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- ईवी सेक्टर में तकनीकी इनोवेशन से भारतीय अर्थव्यवस्था को नई दिशा देगा JBM
जेबीएम ग्रीन एनर्जी सिस्टम के सीईओ और बिजनेस यूनिट हेड अरुण कपूर ने ईवी और ई-मोबिलिटी के क्षेत्र में कंपनी की प्रगति और भविष्य की योजनाओं पर अपने विचार साझा किए। JBM न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी ग्रीन टेक्नोलॉजी और स्वचालित समाधानों के माध्यम से ईवी स्पेस में क्रांति ला रही है।
जेबीएम (JBM) का दृष्टिकोण केवल वाहनों के निर्माण तक सीमित नहीं है, बल्कि एक समग्र ईकोसिस्टम तैयार करने पर केंद्रित है, जिसमें चार्जिंग सिस्टम, ई-मोबिलिटी प्लेटफॉर्म और ई-एनर्जी जैसे क्षेत्रों को शामिल किया गया है। कंपनी का लक्ष्य न केवल भारत में बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी अपने उत्पादों और सेवाओं का विस्तार करना है। सुरक्षित, लॉन्ग-लास्टिंग और अलग-अलग भौगोलिक और जलवायु परिस्थितियों में उपयोग किए जा सकने वाले बैटरी सिस्टम्स तैयार करना JBM की प्राथमिकताओं में शामिल है। इसके साथ ही, कंपनी ने आधुनिक तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), मशीन लर्निंग (ML), डिजिटल ट्विन और एडवांस्ड ड्राइवर असिस्टेंस सिस्टम्स (ADAS) का उपयोग करके अपने वाहनों को अधिक सुरक्षित, कनेक्टेड और प्रेडिक्टेबल बनाने का लक्ष्य रखा है।
JBM ईवी और ई-मोबिलिटी के क्षेत्र में कैसे आगे बढ़ रहा है? और JBM इस दिशा में क्या नया ला रहा है?
अरुण कपूर: JBM का ध्यान ईवी और ई-मोबिलिटी के लिए एक संपूर्ण इकोसिस्टम तैयार करने पर है। इसमें चार्जिंग सिस्टम, ई-मोबिलिटी और ई-एनर्जी शामिल हैं, जो तीन वर्टिकल्स के रूप में एक साथ काम कर रहे हैं। ई-मोबिलिटी वह प्लेटफ़ॉर्म है जो भविष्य की ग्रीन टेक्नोलॉजी को संचालित करेगा। हमारा ध्यान हमारे उत्पादों के फुटप्रिंट को भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ाने पर है। हम सुरक्षित और लॉन्ग-लास्टिंग बैटरी सिस्टम्स पर काम कर रहे हैं, जो विभिन्न देशों, जलवायु और भौगोलिक परिस्थितियों में उपयोग किए जा सकते हैं। इसके अलावा, हमारी बसों को सुरक्षित और अधिक स्वचालित बनाने के लिए हम ADAS, डिजिटल ट्विन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और मशीन लर्निंग जैसी तकनीकों का उपयोग कर रहे हैं, जिससे वाहनों का व्यवहार प्रेडिक्ट किया जा सके और उन्हें समय पर मेंटेन किया जा सके।
2024 में JBM की प्रमुख उपलब्धियां क्या रही हैं?
अरुण कपूर: 2024 में हमने कई उपलब्धियां हासिल कीं। हमने बस निर्माण के लिए गीगाफैक्ट्री की स्थापना की है और बस स्पेस में कई बड़े टेंडर जीते हैं। हमने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है। अगले 2-3 महीनों में आप हमें मिडिल ईस्ट, साउथ ईस्ट एशिया और यूरोप में देखेंगे। साथ ही,भारत में बैटरी सिस्टम्स के लिए एक गीगावॉट स्तर की फैक्ट्री भी स्थापित हो रही है, जो देश की सबसे बड़ी फैक्ट्रियों में से एक होगी।
2025 के लिए JBM की क्या योजनाएं हैं?
अरुण कपूर: वर्ष 2025 में हमारा ध्यान एडवांस बैटरी सिस्टम्स पर रहेगा। हम 4 गीगावॉट घंटे की बैटरी विस्तार परियोजना पर काम कर रहे हैं। यह न केवल ऑटोमोटिव सेक्टर बल्कि कमर्शियल व्हीकल्स, थ्री-व्हीलर्स, पैसेंजर व्हीकल्स और बैटरी एनर्जी स्टोरेज सिस्टम्स के लिए भी उपयोगी होगी। इसके साथ ही, बैटरियों के सेकंड-लाइफ उपयोग पर भी हमारा ध्यान होगा। इसके अलावा, आप हमारी उपस्थिति और अधिक स्वचालित और एआई सिस्टम्स के साथ सड़कों पर देखेंगे।
क्या ईवी भारतीय अर्थव्यवस्था पर प्रभाव डाल रही है ?
अरुण कपूर: ईवी का भारत की अर्थव्यवस्था पर एक बड़ा सामाजिक-आर्थिक प्रभाव होगा। यह कार्बन फुटप्रिंट को कम करेगा और प्रदूषण में कमी लाएगी, खासकर दोपहिया वाहनों से होने वाले उत्सर्जन में। इसके अलावा, यह क्लीन ऑर्गनाइजेशन, कनेक्टेड सिस्टम्स और प्लेटफ़ॉर्म-बेस्ड व्हीकल्स को प्रोत्साहित करेगी। इससे पूरे मोबिलिटी स्पेस में क्रांति आएगी और JBM भारतीय अर्थव्यवस्था में एक बड़ी भूमिका निभाएगा।
निष्कर्ष:
जेबीएम ग्रीन एनर्जी सिस्टम ई-मोबिलिटी और ईवी के क्षेत्र में तकनीकी इनोवेशन और स्थिरता को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। अपनी गीगाफैक्ट्री, अंतरराष्ट्रीय विस्तार, और उन्नत बैटरी सिस्टम्स के साथ जेबीएम भारत और दुनिया भर में हरित भविष्य की ओर एक मजबूत कदम बढ़ा रहा है।