यह इंटरव्यू टाटा मोटर्स के इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) क्षेत्र में किए जा रहे इनोवेशन, वर्तमान प्रगति और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डालता है। टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल लिमिटेड के लीड सिमुलेशन और एडवांस टेक्नोलॉजी प्रमुख संबाजी जयभाय और जनरल मैनेजर संगीत हरि कपूर ने ईवी उद्योग में टाटा मोटर्स की वर्तमान स्थिति, 2025 तक के रोडमैप और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर जैसे प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की। उन्होंने ईवी तकनीक, भविष्य की योजनाओं और भारत में इलेक्ट्रिफिकेशन के विकास को लेकर टाटा मोटर्स की प्रतिबद्धता पर भी अपने विचार साझा किए।
टाटा मोटर्स ईवी सेक्टर में कैसे आगे बढ़ रहा है?
संबाजी जयभाय: टाटा मोटर्स का भारत में ईवी सेगमेंट में अच्छा प्रेजेंस है। हमारे पास पहले से आईसीई प्लेटफॉर्म पर आधारित ईवी हैं और भविष्य में हम बॉर्न ईवी लेकर आ रहे हैं। तो निश्चित ही, टाटा मोटर्स के पास आने वाले वर्षों के लिए एक बहुत अच्छा प्लान है। इस पर कपूर सर कुछ और जोड़ सकते हैं।
संगीत हरि कपूर: देखिए, ईवी का भविष्य बहुत अच्छा है। हमने एसएई इंडिया इंटरनेशनल मोबिलिटी कॉन्फ्रेंस (SIIMC) में आकर जो प्रस्तुतियाँ सुनीं, उनसे यह स्पष्ट है कि अन्य बाजारों में भी ईवी की वृद्धि अच्छी है। सरकार द्वारा दिए गए प्रोत्साहनों के बाद भी इसमें उतार-चढ़ाव आता है, लेकिन फिर से प्रोत्साहन मिलने पर यह बढ़ता है। तो हम इस यात्रा के शुरुआती चरणों में हैं और यह निश्चित रूप से आगे बढ़ने का रास्ता है।
ईवी उद्योग में व्यवसायी किन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं और वे कैसे आगे बढ़ रहे हैं?
संगीत हरि कपूर: अगर हम चुनौतियों की बात करें तो सबसे बड़ी चुनौती चार्जिंग की है। सरकार अब इस क्षेत्र में बड़ा पुश दे रही है और टाटा समूह भी ईवी चार्जर्स की संख्या बढ़ाने में जुटा है, न केवल आवासीय क्षेत्रों में, बल्कि हाईवे पर भी। इसका एक ठोस प्लान है जो तेजी से लागू हो रहा है। बहुत जल्द हम उस tipping point पर पहुंचेंगे, जहां यह चुनौती समाप्त हो जाएगी। यही रेंज एंग्जायटी (range anxiety) कहलाती है। छोटे शहरों में लोग सुरक्षित महसूस करते हैं, लेकिन लंबी यात्रा पर वे सोचते हैं कि कहां चार्ज करेंगे। यह समस्या जल्द ही हल हो जाएगी। साथ ही, बैटरी तकनीक में सुधार के साथ ईवी की रेंज भी बढ़ रही है।
इलेक्ट्रिफिकेशन का भविष्य कैसा होगा और 2025 में टाटा मोटर्स की योजना क्या है?
संगीत हरि कपूर: कंपनी की योजना है कि 2025 तक कंपनी के पास 10 ईवी मॉडल्स हों। यह रोडमैप चल रहा है। हमारे नए मॉडल्स बहुत रोमांचक होंगे और सभी उम्र वर्गों द्वारा पसंद किए जाएंगे।
ईवी तकनीक के बारे में आपका क्या कहना है?
संबाजी जयभाय: ईवी तकनीक यूरोपीय देशों में पहले से स्थापित है। वहां पूरी तरह से इलेक्ट्रिक व्हीकल (BEV) का चलन है। इसके अलावा, रेंज एक्सटेंडर इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की भी चर्चा हो रही है, लेकिन अभी हम उस तकनीक से दूर हैं। कुछ चीनी निर्माता इसे ला रहे हैं। हाइब्रिड इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बात करें तो उनकी कीमत अधिक होती है क्योंकि इसमें आईसी इंजन और बैटरी दोनों होते हैं। इसके अलावा, हाइब्रिड व्हीकल्स की मालिकाना और रखरखाव लागत भी अधिक होती है। तो, निश्चित रूप से, बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल (BEV) सबसे बेहतरीन और पर्यावरण के अनुकूल समाधान है। टाटा मोटर्स में हम भारतीय जरूरतों के हिसाब से इस तकनीक पर काम कर रहे हैं।
वर्ष 2025 के लिए आपकी योजना क्या है?
संबाजी जयभाय: 2025 तक टाटा के पास जितने भी इलेक्ट्रिक व्हीकल्स होंगे, वे ऊर्जा दक्ष (energy efficient) और कम मालिकाना लागत वाले होंगे।
संगीत हरि कपूर: मैं इस पर थोड़ा और जोड़ना चाहूंगा कि 2025 के लिए आपने जो सवाल पूछा, तो जनवरी 2025 में ऑटो एक्सपो और भारत मोबिलिटी शो होगा। मैं सभी दर्शकों को आमंत्रित करता हूं कि वे आएं और देखें कि हम कैसे इस क्षेत्र में आगे बढ रहे हैं और टाटा मोटर्स भविष्य में क्या पेश करेगा।
निष्कर्ष
टाटा मोटर्स ने भारतीय इलेक्ट्रिक व्हीकल (ईवी) बाजार में अपनी मजबूत स्थिति स्थापित की है और भविष्य में इसके और विस्तार करने की योजना है। कंपनी का उद्देश्य नए ईवी मॉडल पेश करना है, जो सभी आयु वर्ग के लोगों को आकर्षित करेंगे। सरकार और टाटा समूह की ओर से चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर में तेजी से सुधार हो रहा है, जिससे रेंज एंग्जायटी जैसी चुनौतियां हल हो जाएंगी। ईवी तकनीक के क्षेत्र में टाटा मोटर्स बैटरी इलेक्ट्रिक व्हीकल (BEV) और भारतीय जरूरतों के हिसाब से बेहतर समाधान पर काम कर रही है। आने वाले वर्षों में टाटा मोटर्स का ईवी क्षेत्र में और भी योगदान देखने को मिलेगा, जो न केवल पर्यावरण के अनुकूल होगा, बल्कि उपयोगकर्ताओं के लिए भी लाभकारी होगा।