वीगन होना आजकल की सबसे ज्यादा लोगों द्वारा अपनाई जाने वाली खाने की आदत है मगर कैसे एक वीगन ब्रांड का मालिक बनना पर्यावरण को लाभ पहुंचा सकता है? चलिए, मिलकर खोजते है।
ब्रिटेन और अमेरिका के बाद भारत तीसरे स्थान पर हैं और यहां पर 2016 के अंत तक 1400 नए स्टार्टअप के शुरू होने की संभावना हैं जोकि पिछले साल की तुलना में 8-10 प्रतिशत ज्यादा है।
लीना अशर, संस्थापक, बिलबोंग हाई इंटरनेशनल स्कूल कहती है "छात्रों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, बिलबोंग में, हमने एक समग्र और अंतःविषय दृष्टिकोण के साथ एक पाठ्यक्रम तैयार किया है।"
निहाल मारीवाला, सह-संस्थापक और सीईओ, सेतु के साथ बातचीत में, जिन्होंने बताया कि कैसे उनका ब्रांड आयुर्वेदिक जैसे प्राकृतिक संसाधनों के माध्यम से बीमारियों को ठीक करने की कोशिश कर रहा है।
जब वित्त की व्यवस्था करने की बात आती है, तो आपके व्यवसाय की योजना में आपके प्रस्ताव का मूल्यांकन करने वाले ऋणदाता द्वारा आवश्यक सभी जानकारी शामिल करने की आवश्यकता होती है।
ईवी मैन्युफैक्चरिंग को वित्तीय सहायता और समर्थन प्रदान करने में सरकार का समर्थन उद्यमियों को बैटरी मैनेजमेंट सेगमेंट और अन्य टेक्नोलॉजी में गहरा इनोवेशन करने के लिए प्रोत्साहित करेगा। ईवी चार्जिंग इन्फ्रा में वृद्धि से युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि यूएई एक वैश्विक आर्थिक हॉटस्पॉट है और भारत एक वैश्विक प्रतिभा हॉटस्पॉट, इसलिए दोनों ही पक्षों को हमारे सभ्यतागत जुड़ाव को मजबूत करने हेतु एक ज्ञान सेतु का निर्माण करने के लिए मिलकर काम करना चाहिए।
नैसकॉम के द्वारा 'स्टार्टअप इंडिया- इंडियन स्टार्टअप इकोसिस्टम का प्रभावशाली विकास' ने जिन्नोव के साथ मिलकर यह खुलासा किया है कि भारतीय संस्थापकों या सह-संस्थापकों के पद पर महिलाएं केवल 9 प्रतिशत हैं।
परंपरागत कॉर्पोरेट वेलनेस प्रोग्राम अक्सर स्वास्थ्य के शारीरिक लक्षणों पर केंद्रित होता है। लेकिन कंपनी मालिक अपने कंपनी पर पड़ने वाले इसके सकारात्मक प्रभाव को समझने से चूक जाते हैं और यही कारण है जिसकी वजह से इस तरह का दृष्टिकोण कर्मचारी के ज्यादातर विभिन्न वेलनेस तत्वों पर विचार नहीं करता है।
देश में कई अंतर्राष्ट्रीय शिक्षा ब्रांडस के आने से भारत छात्रों और व्यवसायियों को अपने करियर बनाने के लिए आमंत्रित करने वाला एक शिक्षा केंद्र बन रहा है।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आईआईएम बैंगलोर के स्थापना समारोह में पहुंचकर वहां की शिक्षा पद्धति की जमकर सराहना की। उन्होंने कहा कि आईआईएम बैंगलोर से देश को काफी आशाएं हैं। यह संस्थान छात्रों की आकांक्षाओं और उनके नेक इरादों को पूरा करने में मदद करता है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने लिम्फैटिक फाइलेरिया के लिए पूरे देश में दवा देने की वार्षिक पहल के दूसरे चरण का उद्घाटन करते हुए कहा कि हम गांवों, पंचायतों में संचार कार्यक्रम अभियान को प्रेरित करेंगे, जिससे देश भर में जागरूकता होगी। जनभागीदारी और संपूर्ण समाज दृष्टिकोण के माध्यम से, हम देश से इस बीमारी को खत्म करने में सक्षम होंगे।