आवेदकों के संख्या के आधार पर यदि किसी विषय की परीक्षा ऑफलाइन मोड में किए जाने का निर्णय लिया जाता है, तो इसके लिए स्कूलों और कॉलेजों में केंद्र बनाए जाएंगे।
यह इंटर्नशिप छात्रों को अपने सैद्धांतिक ज्ञान को वास्तविक दुनिया में लागू करने की अनुमति देगी। इसके अलावा, यह उन्हें मोटर वाहन क्षेत्र में अपना करियर शुरू करने में भी सक्षम बनाएगा।
'आंत्रप्रेन्योर इंडिया' के 'इंडिया एजुकेशन कांग्रेस-2024' में बतौर कीनोट स्पीकर सीबीएसई के निदेशक (कौशल शिक्षा) डाॅ. बिस्वजीत साहा ने 'नेशनल कुरिकुलम फ्रेमवर्क' को वर्ष 2047 तक भारत को 'मैन्युफैक्चरिंग हब' बनाने की भारत सरकार की तैयारी का हिस्सा बताया।
यह प्लेटफॉर्म दुनिया भर में होने वाली व्यापार गतिविधियों की जानकारी देगा। इसमें भारत के विभिन्न देशों के साथ हुए मुक्त व्यापार समझौतों (FTA) से मिलने वाले फायदों की जानकारी भी शामिल होगी।
साझेदारों का लक्ष्य एक हाई-स्पीड प्रीमियम इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन विकसित करना है जो सॉलिड-स्टेट बैटरी का उपयोग करेगा।इस साझेदारी में 50 मिलियन डॉलर (416 करोड़ रुपये) तक का निवेश होगा।
चार वर्षीय स्नातक डिग्री वाले उम्मीदवार अब सीधे पीएचडी कर सकते हैं और नेट के लिए उपस्थित हो सकते हैं। ऐसे उम्मीदवारों को उस विषय में उपस्थित होने की अनुमति है, जिसमें वे पीएचडी करना चाहते हैं।
उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि पोर्टल के समग्र कार्यान्वयन के लिए टीम वर्क आवश्यक है, जिसके लिए उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रत्येक अधिकारी और कर्मचारी को पूरे समर्पण के साथ काम करने के लिए कहा।
फिजिक्स वाला ने दिल्ली के प्रीत विहार में अपने 5वें तकनीक-सक्षम ऑफ़लाइन विद्यापीठ केंद्र का शुभारंभ किया। शैक्षणिक वर्ष 2024-2025 के लिए जल्दी नामांकन करने वाले छात्रों को 30 प्रतिशत की अतिरिक्त छूट की पेशकश कर रहा है। इसके अलावा उद्घाटन के लिए पीडब्लू के सीईओ ऑनलाइन, अतुल कुमार और पीडब्ल्यूसीआईएफ बिजनेस कोलाबोरेशन ऑफिसर देबब्रत दास मौजूद थे।
सभी चार्जिंग पॉइंट आरएफआईडी (रेडियो-फ़्रीक्वेंसी पहचान) कार्ड सक्षम लेनदेन की अनुमति देते हैं, जिसने चार्जिंग अनुभव को और भी निर्बाध बना दिया है, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि उपभोक्ता बिना किसी परेशानी के टैप, चार्ज और जा सकते हैं।
डलहौजी विश्वविद्यालय, कनाडा के साथ संयुक्त डॉक्टरेट कार्यक्रम स्थापित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया गया है। इस कार्यक्रम को दोनों संस्थानों के विद्वानों और छात्रों के बीच गतिशील अनुसंधान सहयोग को बढ़ावा देने के लिए तैयार किया जा रहा है।