इलेक्ट्रिक वाहन

ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन और टेक्नोलॉजी में भारत सरकार की पहल

Nitika Ahluwalia
Nitika Ahluwalia Dec 28, 2024 - 3 min read
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भारत सरकार ने फेम- I और फेम- II योजनाओं के तहत ईवी को प्रोत्साहित करने के लिए सब्सिडी दी है। पीएम ई-बस सेवा योजना में OPEX और PPP मॉडल को अपनाकर हरित परिवहन को बढ़ावा दिया जा रहा है। साथ ही, एग्रीगेशन मॉडल के जरिए ईवी की लागत को कम किया जा रहा है।

भारत सरकार सस्टेनेबल ट्रांसपोर्टेशन को बढ़ावा देने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। इलेक्ट्रिक वाहनों और ग्रीन टेक्नोलॉजी से न केवल प्रदूषण कम होगा, बल्कि देश में सस्ती और प्रभावी सार्वजनिक परिवहन सुविधाओं का भी विस्तार होगा। इस इंटरव्यू में भारत सरकार  के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय ((MOHUA) में डायरेक्टर (यूटी) भानु प्रताप सिंह भदौरिया ने इस दिशा में किए जा रहे विभिन्न सरकारी प्रयासों और योजनाओं पर प्रकाश डाला। 

सरकार ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन और ग्रीन टेक्नोलॉजी को बढ़ावा देने के लिए क्या कदम उठा रही है? ससटेनेबल ट्रांसपोर्टेशन

भानु प्रताप सिंह भदौरिया:  भारत सरकार ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन और टेक्नोलॉजी पर बहुत ध्यान दे रही है। FAME-I और FAME-II योजनाओं के तहत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहन, बस, दोपहिया, तिपहिया और चारपहिया को बढ़ावा देने के लिए पूंजीगत सब्सिडी दी है। इसके अलावा, 16 अगस्त 2023 को भारत सरकार ने नई योजना पीएम ई-बस सेवा योजना शुरू की है। 

इस योजना में OPEX मॉडल अपनाया गया है। इसमें पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल (PPP) के तहत ऑपरेटर बस खरीदेंगे, उसका रखरखाव करेंगे, और ड्राइवर उपलब्ध कराएंगे। उन्हें प्रति किलोमीटर के आधार पर शुल्क दिया जाएगा, और सरकार प्रति किलोमीटर सब्सिडी देगी। यह योजना अधिक प्रभावी साबित होगी।

इसके साथ ही, हम इलेक्ट्रिक इंफ्रास्ट्रक्चर का भी सपोर्ट कर रहे हैं। शहरों में पावर कनेक्शन और सिविल डिपो की आवश्यकता है। इसलिए ग्रीन टेक्नोलॉजी पर बहुत जोर दिया जा रहा है। अगले साल से छोटे शहरों में (2011 की जनगणना के अनुसार 3-40 लाख जनसंख्या वाले शहरों) पीएम ई-बस सेवा के तहत बसें चलने लगेंगी, जिससे छोटे शहरों में सार्वजनिक परिवहन में वृद्धि होगी।

इलेक्ट्रिक वाहनों को सस्ती बनाने के लिए सरकार क्या कर रही है?

भानु प्रताप सिंह भदौरिया: इलेक्ट्रिक वाहनों को सस्ती बनाने के लिए सरकार ने एग्रीगेशन मॉडल अपनाया है। इससे लागत में कमी आएगी। इसके तहत, पहले भी एग्रीगेशन टेंडर निकाले गए हैं। हमारी सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी CESL (Convergence Energy Services Limited) ने ग्रांट चैलेंज और NABP टेंडर आयोजित किए हैं।

पीएम ई-बस सेवा योजना के तहत हम शहरों से मांग एकत्रित करते हैं और फिर टेंडर करते हैं। इस प्रक्रिया से ग्रॉस कॉस्ट कॉन्ट्रैक्ट (GCC) की लागत अपेक्षाकृत कम हो जाती है। इस प्रकार, सार्वजनिक परिवहन की लागत कम हो रही है और हरित परिवहन को बढ़ावा मिल रहा है।

ग्रीन टेक्नोलॉजी के भविष्य को लेकर आपके क्या विचार हैं?

भानु प्रताप सिंह भदौरिया: ग्रीन टेक्नोलॉजी भविष्य का रास्ता है। इससे न केवल प्रदूषण में कमी आएगी, बल्कि हमारे शहर अधिक टिकाऊ और पर्यावरण के अनुकूल बनेंगे। सरकार की योजनाएं और पहलें देश के लिए ये योजनाएं देश के लिए एक नया और हरित भविष्य बनाने में बहुत अहम साबित होंगी।

निष्कर्ष

भारत सरकार के इन प्रयासों से ग्रीन ट्रांसपोर्टेशन और टेक्नोलॉजी को नया आयाम मिल रहा है। FAME योजनाओं से लेकर पीएम ई-बस सेवा तक, ये कदम देश को स्वच्छ, सस्ता, और सस्टेनेबल परिवहन प्रदान करने में अहम भूमिका निभाएंगे। ग्रीन टेक्नोलॉजी का यह विकास हमारे पर्यावरण और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए लाभकारी साबित होगा।

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