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- हरियाणा सरकार उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 100 करोड़ रुपये आवंटित करेगी
हरियाणा के एसोचैम के तीसरे एमएसएमई संवाद में हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि हरियाणा अपने आगामी राज्य बजट में नए इनोवेटिव इंसेंटिव, ऊष्मायन केंद्रों की स्थापना और ऋणों के लिए सहायता के रूप में लगभग 100 करोड़ रुपये आवंटित करेगा। इसका उद्देश्य संतुलित क्षेत्रीय विकास को बढ़ावा देना और राज्य में युवाओं के बीच उद्यमशीलता का पोषण करना है।
हरियाणा एमएसएमई क्षेत्र को भी एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित करना है और राज्य में पांच लाख नौकरियां पैदा करनी हैं, इस लक्ष्य तक पहुंचना है और 'आत्मनिर्भर भारत' की नींव रखनी है। उन्होंने बताया कि हरियाणा में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) क्षेत्र में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है, पिछले पांच वर्षों में ही 2,81,024 नई एमएसएमई मैन्युफैक्चरिंग इकाइयां पंजीकृत हुई हैं, जिसने 15 लाख से अधिक नौकरियाँ पैदा की हैं और हरियाणा को सभी उत्तरी राज्यों में शीर्ष रैंकिंग पर पहुंचा दिया है और राज्य की जीडीपी और रोजगार में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
चौटाला ने बताया कि एमएसएमई इकोसिस्टम को मजबूत करने पर ध्यान दिया जा रहा है। राज्य सरकार ने पदमा योजना या एमएसएमई उन्नति के लिए विकास में तेजी लाने का कार्यक्रम शुरू किया गया था। इस कार्यक्रम का उद्देश्य क्लस्टर स्तर पर गतिशील और आत्मनिर्भर इंडस्ट्रियल इंफ्रास्ट्रक्चर की स्थापना करना, स्थानीय उत्पाद को बढ़ावा देना, युवाओं और अंत्योदय परिवारों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है।
उन्होंने कहा कि पदमा योजना में एमएसएमई के विकास का समर्थन करने, उद्यमिता को प्रोत्साहित करने और स्टार्ट-अप विकास को बढ़ावा देने के लिए 200 करोड़ रुपये का उद्यम पूंजी कोष शामिल है।कपड़ा उद्योग की क्षमता को पहचानते हुए, हरियाणा आत्मनिर्भर कपड़ा नीति ने राज्य को इस क्षेत्र में एक प्रमुख के रूप में स्थापित किया है।
चौटाला ने बताया कि प्रोत्साहन, इंफ्रास्ट्रक्चर के समर्थन और कौशल विकास कार्यक्रमों के एक मजबूत पैकेज के माध्यम से, नीति ने कपड़ा क्षेत्र में निवेश, इनोवेशन और रोजगार सृजन को प्रोत्साहित किया है। उन्होंने कहा कि स्थिरता, तकनीकी प्रगति और निर्यात-आधारित विकास के प्रति हरियाणा की प्रतिबद्धता ने एक प्रमुख कपड़ा मैन्युफैक्चरिंग और व्यापार केंद्र के रूप में इसकी स्थिति को मजबूत किया है।
हरियाणा में एक समर्पित परियोजना प्रबंधन इकाई (पीएमयू) की स्थापना एमएसएमई इकोसिस्टम में छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) को बढ़ावा देने और सशक्त बनाने के लिए सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाती है।
