हल्दी की खेती और उपयोग के विकास के लिए सरकारी योजना और नीतियां लागू करके किसानों और उद्यमिता को सहायता प्रदान कर सकती है, जैसे की सब्सिडी, ऋणों की उपलब्धता और किसान बीमा योजना। हल्दी उद्यमिता को औद्योगिक विकास के लिए सहायता प्रदान करने के लिए सरकारी योजनाओं को प्रोत्साहित कर सकती है, जिससे उत्पादन बढ़ सके और नौकरियों की सम्भावना हो सके। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया है।
1.हल्दी बोर्ड को उद्यमिता के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदान करना चाहिए। इसके माध्यम से लोगों को उद्यमिता के अवसरों के बारे में जागरूक किया जा सकता है।
2.हल्दी उत्पादकों को वित्तीय सहायता प्रदान करना, जैसे कि उद्यमिता लोन सहायता प्रदान करना ।
3.हल्दी बोर्ड को उद्यमिता से जुड़े व्यापारी, विशेषज्ञ, और अन्य उद्यमियों के साथ नेटवर्किंग के माध्यम से उद्यमिता को समृद्धि दिलाने में मदद कर सकता है।
4.हल्दी बोर्ड को नए व्यवसायों के लिए आधारित नए प्रोजेक्ट्स और विचारों का समर्थन करना चाहिए।
5.हल्दी बोर्ड को उद्यमिता विशेषज्ञों और सलाहकारों को उद्यमिता के मामले में सहयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए। हल्दी बोर्ड के माध्यम से व्यवसायी और उद्यमिता को समर्थन प्रदान करने से उन्हें उद्यमिता के क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए मदद मिल सकती है और उनके उद्यमिता प्रक्रिया को सुविधाजनक बना सकती है।
राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना के लाभों के बारे में बताते हुए नरेन्द्र मोदी ने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि हमारे किसानों की भलाई और समृद्धि हमेशा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता रही है। राष्ट्रीय हल्दी बोर्ड की स्थापना करके, हमारा लक्ष्य हमारे हल्दी किसानों की क्षमता का उपयोग करना और उन्हें वह समर्थन देना है जिसके वे हकदार हैं। निज़ामाबाद के लिए लाभ विशेष रूप से अपरिमित हैं। हम अपने हल्दी किसानों के उज्जवल भविष्य को सुनिश्चित करने के लिए हरसंभव प्रयास करते रहेंगे।"
हल्दी बोर्ड का गठन किसानों की आय बढ़ाने में मदद करता है। इसके लिए अच्छा प्रबंधन और योजनाबद्ध दृष्टिकोण की आवश्यकता होती है। इसके लिए कुछ कदम उठाए जा सकते है:-
1.सामग्री उपलब्धि: हल्दी बोर्ड को नीतियों और योजनाओं के साथ सही हल्दी सामग्री की उपलब्धि सुनिश्चित करनी चाहिए, ताकि किसानों को अच्छा उत्पाद प्राप्त करने में मदद मिले।
2.प्रशिक्षण और तकनीकी सहायता: किसानों को हल्दी की बेहतर खेती के तरीकों का प्रशिक्षण देना चाहिए, जैसे कि सही खेतों का चयन, खाद्य सामग्री का सही उपयोग ।
3.बाजार और मार्केटिंग समर्थन: किसानों को उनके उत्पादों को बाजार में पहुंचाने के लिए मार्केटिंग समर्थन प्रदान करना चाहिए, ताकि वे अधिक बाजार मूल्य प्राप्त कर सकें।
4.बैंकिंग और वित्तीय समर्थन: हल्दी बोर्ड किसानों को लोन और वित्तीय समर्थन प्रदान कर सकता है ताकि वे खेती के लिए आवश्यक पूंजी प्राप्त कर सकें।
