रिया को हल करने के लिए सातों दिन और चौबीसों घंटे काम करता है। इसकी स्थापना वर्ष 2016 में हैदराबाद में हुई थी। स्टैनप्लस के सह-संस्थापक और सीईओ प्रभदीप सिंह ने इमरजेंसी मैनेजमेंट पर बताया कि देश में इमरजेंसी मैनेजमेंट सुविधा अभी बहुत दक्ष नहीं हो पाई है। कई विकसित देशों में लोग इमरजेंसी में सरकार द्वारा मुहैया कराया गया कोई सर्वसुलभ फोन नंबर डायल करते हैं। लेकिन हमारे यहां अभी भी ज्यादातर लोग एम्बुलेंस को बाद में पहले अपने परिवार वालों या रिश्तेदारों को फोन करते हैं।एक एम्बुलेंस को आने में औसत 45 मिनट का समय लगता है। ऐसे में हम इस इस समयावधि को न्यूनतम स्तर पर लाना चाहते हैं।

1.कितने सेकंड में मिलता है रिस्पांस ?

इमरजेंसी में समय का महत्व होता है और जीवन बचाने के लिए सुनहरा समय महत्वपूर्ण होता है। इसलिए जब हम हॉस्पिटल के साथ पार्टनरशिप करते हैं और एक पेशंट हॉस्पिटल को फोन करता है, तो हम 6 सेकंड में सवाल का जवाब देते हैं। और यह समझने की कोशिश करते हैं कि यह एक इमरजेंसी स्थिति है या नहीं।  इमरजेंसी में हम तीन मिनट से भी कम समय में प्रशिक्षित पैरामेडिक्स के साथ एक सुसज्जित एम्बुलेंस भेजते हैं। हमारे उत्तरदाताओं के समय जब एम्बुलेंस पेशंट तक पहुँचती है, स्थिति को समझने की कोशिश करते हैं, जिसे हम "ट्राइजिंग और वाइटल शेयरिंग" कहते है।

पैरामेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर के साथ पेशंट के हॉस्पिटल पहुंचने तक स्थिति को स्थिर करके, हम स्थिति के खराब होने के जोखिम को कम करते हैं और जान बचाने की संभावना को बढ़ाते हैं। हम उबर जैसी रणनीति अपनाते हैं, जिसमें ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के समान कोल्ड स्टोरेज अवधारणा का उपयोग किया जाता है, ताकि पेशंट को ट्रैफिक से बचने के साथ-साथ निकटतम एम्बुलेंस मिल सके। इसलिए जब कोई एम्बुलेंस के लिए पहुंचता है तो हमें प्रतिक्रिया को दो, महत्वपूर्ण और गैर-महत्वपूर्ण श्रेणियों में विभाजित करने की आवश्यकता होती है।

जब क्रिटिकल केयर की बात आती है, तो गोल्डन आवर ट्रीटमेंट जरूरी होता है और हमें इसे एक सुसज्जित एम्बुलेंस और ट्रेंड पैरामेडिक्स के साथ संबोधित करना चाहिए। जबकि कनेक्टेड उपकरणों के उपयोग से इमरजेंसी कमरों के साथ लाइव डाटा साझा करने में मदद मिलेगी और संभावित रूप से समय और पेशंट के जीवन को बचाया जा सकेगा।

2.आपका प्लेटफॉर्म कितने लोगों को रोजगार देता है ?

हमारी कंपनी में 900 से ज्यादा लोग काम करते है। हमारे साथ कई पार्टनर जुड़े हुए है, जो हमारे बिजनेस पर भरोसा करते है।  हमारे फ्रैंचाइज़िंग पार्टनर और इमरजेंसी एम्बुलेंस पार्टनर हैं।

3. हैदराबाद के अलावा स्टैनप्लस किन शहरों में हैं?

स्टैनप्लस हैदराबाद, बेंगलुरु, कोलकाता रायपुर, भुवनेश्वर और अहमदाबाद में मौजूद है। इस वर्ष के अंत तक मुंबई, इंदौर, कोच्चि, कोयंबटूर, लखनऊ आदि जैसे 10 और शहरों में विस्तार करने की योजना है।

4.एम्बुलेंस सर्विस सरकारी भी है और प्राइवेट भी तो इसमें अलग क्या है?

हम सभी सरकारी  हॉस्पिटल में जाने की बजाए निजी हॉस्पिटल में जाना पसंद करते है। एम्बुलेंस एक बड़ी आवश्यकता है और सरकारी पारिस्थितिकी तंत्र के पूरक के लिए निजी एम्बुलेंस की आवश्यकता है। यह एक बहुत बड़ा बाजार है,
जो कि अब एक ब्रांड बनने के लिए खुला है।

5. शुरूआती दिनों की कारोबारी चुनौतियों के बारे में बताएं ?

भारत में ट्रैफिक बहुत बड़ी चुनौती है, इमरजेंसी रिस्पांस के लिए। इसके साथ ही मौजूदा कंपनियां नहीं चाहती हैं कि इस क्षेत्र में नई कंपनियां आए।हमारी कंपनी के बाहर हैदराबाद एसोसिएशन ने धरना किया, ताकि स्टैनप्लस नई एमबुलंस न डाले और न ही वह चाहते है की हम आगे आए। जैसा कि बाजार पेशेवर हो रहा है और जो ऑपरेटर पहले से मौजूद है वे अपनी सर्विस क्वालिटी में सुधार नही करना चाहते है। इसी कारण जो नए पार्टनर है, वे उद्यमियों को इस इकोसिस्टम में लेकर आ रहे है। हलाकि हम फ्रेंचाइजिंग पार्टनर को लेकर आ रहे है और उन्हें हम गाईड भी कर रहे है।

6. स्टैनप्लस कितने हॉस्पिटल के साथ जुड़ा हुआ है ?

स्टैनप्लस 50 से ज्यादा हॉस्पिटल के साथ जुड़ा हुआ और इसके पार्टनर हॉस्पिटल है फोर्टिस बैंगलुरू, अपोलो अहमदाबाद, सकरा,  सीएआरई, केआईएमएस,एआईजी, नारायणा हेल्थ सिटी।

7. निवेश

स्टैनप्लस ने अब तक हेल्थक्वाड, कलारी कैपिटल और हेल्थएक्स कैपिटल सिंगापुर, केस्टार्ट कैपिटल और कुछ एंजल निवेशकों जैसे निवेशकों के नेतृत्व में 22.6 मिलियन डॉलर(लगभग 178 करोड़ रुपये जुटाए हैं।

8. हालही के वर्षों के दौरान वृद्धि और राजस्व के बारे में बताएं

हमने अब तक लगभग 140 हजार पेशेंट को  सर्विस दी है और वर्ष 2016  से बढ़कर 184 प्रतिशत हो गई हैं। हाल के वर्षों के दौरान, मांग 43.10 प्रतिशत की सीएजीआर से बढ़ी है।हम इस वर्ष विभिन्न चैनलों और उत्पादों के माध्यम से दस लाख लोगों के  जीवन के साथ जुड़ाव करेंगे।

 

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