इस पहल के माध्यम से हरियाणा सरकार एसएमई के सामने आने वाली चुनौतियों का समाधान करती है और उनके विकास और सफलता के लिए अनुकूल माहौल को बढ़ावा देती है। पीएमयू प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करेगा, तकनीकी सहायता प्रदान करेगा, वित्त तक पहुंच की सुविधा प्रदान करेगा और उद्यमिता को बढ़ावा देगा, एमएसएमई के विकास को उत्प्रेरित करेगा और हमारे राज्य के आर्थिक विकास और समृद्धि में योगदान देगा।
हरियाणा सरकार में उद्योग एवं वाणिज्य आईएएस, अतिरिक्त मुख्य सचिव आनंद मोहन शरण ने कहा कि एमएसएमई राज्य की अर्थव्यवस्था में एक बड़ी भूमिका निभाता है। एमएसएमई के लिए हरियाणा में प्रदान किया गया विकासात्मक इकोसिसटम अभूतपूर्व है और एमएसएमई को प्रोत्साहित करने के लिए कई योजनाएं हैं। वास्तव में हरियाणा में केवल एमएसएमई क्षेत्र के लिए सबसे अधिक योजनाएं बनाई गई हैं।
शरण ने आगे कहा कई ध्यान देने वाले क्षेत्रों में एमएसएमई मैन्युफैक्चरिंग और इनोवेशन नीतियां, चिकित्सा उपकरण नीतियां, इलेक्ट्रॉनिक नीतियां शामिल हैं। सरकार का दृष्टिकोण महिला उद्यमियों और कमजोर वर्गों को रोजगार सुनिश्चित करने में सहायता करना है। कोविड-19 के बाद डिजिटल कॉमर्स के प्रमुख ट्रेंड है, बहुत सारे एमएसएमई अपने उत्पाद और सेवाएं लेकर आ रहे हैं। पदमा योजना छोटे व्यवसायों में तेजी लाती है और हरियाणा राज्य इसे लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है जहां उभरते उद्यमी आ सकते हैं। राज्य में ज़मीन की सप्लाई कम है लेकिन सस्ती और सुलभ जगह की चिंता है।
हरियाणा नवीकरणीय ऊर्जा विकास एजेंसी के चेयरमैन स्वतंत्र कुमार सिंगल ने कहा कि अनुकूल नीति व्यवस्था और ऊर्जा संरक्षण उपायों को अपनाने से एमएसएमई को लागत प्रभावी उत्पाद तैयार करने में मदद मिलेगी।
एसोचैम हरियाणा विकास परिषद के चेयरमैन विजय शर्मा ने कहा कि हरियाणा में न केवल भारत में बल्कि वैश्विक स्तर पर एमएसएमई का केंद्र बनने की बहुत बड़ी क्षमता है। उन्होंने आगे कहा आज का विचार-विमर्श, जो हरियाणा को एक पसंदीदा निवेश गंतव्य बनाने, डिजिटल इकोसिस्टम को मजबूत करने और राज्य में एमएसएमई के लिए नई योजनाओं को खोलने पर केंद्रित है। राज्य में एमएसएमई द्वारा सफलता की अधिक ऊंचाइयों को छूने में एक लंबा रास्ता तय करेगा।
इसके अलावा, एसोचैम उत्तर क्षेत्रीय विकास परिषद के को-चेयरमैन एस वी गोयल ने कहा कि आत्मनिर्भरता की राह एमएसएमई और हरियाणा से होकर जाती है, जो देश में सबसे अच्छे इकोसिस्टम में से एक है। उनके अनुसार, कई विशेषज्ञों और उद्योग प्रतिनिधियों ने एमएसएमई से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर विचार-विमर्श किया, जिसमें वित्तपोषण, प्रोत्साहन, व्यापार करने में आसानी और एमएसएमई के लिए ऊर्जा संरक्षण की भूमिका शामिल है।
एसोचैम हरियाणा राज्य विकास परिषद के को-चेयरमैन और रिसर्जेंट इंडिया के एमडी, ज्योति प्रकाश गादिया ने कहा कि उत्कृष्टता हासिल करने और हरियाणा में एमएसएमई क्षेत्र की वास्तविक क्षमता को अनलॉक करने के लिए सामूहिक अभियान को बढ़ावा देना आज की जरूरत है। उन्होंने हरियाणा एमएसएमई उत्कृष्टता मान्यता पुरस्कार के विजेताओं और उत्कृष्टता के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए भी बधाई दी।