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- हर्बल साबुन से निखरेगा मुनाफे का सौदा, ऐसे शुरू कर सकते हैं यह व्यापार
हर्बल साबुन केमिकल युक्त साबुन का न केवल बेहतर विकल्प है बल्कि इसके व्यवसाय का बाजार भी काफी बड़ा है। देश ही नहीं विदेश में भी इसकी काफी डिमांड है। ऐसे में अगर आप भी कोई ऐसा व्यवसाय शुरू करना चाहते हों, जिसमें मुनाफा ही मुनाफा हो यानी कि आपका मुनाफे का सौदा भी निखर जाए, तो आप हर्बल साबुन के व्यवसाय में पैसा लगाने से पीछे न हटें। यह आपके लिए लघु या उच्च स्तर पर किया जाने वाला बेहतरीन मौका हो सकता है। लेकिन इसके लिए जरूरी है कि आप इस व्यवसाय से जुड़ी बारीकियों को समझ लें।
किसान सरोज दीक्षित बताते हैं कि सबसे पहले तो एक कार्ययोजना तैयार कर लें कि आपको लघु स्तर पर यह व्यवसाय करना है या फिर उच्च स्तर पर। इसमें लघु स्तर पर व्यवसाय करना हो तो इसके लिए 10 से 20 लाख का निवेश करना होता है। वहीं, उच्च स्तर पर करना है तो इसके लिए आपके पास 50 लाख से 1 करोड़ के निवेश का बजट होना चाहिए। इसके बाद यह देखें कि आपको कितने तरह का हर्बल साबुन बनाना है। यानी कि त्वचा या बालों में से किसी एक फील्ड के साबुन को बनाना चाहते हैं या फिर दोनों का ही उत्पादन करना चाहते हैं। जब यह तय हो जाए तो इसके बाद मार्केट में इस बात पर शोध करें कि किसकी मांग ज्यादा है? इसके बाद संबंधित विभाग में रजिस्ट्रेशन कराकर लाइसेंस के लिए आवेदन कर दें।
इन जगहों पर खूब फल-फूल रहा है हर्बल साबुन का उत्पादन
हर्बल साबुन मेकर पुरुषोत्तम तोषनीवाल बताते हैं भारत में सोनीपत, कोच्चि, कोझीकोड़ और गुवाहाटी में इसका उत्पादन काफी तेजी से हो रहा है। इसके अलावा कानपुर व आजमगढ़ में भी हर्बल साबुन बनाने का व्यवसाय काफी फल-फूल रहा है। विदेश की बात करें तो संयुक्त अरब अमीरात, अमेरिका और सऊदी अरब में हर्बल साबुन की मांग बहुत ज्यादा है। सरोज दीक्षित बताते हैं कि हर्बल उत्पादों की खास बात यह है कि इनके लिए मार्केट ढ़ूढ़ने में ज्यादा दिक्कत नहीं आती, लोग उत्पादन किये जाने वाले स्थान से ही इसे खरीद लेते हैं। इस तरह आपको केवल एक बार क्रेताओं को या कंपनी को अप्रोच करने की जरूरत पड़ती है। इसके बाद किसी तरह की कोई समस्या नहीं आती है।
यहां जानें क्या है हर्बल साबुन व्यवसाय के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया
पुरुषोत्तम तोषनीवाल बताते हैं कि हर्बल साबुन के व्यवसाय को शुरू करने से पहले रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया बेहद जरूरी है। इसके लिए सबसे पहले तो आपको अपने व्यवसाय को आरओसी यानी कि रजिस्ट्रार ऑफ कंपनीज पर रजिस्टर कराना होगा। इसके बाद स्थानीय नगर पालिका प्राधिकरण से ट्रेड लाइसेंस लेना होगा। इसके बाद उद्योग आधार एमएसएमई के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन करें। इसके बाद जीएसटी रजिस्ट्रेशन ले लें और इसके बाद मिलता है व्यवसाय चलाने का लाइसेंस। एक और बात पर जरूर गौर कर लें कि अलग-अलग राज्यों में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के नियम-कानून एक जैसे ही हों, ऐसा जरूरी नहीं है। ये थोड़े बहुत अलग हो सकते हैं।