
टेलीकॉम सेक्टर में अपनी मजबूत पहचान बना चुकी कांथी शेट्टी, एयरकॉम सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड की मैनेजिंग डायरेक्टर हैं। उनका सफर बेहद प्रेरणादायक रहा है—एक छोटे से गांव से बेंगलुरु तक का सफर, दो बेटियों की परवरिश के साथ एक सिंगल मदर के रूप में व्यवसाय खड़ा करना, और तमाम चुनौतियों का सामना करते हुए 25 सालों में अपनी कंपनी को 120 कर्मचारियों तक ले जाना।
इस इंटरव्यू में कांथी शेट्टी ने अपनी उद्यमशीलता यात्रा, एयरकॉम सॉल्यूशंस के विकास, एमएसएमई सेक्टर में कंपनी की भूमिका, सरकारी प्रोजेक्ट्स और भविष्य की योजनाओं पर चर्चा की। साथ ही, उन्होंने नम्मा कुटीरा फाउंडेशन (Namma Kutira Foundation) के जरिए समाज सेवा के प्रति अपनी प्रतिबद्धता भी साझा की। आइए जानते हैं उनकी कहानी, जो मेहनत, समर्पण और आत्मनिर्भरता की मिसाल है।
एयरकॉम सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड के बारे में बताएं और यह वर्षों में कैसे विकसित हुआ?
कांथी शेट्टी: एयरकॉम सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना मार्च 2000 में एक छोटे व्यवसाय के रूप में हुई थी। उस समय मेरी स्थिति काफी कठिन थी। मैं एक गांव से बेंगलुरु आई थी और दो छोटी बेटियों की अकेले परवरिश कर रही थी। शुरुआत में हमारे पास सिर्फ आठ कर्मचारी थे, लेकिन कड़ी मेहनत और लगन से हमने इसे बढ़ाया। आज, हमारे पास 120 से अधिक कर्मचारी हैं और हमारी कंपनी टेलीकॉम इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण स्थान बना चुकी है।
एमएसएमई सेक्टर में एयरकॉम सॉल्यूशंस किन प्रमुख उत्पादों और सेवाओं की पेशकश करता है?
कांथी शेट्टी: हमने शुरुआत में टेलीकॉम से संबंधित सेवाओं से की थी। हमने एयरटेल के साथ काम किया, जिसमें फर्स्ट-टाइम एक्टिवेशन, बिल डिलीवरी कॉल्स और टेली कॉलिंग जैसी सेवाएं शामिल थीं। समय के साथ हमने अपनी सेवाओं का विस्तार किया और विभिन्न सरकारी परियोजनाओं, किसान योजना और कॉल सेंटर सेवाओं में योगदान दिया। आज हम टेलीकॉम और कम्युनिकेशन से जुड़ी कई सेवाएं विभिन्न उद्योगों को प्रदान कर रहे हैं।
टेलीकॉम सेवाएं देने की प्रक्रिया क्या है?
कांथी शेट्टी: हमने सबसे पहले बुनियादी टेलीकॉम सेवाओं से शुरुआत की और धीरे-धीरे विभिन्न सरकारी और निजी परियोजनाओं में काम किया। हम कस्टमर सपोर्ट, कॉल सेंटर संचालन और सेवा वितरण जैसी सेवाएं प्रदान करते हैं, जिससे व्यवसायों और सरकारी परियोजनाओं को उनके लक्षित ग्राहकों तक पहुंचने में मदद मिलती है।
क्या एयरकॉम सॉल्यूशंस को कोई निवेश या सरकारी सहायता प्राप्त हुई है?
कांथी शेट्टी: शुरुआत में हमारे पास आठ निदेशक थे, लेकिन समय के साथ अधिकांश लोग छोड़कर चले गए, खासकर COVID-19 महामारी के दौरान। वह समय हमारे लिए बेहद कठिन था, लेकिन हमें ओवरड्राफ्ट (OD) और ऋण सुविधाओं के रूप में वित्तीय सहायता मिली। सिंडिकेट बैंक ने हमें उस कठिन समय में बहुत सहयोग दिया। मैंने सभी ऋण चुकता कर दिए और जो निदेशक कंपनी छोड़ चुके थे, उनके शेयर वापस खरीद लिए। आज, यह कंपनी पूरी तरह से मेरे और मेरी बेटियों के नेतृत्व में है।
एयरकॉम सॉल्यूशंस के भविष्य की क्या योजनाएं हैं?
कांथी शेट्टी: हम विभिन्न सरकारी परियोजनाओं में भागीदारी बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। वर्तमान में हमारी कंपनी सुचारू रूप से चल रही है और हम आगे और विस्तार करने की योजना बना रहे हैं। इसके अतिरिक्त, मैं ‘नम्मा कुटीरा फाउंडेशन’ के माध्यम से सामाजिक कार्यों में भी योगदान दे रही हूँ, जो पशु बचाव, वृद्धाश्रम और विशेष बच्चों के देखभाल जैसे कार्यों में संलग्न है। यह पहल मेरे दिल के बहुत करीब है, क्योंकि मुझे समाज को कुछ वापस देने में विश्वास है।
आपने इस व्यवसाय को शुरू करने का निर्णय क्यों लिया?
कांथी शेट्टी: जब मैंने 25 साल पहले शुरुआत की, तब सरकार की कोई सहायता योजना, जैसे मुद्रा योजना, उपलब्ध नहीं थी। वह बहुत कठिन समय था। मैंने 610 रुपये प्रति माह की नौकरी की थी, लेकिन आज मैं 50,000 रुपये से अधिक वेतन कई कर्मचारियों को दे रही हूँ। मेरा सफर मुश्किलों से भरा था, लेकिन मैंने हमेशा अपने सपने को साकार करने की ठानी थी।
क्या आप अपने कंपनी के टर्नओवर और वित्तीय वृद्धि के बारे में कुछ बता सकती हैं?
कांथी शेट्टी: शुरुआत में हमारा ध्यान केवल जीविका चलाने पर था, लेकिन समय के साथ हमारी कंपनी ने उल्लेखनीय वृद्धि की। आज, हम 100 से अधिक परिवारों को रोजगार प्रदान कर रहे हैं। महामारी का समय हमारे लिए बहुत कठिन था, लेकिन हमने कर्ज लिया, मेहनत की और व्यवसाय को पुनः मजबूत किया। अब हमारी कंपनी पुनः स्थिरता की ओर बढ़ रही है और हम आगे और विस्तार की योजनाओं पर काम कर रहे हैं।
निष्कर्ष
एयरकॉम सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड ने एक छोटे टेलीकॉम सेवा प्रदाता के रूप में शुरुआत की और आज यह कई उद्योगों और सरकारी परियोजनाओं के साथ कार्य कर रहा है। कांथी शेट्टी के नेतृत्व में, कंपनी ने न केवल व्यापारिक सफलता हासिल की, बल्कि समाज सेवा में भी योगदान दिया। उनका सफर दृढ़ संकल्प और संघर्ष का प्रेरणादायक उदाहरण है।