5.किसान संगठन: हल्दी बोर्ड किसानों के लिए समृद्धि और प्रशासनिक सहायता प्रदान करने के लिए किसान संगठनों को प्रोत्साहित कर सकता है।
6.अनुसंधान और विकास: हल्दी की खेती के लिए नए और उन्नत तकनीकों का अनुसंधान और विकास करना चाहिए, जिससे कि उत्पादकता बढ़ सके।
7.बागवानी और जलवायु संबंधित सुझाव: हल्दी बोर्ड किसानों को कमर्शियल खेती के लिए बेहतर औद्यानिकी और जलवायु विशेषज्ञों से सुझाव प्रदान कर सकते है।
8.उत्पाद गुणवत्ता और मानकों का पालन: हल्दी उत्पाद की गुणवत्ता और मानकों का पालन करने के लिए किसानों को सहायता प्रदान करना चाहिए, ताकि वे उच्च विश्वसनीयता उत्पाद प्रदान कर सकें।
9.किसानों के हित में नीतियां: हल्दी बोर्ड किसानों के हित में नीतियों को प्रवर्तित करने और सरकार से उनकी मांग को पूरी करने के लिए जूट सकते है।
हल्दी बोर्ड ऐसे बढाएगा निर्यात
हल्दी बोर्ड किसानों को उत्पादकता बढ़ाने और आय बढ़ाने के लिए उपयुक्त सुझाव और समर्थन प्रदान करने के लिए विभिन्न कदम उठाते है, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है। हल्दी बोर्ड निर्यात बढ़ाने में विभिन्न कदम उठाता है जो निम्नलिखित है:
1. कुशल उत्पादकों का प्रशिक्षण: हल्दी उत्पादकों को उनके उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार करने और विश्वासनीयता प्राप्त करने के लिए प्रशिक्षित करना चाहिए।
2. अद्यतित जानकारी: हल्दी बोर्ड को विश्व के हल्दी बाजारों की अद्यतित जानकारी प्रदान करनी चाहिए ताकि वे निर्यात अवसरों का पता लगा सकें।
3. विपणन और बाजार समर्थन: हल्दी बोर्ड को हल्दी उत्पादकों को उनके उत्पादों को विभिन्न बाजारों और विपणन संवर्गों में पहुंचाने के लिए मार्केटिंग और विपणन समर्थन प्रदान करना चाहिए।
4. वित्तीय सहायता: निर्यात को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करना, जैसे कि निर्यात के लिए लोन प्रदान करना।
5. नियोक्ताओं के साथ सहयोग: हल्दी बोर्ड को सार्वजनिक और निजी संगठनों, उत्पादकों, और निर्यातकों के साथ सहयोग करना चाहिए ताकि वह अच्छे निर्यात दृष्टिकोण की दिशा में कदम उठा सकें।
6. गुणवत्ता मानकों का पालन: हल्दी उत्पादकों को अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता मानकों का पालन करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, जिससे कि उनके उत्पाद अधिक विश्वासनीय हों।
7. मार्केटिंग और टेक्नोलॉजी: हल्दी बोर्ड को उत्पादक को उत्पाद की टेक्नोलॉजी में सुधार करने के लिए तकनीकी सहायता प्रदान करना चाहिए, ताकि वे उत्पादों को बेहतर रूप से पैक कर सकें।
8. विदेश में प्रमोशन और मार्केटिंग: हल्दी उत्पादों की विदेश में प्रमोशन और मार्केटिंग के लिए हल्दी बोर्ड को विदेश में निर्यात के लिए योजनाए बनानी चाहिए।
नौकरी और आर्थिक समर्थन: हल्दी उत्पादकों के बारे में जानकारी प्रदान करना और उन्हें नौकरियों और आर्थिक समर्थन के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
हल्दी उत्पादकों की निर्यात क्षमता को बढ़ाने में हल्दी बोर्ड की सहायता और मार्गदर्शन किसानों और निर्यातकों के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है और निर्यात को बढ़ा सकता है।