हाल ही में, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेकनॉलजी (आईआईटी) खड़गपुर और नॉवेजिअन यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टैक्नॉलजी (एनटीएनयू) ने एक दस्तावेज समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
प्रसिद्ध स्वीडिश फर्नीचर कंपनी प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आने वाले दो-तीन सालों में महाराष्ट्र में 10,000 लोगों को नौकरी पर रखने की योजना बना रही है।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत में भारतीय सप्लीमेंट बाजार 2015-2023 तक 20 प्रतिशत कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) बढ़ने की संभावना है। विटमिन और मिनरल, बाजार के बड़े हिस्से पर अधिकार स्थापित कर रहे हैं जो लगभग 40 प्रतिशत के करीब माना गया है।
ईवी उद्योग के आंकड़ों के अनुसार भारत में पिछले दो वर्षों में पब्लिक चार्जिंग स्टेशनों में 640 प्रतिशत की उल्लेखनीय वृद्धि हुई है, जो अब कुल 12,146 स्टेशनों तक पहुंच गई है।
कंपनी का ध्यान इलेक्ट्रिक बसों के उत्पादन पर होगा, साथ ही मौजूदा और अन्य उभरते वैकल्पिक ईंधन द्वारा संचालित अन्य वाहनों का उत्पादन करने की क्षमता भी होगी।
सहयोग का लक्ष्य सामाजिक न्याय के लिए पीएम ईवी2सोलर प्रोजेक्ट के तहत 50,000 महिलाओं को प्रशिक्षित करना है, जो राज्य योजनाओं के माध्यम से 70 प्रतिशत वित्त पोषण सहायता के साथ, वाहन लागत के 30 प्रतिशत पर सौर ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) तक पहुंच प्रदान करेगा।
यह कार्यक्रम छात्रों को अंतःविषय अनुसंधान और अध्ययन के मौके देगा, जिससे उन्हें वैश्विक वातावरण में जल सुरक्षा चुनौतियों और जलवायु अनुकूलन क्षेत्रों से निपटने के लिए कौशल के साथ सशक्त बनाया जा सकेगा।
राज रेड्डी सेंटर फॉर टेक्नोलॉजी एंड सोसाइटी (आरसीटीएस) को 'स्वचालित कुपोषण का पता लगाने के लिए एआई' पर अपनी परियोजना के लिए सेंटीफिक से लगभग 18 लाख रुपये का वित्त पोषण प्राप्त हुआ है।
बेंगलुरु परिसर 200 करोड़ रुपये के निवेश से निर्मित है।यह लगभग 630,000 वर्ग फुट में फैला है और इसमें 8,000 से अधिक लोगों को समायोजित करने की क्षमता के साथ एक वैश्विक इनोवेशन केंद्र, प्रशिक्षण केंद्र, अनुसंधान एवं विकास केंद्र, कौशल केंद्र और डिजिटल हब की सुविधा है।
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास एक शोध फाउंडेशन शुरू कर रहा है, जो संस्थान के अनुसंधान और नवाचार पहलों के लिए वैश्विक बाजारों, पूंजी और वित्त पोषण तक पहुंच बनाकर अपनी वैश्विक आकांक्षाओं को आगे बढ़ाने का प्रयास करेगा।
आईआईटी रूड़की को कुल 24.66 करोड़ रुपये का अनुदान मिला है, जिसमें एमएचआई ने 19.87 करोड़ रुपये का योगदान दिया है, जबकि 4.78 करोड़ रुपये उद्योग से मिले हैं।
स्मार्ट स्कूल एक परिवर्तनकारी शैक्षिक बदलाव का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो आकर्षक, व्यक्तिगत शिक्षण वातावरण बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का लाभ उठाते हैं। छात्रों के लिए लाभ स्पष्ट हैं, जिनमें बेहतर जुड़ाव, व्यक्तिगत शिक्षा और विविध संसाधनों तक पहुंच शामिल है।